अशोक मसाले के मालिक की कार से दबकर गार्ड की मौत

  • पीडि़त परिवार पर पैसे का दबाव बना रही पुलिस
  • न्याय और मुआवजे की मांग कर रहा परिवार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। वो कहते हैं न कि ‘सबसे बड़ा रुपैया’, अगर आप अरबपति और रईसजादे हैं तो फिर आपको किसी बात की कोई दिक्कत नहीं। फिर कानून, पुलिस और पत्रकार सब आपकी जेब में। फिर भले आप कुछ भी करो, आपको सबकुछ माफ। ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है कानपुर से।
जहां अशोक मसाले के मालिक के बंगले में उनकी कार से दबकर एक सिक्योरिटी गार्ड की मौत हो गई। इस मामले को लेकर सिक्योरिटी गार्ड के परिजन हंगामा कर रहे हैं, जबकि अशोक मसाले के रईसजादे मालिक के घर के लोगों का कहना है कि ये एक दुर्घटना है और ऐसा धोखे में हुआ है। मामले की जानकारी होने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस ने शव निकलवाने के साथ ही पार्किंग पर लगे सीसी कैमरे के फुटेज देखे तो घटनाक्रम सामने आया।
हादसे का शिकार हुए गार्ड का नाम आदित्य मिश्रा बताया जा रहा है। 35 वर्षीय आदित्य मौनी घाट आजाद नगर निवासी अशोक मसाले के मालिक अनुराग गुप्ता के बंगले पर सिक्योरिटी गार्ड था। आदित्य के परिवार में पत्नी रूबी और दो बच्चे हैं। शनिवार को बंगले की बेसमेंट स्थित पार्किंग में कारोबारी की गाड़ी से कुचलकर गार्ड की मौत हो गई। थाना प्रभारी नवाबगंज प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि छानबीन में यहां सीसीटीवी कैमरा लगा मिला। फुटेज खंगालने पर सामने आया कि कारोबारी बच्चों को स्कूल छोडऩे के बाद घर लौटे तो उन्होंने अपनी एमजी हैक्टर कार को बेसमेंट स्थित स्लोप पर खड़ा कर दिया था। कुछ देर बाद ड्यूटी पर आदित्य पहुंचे।
बेसमेंट स्थित पार्किंग में बाइक खड़ी करने के लिए वह स्लोप पर खड़ी कार के बगल से बाइक नीचे ले जा रहे थे। इसी दौरान बाइक कार से टकरा गई। स्लोप होने के चलते गाड़ी में झटका लगने से हैंडब्रेक छूटा होगा। जैसे ही आदित्य बेसमेंट में पहुंचे। स्लोप पर खड़ी कार भी पीछे से आ गई। सामने दीवार होने से आदित्य बाइक समेत कार और दीवार के बीच फंसकर दब गए। जिससे उनकी मौत हो गई। थाना प्रभारी नवाबगंज ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है।

दोषियों पर हो कार्यवाही: पीड़ित परिवार

हालांकि, आदित्य के परिजन शव रखकर हंगामा कर रहे हैं और दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर पुलिस एक रईसजादे के चक्कर में सिक्योरिटी गार्ड के घरवालों की सुनने की फिराक में नहीं है। पुलिस मामले को दुर्घटना बताकर रफा-दफा करना चाह रही है। अभी तक पीडि़त परिवार की एफआईआर भी नहीं लिखी गई है। पीड़ित परिवार को पैसे का रौब दिखाकर दबाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उससे कहा जा रहा है कि चाहे जितने पैसे ले लो बस मामले को यहीं खत्म कर दो। पुलिस रईसज़ादे के बचाव में खड़ी है। ऐसे में अगर मामले में एफआईआर होगी भी तो ऐसी धाराओं में होगी कि आराम से जमाल मिल जाए। फिलहाल हम ये ही उम्मीद करते हैं कि मामले की ईमानदारी से जांच की जाए।

बिहार में फिर जहरीली शराब का तांडव, अब तक 16 की मौत

  • 12 की हालत गंभीर, परिजन बोले-खेत में थी शराब की पार्टी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का तांडव देखने को मिला। प्रदेश के मोतिहारी जिले में पिछले दो दिनों से जहरीली शराब लोगों को अपना शिकार बना रही है। शुक्रवार को हुईं दो मौतों के बाद आज दोपहर तक 16 लोगों की जान जाने की जानकारी सामने आ चुकी है। हलांकि, इस मामले में कुछ लोग जहां इन मौतों का जिम्मेदार डायरिया या फूड प्वाइजनिंग को बता रहे हैं वहीं परिजन जहरीली शराब को जिम्मेदार मान रहे हैं।
सबसे अधिक तुरकौलिया से 11, हरसिद्धी से 3 और पहाड़पुर से 2 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों के परिजनों का कहना है कि गुरुवार शाम गेहूं की फसल काटने के बाद खेत में शराब पार्टी हुई थी। रात में घर आकर सो गए। सुबह कई लोगों की तबीयत बिगडऩे लगी। अस्पताल में पहले पिता-पुत्र ने दम तोड़ा। इसके बाद प्रशासन ने गांव में मेडिकल टीम भेजी।

