भारत में इंजीनियर नहीं हैं क्या, टाटा ने क्यों मांगे चीनी इंजीनियर!

चीन से इंजीनियर मांगने पर उठे सवाल

  • टाटा सोलर, रिन्यू और अवाडा इलेक्ट्रो ने सरकार को भेजे आवेदन
  • टाटा जैसी कंपनियों को चीन से क्यों मंगाने पड़ रहे हैं इंजीनियर
  • देश की तीन बड़ी कंपनियों ने की 36 इंजीनियर्स के वीजा की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी अक्सर मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की बात करते रहते हैं। वो टेक्नोलॉजी से लेकर अक्षय ऊर्जा और सौर ऊर्जा में भी भारत के आत्मनिर्भर बनने का दंभ भरते रहते हैं। लेकिन अब भारत की कंपनियों को ही अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए चीनी इंजीनियरों की जरूरत पड़ गई है। जहां एक ओर चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत हमारे घर में घुसता आ रहा है और हमारी सरकार चीनी प्रोडक्ट्स को बैन करने का दंभ भी भरती रहती है, वहीं दूसरी ओर देश की बड़ी कंपनियां ही चीनी इंजीनियरों की मदद ले रही हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं कि अक्षय ऊर्जा समय की मांग है और सौर ऊर्जा इसका बेहतरीन जरिया है। देश में कई बड़ी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश किया है, लेकिन अब उन्हें चीन के पेशेवरों की जरूरत है, इसलिए इन कंपनियों ने चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए वीजा आवेदनों के लिए सरकार से संपर्क साधा है। सूत्रों के मुताबिक, जनवरी से अब तक तीन कंपनियों ने 36 चीनी पेशेवरों के लिए कारोबारी वीजा की मांग की है। इनमें टाटा पावर सोलर लिमिटेड, रिन्यू पावर और अवाडा इलेक्ट्रो जैसी तीन बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

टाटा ने सर्वाधिक 20 चीनी इंजीनियरों के लिए मांगी मंजूरी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, टाटा पावर सोलर लिमिटेड ने 2024 में चीनी इंजीनियर द्वारा दायर 20 वीजा आवेदनों के लिए मंजूरी मांगी है। रिन्यू पावर ने नौ चीनी इंजीनियर के लिए वीजा का अनुरोध किया और अवाडा इलेक्ट्रो ने देश भर में जारी अपनी परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण सात पेशेवर के लिए वीजा आवेदन दिए हैं। इन कंपनियों ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एसईसीआई) को चीनी पेशेवरों की वीजा की मांग वाले ये आवेदन भेजे हैं। एसईसीआई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसी है। इसे आखिरी आवेदन इस हफ्ते ही भेजा गया है। इसके बाद एसईसीआई ने इन आवेदनों को मूल मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को भेज दिया। इस संबंध में टाटा पावर सोलर, रिन्यू और अवाडा को भेजे गए ई-मेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा सौर पैनल, इनवर्टर और टर्बाइन का उत्पादक और निर्यातक है। चीनी विशेषज्ञता की मांग इनके सौर मॉड्यूल की लागत-प्रभावशीलता और तकनीकी प्रगति से पैदा हुई हैै।

2030 तक अक्षय ऊर्जा से 500 गीगावाट बिजली का लक्ष्य

भारत ने 2030 तक सूर्य की रोशनी और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वह उच्च-स्तरीय उपकरणों तथा प्रौद्योगिकी के लिए चीन से आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, जो सौर पैनल का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक है। हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद से और सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत में चीनी कर्मियों के प्रवेश पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों से परियोजनाओं के तय समयसीमा पर पूरा होने में संदेह है।

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