बाबा रामदेव का बड़ा बयान, कहा- नाम बदलना व्यावहारिक और धार्मिक रूप से गलत

बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि, “सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे, इसलिए नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: अगले हफ्ते से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर देशभर में तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस वार्षिक धार्मिक आयोजन के दौरान लाखों शिवभक्त गंगाजल लाने के लिए यात्रा करते हैं। इसी बीच फिर वह पुराना विवाद चर्चा में है जिसमें ढाबा और होटल मालिक, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय से जुड़े यात्रा के दौरान अपने प्रतिष्ठानों केे नाम अस्थायी रूप से बदल देते हैं।

इस पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,“जैसे हमें हिंदू होने पर गर्व है, वैसे ही सभी मुसलमानों को भी अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए। नाम बदलना व्यावहारिक और धार्मिक रूप से भी गलत है।” बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि, “सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे, इसलिए नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है। इन लोगों को अपना असली नाम ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर लोगों की मर्जी होगी तो वे अपने आप होटल में खाना खाने आ जाएंगे।”

पिछले वर्षों में भी उठा है विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब कांवड़ यात्रा के दौरान होटल या ढाबों के नाम बदलने का मुद्दा उठाया गया हो। पिछले कुछ वर्षों में कई बार यह देखा गया है कि कुछ मुस्लिम व्यवसायी यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए अपने ढाबों और होटलों के नाम हिंदू नामों में बदल देते हैं, ताकि यात्रियों को सेवा देने में कोई परेशानी न हो। हालांकि, इस मुद्दे ने कई बार सामाजिक और धार्मिक स्तर पर विवाद को जन्म दिया है। बाबा रामदेव का बयान ऐसे समय में आया है जब प्रशासन कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है।

प्रशासन भी है सतर्क
कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन विशेष सतर्कता बरतता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय व्यवस्थाओं पर भी भारी दबाव पड़ता है। बाबा रामदेव के इस बयान के बाद इस विषय पर एक बार फिर सामाजिक और धार्मिक बहस तेज होने की संभावना है।

उन्होंने यह भी कहा, “सभी मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू हैं इसलिए नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है. हर किसी को अपना नाम उजागर करना चाहिए. अगर लोगों की मर्जी होगी तो वे उनके होटल या ढाबे पर आएंगे और खाना खाएंगे. नाम बदलकर बिजनेस करना व्यावहारिक और धार्मिक रूप से गलत है.” पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून कांवड़ मार्ग पर स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबा के मालिक ने विवाद बढ़ने के बाद इसे गुरुवार को बंद कर दिया पुलिस ने मामले में शामिल 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है.

मराठी और हिंदी विवाद पर क्या बोले रामदेव
इस मामले में मुजफ्फरनगर जिले के नई मंडी थाने के एसएचओ दिनेश चंद्र ने बताया कि पुलिस ने ढाबा मालिक दीक्षा शर्मा, संचालक सनावर समेत 5 लोगों के खिलाफ ढाबा के पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र की पिटाई करने का मामला दर्ज किया है. ढाबे का मालिकाना हक दीक्षा शर्मा के पास है जबकि सनावर इसका संचालन करता था. इसकी जानकारी देने के शक में धर्मेंद्र की पिटाई की गई थी. महाराष्ट्र में चल रहे मराठी और हिंदी विवाद पर स्वामी रामदेव ने कहा, “देश की सभी भाषाओं के साथ मराठी भाषा का भी सम्मान किया जाना चाहिए. लेकिन अलग-अलग भाषा, वर्ग संप्रदाय के आधार पर हिंदुओं को आपस में नहीं लड़ना चाहिए. इससे सनातन और राष्ट्रीय एकता को क्षति पहुंचती है.”

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