Anupriya Patel की नाराजगी खुलकर आई सामने, चिट्ठी लिख Yogi के फैसले पर जताई नाराजगी

NDA गठबंधन में दरार? BJP पर उठे सवाल... अपना दल का फूटा गुस्सा! गठबंधन में अपमान क्यों?  योगी को चिट्ठी लिख फैसले पर जताई नाराजगी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाल ही में एक नया विवाद सामने आया है…… जिसमें एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल)….. और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव देखने को मिल रहा है……. इस विवाद का केंद्र अपना दल (सोनेलाल) के कुछ पूर्व सदस्यों को बीजेपी द्वारा सरकारी निगमों….. और बोर्डों में दोबारा नियुक्त किया जाना है…… जिन्हें पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अपना दल (सोनेलाल) से निष्कासित कर दिया गया था……. वहीं इस मुद्दे पर अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया है……. और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इन नियुक्तियों पर आपत्ति जताई है…….

आपको बता दें कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन नियुक्तियों को तत्काल रद्द करने…… और गठबंधन धर्म की गरिमा बनाए रखने की मांग की है……. वहीं इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि अपना दल (सोनेलाल) एनडीए का महत्वपूर्ण हिस्सा है…… और लंबे समय से उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों में योगदान दे रहा है…… और उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जिन दो नेताओं मोनिका आर्या….. और अरविंद बौद्ध को दोबारा नियुक्त किया गया है…… उन्हें तीन साल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के कारण निष्कासित कर दिया गया था……

आपको बता दें कि अपना दल (सोनेलाल) उत्तर प्रदेश की एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है……. जिसकी स्थापना 1995 में डॉ. सोनेलाल पटेल ने की थी…… यह पार्टी मुख्य रूप से कुर्मी समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है…… और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में इसका खासा प्रभाव है……. वर्तमान में पार्टी की कमान अनुप्रिया पटेल के हाथों में है…….. जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं…… अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से सांसद हैं…… और उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन का हिस्सा है…… जिसका नेतृत्व बीजेपी करती है…..

हाल ही में अपना दल (सोनेलाल) ने कुछ नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों……. और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था…… जिनमें मोनिका आर्या और अरविंद बौद्ध दो प्रमुख नाम हैं……. मोनिका आर्या को पहले अपना दल (सोनेलाल) के कोटे से अपर शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किया गया था….. जबकि अरविंद बौद्ध को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य बनाया गया था……. हालांकि, तीन साल पहले इन दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया था……

वहीं विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी ने इन दोनों नेताओं को बिना अपना दल (सोनेलाल) से बात किए….. उनके पुराने पदों पर दोबारा नियुक्त कर दिया……. इस फैसले ने अपना दल (सोनेलाल) के नेतृत्व को नाराज कर दिया…….. क्योंकि उन्हें लगता है कि यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है…… और उनकी पार्टी की अनदेखी की गई है…… वहीं इस मुद्दे को लेकर अपना दल (सोनेलाल) के प्रदेश अध्यक्ष आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा……. जिसमें उन्होंने इन नियुक्तियों पर कड़ी आपत्ति जताई…… और इन नेताओं को तत्काल पदों से हटाने की मांग की……

आपको बता दें कि आर.पी. गौतम ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि अपना दल (सोनेलाल) लंबे समय से एनडीए का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है……. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों में योगदान दे रहा है…… और उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मोनिका आर्या और अरविंद बौद्ध को तीन साल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों……. संगठन के सिद्धांतों का उल्लंघन और अनुशासनहीनता के कारण निष्कासित किया गया था……. इसके बावजूद इन दोनों को दोबारा नियुक्त करना न केवल पार्टी के लिए अपमानजनक है…….. बल्कि यह गठबंधन की पारदर्शिता और विश्वास को भी कमजोर करता है……

बता दें कि अपना दल ने पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जताते हुए इन दोनों लोगों को तत्काल उनके पदों से हटाने की मांग की है…… वहीं अपना दल (सोनेलाल) ने इन दोनों के स्थान पर अपने कोटे से दो नए नाम सरकार को भेजे हैं…… जिन्हें नियुक्त करने की मांग की गई है……. वहीं पत्र में यह जोर दिया गया कि गठबंधन की गरिमा…… और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है…….. ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं का एनडीए के प्रति विश्वास बना रहे…… वहीं गौतम ने यह भी कहा कि यह कदम न केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को प्रभावित करता है…….. बल्कि यह कुर्मी समुदाय और अन्य समर्थकों के बीच भी गलत संदेश देता है……. और उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया ताकि गठबंधन की एकजुटता बनी रहे…….

