यूपी के हर जिले में बनेगा निर्यात हब : अनुप्रिया
- 2025 तक एक ट्रिलियन डालर का योगदान देगा यूपी
लखनऊ। 2025 तक भारत पांच ट्रिलियन डालर की आर्थिक ताकत बनने के लक्ष्य के साथ बढ़ रहा है, जिसमें यूपी एक ट्रिलियन की भागीदारी करेगा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि यूपी के हर जिले में निर्यात हब बनेगा। इन्वेस्टर्स समिट से सूबे में जहां निवेश बरस रहा है, वहीं केंद्रीय मंत्रालय ने उद्योगों को जमीन देने के लिए इंडस्ट्रियल लैंडबैंक बनाया है। कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का बड़ा फायदा यूपी को मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूपी के लिए अलग निर्यात नीति बनाई गई है। भारत यूएई, आस्ट्रेलिया, कनाडा समेत अन्य देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट-एफटीए कर रहा है, जिससे मझोले एवं लघु उद्यमियों को शून्य शुल्क पर ग्लोबल मार्केट मिलेगी। इसमें यूपी की बड़ी भागीदारी होगी। यहां पर कृषि, हैंडलम, फूड, चर्म एवं अन्य कई प्रकार के उद्योग हैं। एक जिला-एक उत्पाद के तहत जहां प्रदेश सरकार निवेशकों को तमाम सहूलियतें दे रही है, वहीं केंद्र सरकार हर जिले में एक्सपोर्ट हब बना रही। जिलों में एक कमेटी बनाकर निर्यात की सभी संभावनाओं को धार दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि निर्यातकों के खर्च को कम करने के लिए केंद्र सरकार देशभर में 35 मल्टीमाडल लाजिस्टिक पार्क बना रही है, जिसमें एक नोएडा में भी बनेगा। यहां एक छत के नीचे तमाम सुविधाएं होंगी। आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के जरिए उच्च तकनीकों को अपनाया जा रहा है। लाजिस्टिक पर खर्च 13 से अब आठ प्रतिशत करने का लक्ष्य है। यूपी में डेडीकेटेड फ्रेड कोरीडोर, नए एक्सप्रेस वे व हाइवे निर्माण तेज कर इकोनोमी को नई रफ्तार दी जा रही है। बिजली, इंटरनेट एवं ब्राडबैंड से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।
कोरोना के बावजूद बढ़ा निर्यात
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कोरोनकाल के दौरान औद्योगिक गतिविधियां रुक गई थीं, लेकिन भारत दुनिया में सबसे तेजी से रिकवर कर रहा है। मर्चेंटाइल का 675, जबकि सर्विस सेक्टर ने 254 बिलियन डालर का आंकड़ा पार किया। आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई। एफटीए यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए निर्यात की नई राहें खुल रही हैं। विश्व व्यापार संगठन में भारत ने विकसित एवं विकासशील देशों के साथ अलग-अलग नीतियों के साथ व्यापार करने का सुझाव रखा।
15 दिन में ईको पर्यटन विकास बोर्ड के गठन का प्रस्ताव
लखनऊ। उप्र में ईको पर्यटन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव 15 दिनों के अंदर तैयार करने के निर्देश संस्कृति व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अधिकारियों को दिए। ईको-पर्यटन विकास बोर्ड के गठन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में स्थित ईको-सिस्टम के तहत आने वाले स्थलों का संरक्षण, संवर्धन एवं इसका विकास कर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही रोजगार का सृजन एवं राजस्व में बढ़ोत्तरी करना है। पर्यटन, वन और आयुष विभाग आपस में समन्वय कर ईको टूरिज्म को बेहतर ढंग से बढ़ावा दे सकता है। राजधानी में पर्यटन भवन में इसे लेकर आयोजित बैठक में पर्यावरण, वन एवं जयवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना और आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर मिश्र दयालु भी मौजूद रहे। बैठक में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ईको पर्यटन विकास बोर्ड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गठित होगा। इसमें पर्यटन, वन और आयुष मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मध्य प्रदेश व कर्नाटक में ईको पर्यटन विकास बोर्ड के गठन से पहले और उसके बाद की स्थिति का अध्ययन करें। अच्छे कार्यों को यहां भी लागू किया जाएगा। बैठक में आयुष मंत्री दया शंकर मिश्र दयालु ने कहा कि मीरजापुर, सोनभद्र और चंदौली जिले ईको टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, इन्हें कार्य योजना में शामिल किया जाना चाहिए। बैठक में प्रमुख सचिव, पर्यटन मुकेश मेश्राम भी मौजूद रहे।