आजम खां के समर्थकों ने सपा के खिलाफ खोला मोर्चा, पार्टी ने साधी चुप्पी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा संकट सामने खड़ा है। विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों के बढे हिस्से पर हाथ साफ करने वाली पार्टी के जेल में बंद नेता मोहम्मद आजम खां के पार्टी को बाय-बाय कहने के संकेत आ रहे हैं। कल उनके समर्थकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा। यहां तक कह दिया कि अखिलेश को हमारे कपड़ों से बदबू आती है। बयान आने के बाद सपा के नेताओं ने चुप्पी साध ली है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और रामपुर शहर से लगातार दसवीं बार विधायक चुने गए आजम खां इस समय जेल में बंद हैं। उनके नजदीकी समर्थकों ने पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाई, इसमें सीधे निशाने पर अखिलेश आ गए। आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने तो कह दिया कि चुनाव में पूरे प्रदेश में मुसलमानों ने सपा को एकतरफा वोट दिया, इससे ही सपा सवा सौ सीटों पर पहुंची। आरोप लगाया कि अब अखिलेश यादव मुसलमानों का साथ नहीं दे रहे हैं। आजम खां दो साल से भी ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद हैं, वह पार्टी के अहम नेता हैं लेकिन इसके बाद भी अखिलेश केवल एक बार उनसे मिलने जेल गए हैं। उन्हें विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तक नहीं बनाया गया।

पार्टी में मुसलमानों को भी कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। वह गुस्से में यहां तक बोल गए कि अब अखिलेश को हमारे कपड़ों से बदबू आती है। आजम खां जेल से रिहा होंगे तो हम उनसे बात करेंगे कि अब निर्णायक फैसला लें। शानू का यह कहना सामान्य बात नहीं है। वह अब तक आजम की स्वीकृति के बिना कभी कोई बयान नहीं देते हैं। जेल में जाने के बाद आजम की बात वही कहते रहे हैं। सूत्रों का कहना है आजम के नजदीकियों के बीच नई पार्टी के गठन पर बात भी चल रही है। माना जा रहा कि आजम को ज्यादातर मुकदमों में जमानत मिल चुकी है, ऐसे में वह जल्दी ही बाहर आ जाएंगे। उधर सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कहा कि पार्टी की बैठक में जो कहा गया है, उसको लेकर वह अखिलेश यादव को पूरी जानकारी भेजेंगे।

2009 में आजम ने डिंपल के खिलाफ किया था प्रचार
कभी मुस्लिमों में फायरब्रांड नेता की छवि रखने वाले आजम खां एक बार पहले भी सपा से दूर हो चुके हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में अमर सिंह के कहने पर मुलायम ने रामपुर से जया प्रदा को लोकसभा चुनाव लड़ा दिया था। इस पर गुस्साए आजम अलग हो गए थे। यहां तक कि फिरोजाबाद के चुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ प्रचार को पहुंच गए थे। वह चुनाव हार गई थीं। इसके बाद मुलायम उन्हें मनाने के लिए रामपुर आए थे।

एमएलसी चुनाव के बाद स्ट्रांग रूम पर सपा की पैनी नजर

प्रयागराज। आपको याद होगा कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ईवीएम की रखवाली करने के लिए स्ट्रांग के बाहर प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी बैठ गए थे। ऐसा इसलिए कि गड़बड़ी न हो सके। वहीं अब यूपी एमएलसी चुनाव 2022 के बाद स्ट्रांग रूम पर नजर रखने के लिए सपा प्रत्याशी के समर्थकों ने अफीम कोठी परिसर में डेरा डाल दिया है। इस बार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रत्याशी समर्थकों ने भी डेरा डाल दिया है। स्ट्रांग रूम में मतपेटिकाओं की सुरक्षा में पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात है। इसके अलावा परिसर में भी पैरा मिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात की गई है। विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र) के चुनाव में शनिवार को मतदान हो चुका है। कुल 2815 मतदाताओं में से 2794 मतदाताओं ने मतदान किया था। मतदान के बाद सभी बूथों से लाई गई मतपेटिका क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान अफीम कोठी में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी गई है।

स्ट्रांग रूम को सील करके सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। स्ट्रांग रूम गेट पर सीआरपीएफ के 21 जवान व परिसर में छह जवान तैनात हैं। इसके अलावा इंस्पेक्टर सहित दर्जन भर पुलिस कर्मी तैनात हैं। वहीं दूसरी ओर स्ट्रांग रूम पर नजर रखने के लिए शनिवार की रात से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के समर्थकों ने डेरा डाल दिया है। टेंट लगाकर तीन शिफ्ट में कार्यकर्ता निगरानी कर रहे हैं। इसी तरह सपा प्रत्याशी विजय यादव ने भी निगरानी के लिए कार्यकर्ताओं को अफीम कोठी परिसर में लगा रखा है। विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र) की सीट पर वर्ष 1998 से रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी का कब्जा है। इस बार अक्षय प्रताप सिंह अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनाव मैदान में है। भाजपा से पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह और सपा से जिला पंचायत सदस्य विजय यादव ने अपनी किस्मत आजमाई है।

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