खाई में गिरी बस, 12 लोगों की गई जान

  • हादसों का शनिवार: मुंबई-पुणे राजमार्ग पर हुआ भीषण हादसा, 27 लोग हुए घायल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रायगढ़/श्रावस्ती। शनिवार की सुबह कई तरह के हादसों की खबरें लेकर आई। आज तडक़े महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पुराने मुंबई-पुणे राजमार्ग पर एक बस के खाई में गिर जाने से बस में सवार कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक संगीत मंडली को लेकर पुणे से मुंबई जा रही निजी बस राजमार्ग पर शिंग्रोवा मंदिर के पास तडक़े चार बजकर 50 मिनट पर खाई में गिर गई। यह हादसा खोपोली थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ। अधिकारी ने कहा, बस में मुंबई स्थित गोरेगांव के ‘बाजी प्रभु वादक ग्रुप’ के सदस्य सवार थे। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोमनाथ घार्गे ने बताया कि हादसे में हताहत हुए लोग मुंबई के सायन एवं गोरेगांव इलाके और पड़ोसी पालघर जिले के विरार के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि घायलों को खोपोली ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

श्रावस्ती में पेड़ से टकराई अनियंत्रित कार, 6 की मौत

वहीं आज सुबह यूपी के श्रावस्ती में एक भीषण सडक़ हादसा हो गया। जिसमें करीब 6-7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8-10 लोग घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह नेशनल हाईवे-730 पर एक इनोवा कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई है। हादसा इकौना थाना क्षेत्र के सोन नदी के पास सुबह करीब 4 से 5 बजे के पास हुआ है। एसपी प्राची सिंह ने बताया कि कार सवार लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लुधियाना से करमोहना आ रहे थे। तभी सोन नदी के पास कार असंतुलित होकर पेड़ से टकरा गई। वहां से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने राहगीरों की मदद से लोगों को कार से निकाला और आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने 6 लोगों को मृत घोषित कर दिया। सभी घायलों का प्राथमिक उपचार पास के सीएचसी में हुआ। लेकिन बाद में उन्हें बहराइच रेफर कर दिया गया। सभी घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि ड्राइवर को नींद आने के चलते हादसा हुआ है। हालांकि, हादसे का मेन वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है। घायलों की स्थिति गंभीर है।

पुलवामा हमला गृह मंत्रालय की बड़ी गलती का नतीजा

  • सत्यपाल मलिक का दावा- 2019 के चुनाव में भाजपा ने उठाया हमले का फायदा
  • गवर्नर बोले-पीएम मोदी को भ्रष्टाचार से नहीं है नफरत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने देश की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। साथ ही मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर कुछ ऐसे दावे भी किए हैं, जिससे देश की राजनीति में भूचाल आ गया है। मोदी पर हमला बोलते हुए मलिक ने कहा कि फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की बहुत बड़ी गलती थी।
सतपाल मलिक के इस दावे के बाद अब देश की सियासत में भूचाल आ गया है। क्योंकि कांग्रेस समेत कई अन्य दलों ने इस दावे को लेकर देश की मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दरअसल, जिस समय में पुलवामा में यह आतंकी हमला हुआ था, सतपाल मलिक उस समय जम्मू-कश्मीर के ही राज्यपाल थे। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब इस हमले पर खुलासा करते हुए पूर्व राज्यपाल ने आरोप लगाया है कि पुलवामा हमला खासकर सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय की अक्षमता और लापरवाही का नतीजा था। मलिक ने दावा किया कि सीआरपीएफ ने अपने जवानों के लिए विमान मांगा था, लेकिन गृह मंत्रालय ने देने से इनकार कर दिया। उसके बाद सीआरपीएफ ने जिस-जिस सडक़ से जवानों को भेजा, पहले वहां की अच्छे से पड़ताल नहीं की। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दावा किया कि पुलवामा हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी और इस मामले पर किसी से ज्यादा नहीं बोलने की हिदायत दी थी। मलिक का आरोप है कि इसका मकसद चुनावों में सरकार और बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए पुलवामा हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोडऩा था, मुझे बाद में यह अहसास हुआ। सतपाल मलिक ने मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी को भ्रष्टाचार से कोई खास नफरत नहीं है।

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