आजम खान-अखिलेश यादव की मुलाकात, अखिलेश बोले- जज़्बातों ने खामोशी से बात की
आजम खान और अखिलेश यादव की बहुप्रतीक्षित मुलाकात 'शर्तों' के साथ हुई. आजम खान चाहते थे कि यह एक-से-एक मीटिंग हो, जो हुई भी. मुलाकात से सपा की रणनीति पर असर की उम्मीद है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आजम खान और अखिलेश यादव की बहुप्रतीक्षित मुलाकात ‘शर्तों’ के साथ हुई. आजम खान चाहते थे कि यह एक-से-एक मीटिंग हो, जो हुई भी. मुलाकात से सपा की रणनीति पर असर की उम्मीद है.
आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद उनकी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बहुप्रतीक्षित मुलाकात बुधवार को हो तो गई, लेकिन इसमें ‘टर्म्स एंड कंडीशन्स’ एप्लाइड थे. मतलब शर्तें आजम खान ने पहले ही रख दी थी. उन्होंने मुलाकात से एक दिन पहले मीडिया में बात करते हुए कहा कि वो केवल अखिलेश से मिलेंगे और अखिलेश भी केवल उनसे मिलेंगे. हुआ भी ऐसा ही. मुलाकात के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर तस्वीर ट्वीट की है. उन्होंने लिखा कि क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की. अखिलेश यादव जब लखनऊ से बरेली पहुंचे तब रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी उनके साथ थे, लेकिन बरेली से रामपुर का सफर अखिलेश यादव ने अकेले तय किया.
अकेले मतलब सपा के कोई कद्दावर नेता या यहां तक कि स्थानीय सांसद भी उनके साथ नहीं थे. आजम खान के जौहर यूनिवर्सिटी में जब अखिलेश का हेलीकॉप्टर उतरा तो आजम खान वहां उन्हें रिसीव करने के लिये मौजूद थे.
वहां से अखिलेश आजम खान के घर गए और दोनों की मुलाकात लगभग तीन घंटे हुई, जिसके दौरान आजम खान ने न केवल जौहर यूनिवर्सिटी के हेलिपैड पर अखिलेश को रिसीव किया, बल्कि एक ही गाड़ी में दोनों बैठ कर घर तक आए और घर के अंदर लगभग दो घंटे रहे.
खास बात ये रही कि ये मीटिंग पूरी तरह ‘वन टू वन’ रही. आजम खान के बेटे भी कहीं तस्वीर में नहीं दिखे. सांसद नदवी तो पहले ही बरेली रुक गए थे. इस पर जब अखिलेश और आजम से सवाल किया गया तो सीधे जवाब देने की बजाय दोनों नेताओं ने बात घूमा दिया. अखिलेश यादव ने कहा कि आज सिर्फ मैं आजम खान से मिलने आया हूं. आजम खान ने कहा कि मेरे बेटे भी साथ नहीं हैं.
बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जब समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे पर विचार हो रहा था तब इसकी शुरुआत हुई. आजम खान नहीं चाहते थे कि नदवी रामपुर से चुनाव लड़ें. जब अखिलेश यादव आजम खान से जेल में मिलने गए तो आजम खान ने अपनी इच्छा अखिलेश यादव के सामने रखी और कहा कि रामपुर से खुद अखिलेश यादव चुनाव लड़ जाएं, लेकिन जब फाइनल लिस्ट आई तो रामपुर से टिकट मौलाना नदवी को दिया गया.
आजम खान नदवी को जमीनी नेता नहीं मानते और इस निर्णय से वो नाराज हो गए. चुनाव प्रचार में आजम खान के समर्थकों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई और आजम खान की नाराज़गी उनके बयानों में झलकती रही. आज़म खान रामपुर में नदवी को हेलीकॉप्टर कैंडिडेट की तरह देखते हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि आज की मुलाकात के बाद आजम खान की नाराजगी कुछ कम हो जाएगी. अखिलेश यादव ने अपने बयानों से लगातार दर्शाया कि वो आज़म खान की फिक्र भी करते हैं और उनका सम्मान भी. PDA सरकार आने पर आजम खान के तमाम मुकदमे वापस लिये जाने की बात आज अखिलेश ने आजम खान के सामने फिर से दोहराई.