वहीं इस विवाद के साथ-साथ अपना दल (सोनेलाल) में एक और चुनौती सामने आई है…….. कुछ बागी नेताओं ने ‘अपना मोर्चा’ नाम से एक नया संगठन बनाया है……… जिसका नेतृत्व चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल कर रहे हैं…… इन नेताओं ने अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं……. जिसमें पार्टी को ‘हाईजैक’ करने और कार्यकर्ताओं का अपमान करने जैसे दावे शामिल हैं……. और उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके पास अपना दल (सोनेलाल) के नौ विधायकों का समर्थन है…….. और वे जल्द ही बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे……

वहीं इस नए मोर्चे ने यह भी मांग की है कि डॉ. सोनेलाल पटेल की मृत्यु की सीबीआई जांच की जाए……. जिसे वे संदिग्ध मानते हैं……. इन बागी नेताओं का कहना है कि अनुप्रिया पटेल ने पार्टी को अपने निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया है……. और कुर्मी समुदाय के हितों की अनदेखी की है………. इस मोर्चे में कई प्रभावशाली नेता शामिल हैं……  इस नए संगठन के गठन ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है…….. खासकर पंचायत चुनावों और आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर……. यह कुर्मी वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है…… जो उत्तर प्रदेश में लगभग 8 फीसदी वोटों को प्रस्तुत करता है…….

उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन में बीजेपी के साथ कई क्षेत्रीय दलों से मिलकर बना है…… जिसमें अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसे दल शामिल हैं…… ये छोटे दल बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं……… क्योंकि वे तमाम जातीय समूहों और क्षेत्रों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके गठबंधन को मजबूती प्रदान करते हैं…….. हालांकि, गठबंधन के भीतर इस तरह के विवाद गठबंधन की एकता को कमजोर कर सकते हैं……

आपको बता दें कि अपना दल (सोनेलाल) ने हाल के लोकसभा चुनावों में मिर्जापुर सीट पर जीत हासिल की थी…… जहां अनुप्रिया पटेल ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 37,810 वोटों से हराया था…….. हालांकि, दूसरी सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा…… इस जीत के बावजूद पार्टी के भीतर असंतोष…… और बागी नेताओं की गतिविधियां अनुप्रिया पटेल के लिए चुनौती बन रही हैं……. इसके अलावा अपना दल (सोनेलाल) और बीजेपी के बीच यह पहला विवाद नहीं है……. पहले भी अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार पर सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया था…… इस बार बागी नेताओं की नियुक्ति का मुद्दा……. और ‘अपना मोर्चा’ का गठन गठबंधन के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है…….

बता दें कि बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में कुर्मी वोट बैंक महत्वपूर्ण है……. क्योंकि यह समुदाय राज्य की लगभग 8 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है……. बीजेपी ने पहले भी अपना दल (सोनेलाल) के साथ गठबंधन करके इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है……. हालांकि मोनिका आर्या और अरविंद बौद्ध की नियुक्ति का फैसला बीजेपी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है……. जिसमें वह बागी नेताओं को अपने पक्ष में करके अपना दल (सोनेलाल) के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही हो…….

वहीं अनुप्रिया पटेल ने इस पूरे घटनाक्रम को एक साजिश करार दिया है…….. डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती के मौके पर लखनऊ में आयोजित ‘जन स्वाभिमान दिवस’ कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने…… और साजिशों से सावधान रहने की अपील की…… उन्होंने कहा कि उनका दल सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है….. और किसी भी साजिश से नहीं डरेगा……. उनके पति और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने भी इसे एक षड्यंत्र बताया…… और कहा कि विरोध केवल शक्तिशाली और ईमानदार लोगों के खिलाफ होता है……

अनुप्रिया ने यह भी जोर दिया कि उनका दल एनडीए का हिस्सा है……. और उत्तर प्रदेश में 13 विधायकों के साथ मजबूत स्थिति में है….. और उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पार्टी को राज्य में नंबर एक बनाने का संकल्प लें……. हालांकि, बागी नेताओं के नए मोर्चे और बीजेपी के इस फैसले ने उनकी स्थिति को चुनौती दी है…….

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अपना दल (सोनेलाल) और बीजेपी के बीच यह विवाद न केवल गठबंधन की एकता के लिए चुनौती है…….. बल्कि यह कुर्मी समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों के वोट बैंक पर भी असर डाल सकता है……. अनुप्रिया पटेल ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल कार्रवाई की मांग की है……. दूसरी ओर, बागी नेताओं का ‘अपना मोर्चा’ और उनकी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की योजना इस विवाद को और गंभीर बना रही है…..

 

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