मर्यादा में रहें और विवादित बयानबाजी न करें मंत्री : सीएम योगी

  • उपचुनाव में पूरी ताकत के साथ जुटेगी सरकार

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को मंत्री पद की मर्यादा के अनुरूप व्यवहार करने और विवादित बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी है। मुख्यमंत्री ने खासतौर पर भाजपा की पूर्व राष्टï्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा के बयान पर स्वयं की ओर से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देने को कहा है। लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी मंत्री पद एवं दायित्व की मर्यादा के अनुरूप ही आचरण करें। मंत्री की ओर से दिए गए किसी भी विवादित बयान का जनता में संदेश जाता है और इसका प्रभाव सरकार की छवि पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्टï्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को विवादित बयान के बाद पार्टी ने निलंबित कर दिया है। फिर भी विवाद थम नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा के मामले में भाजपा की ओर से जो बयान जारी किया जाएगा, सभी मंत्रियों को उससे इतर कुछ नहीं बोलना है। उन्होंने मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के साथ प्रभार वाले जिलों में भी इस मुद्ïदे पर कानून व्यवस्था की निगरानी करने को कहा। सीएम योगी ने कहा आमजगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव में योगी सरकार पूरी ताकत के साथ जुटेगी। मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में पश्चिमी यूपी के मंत्रियों को रामपुर में तैनात किया गया। वहीं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में अवध और पूर्वांचल के मंत्रियों को आजमगढ़ में चुनाव प्रचार व प्रबंधन के लिए तैनात करने का निर्णय किया गया। बता दें कि उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक दोनों लोकसभा क्षेत्रों में सभा, रैलियां, रोड शो और चुनावी बैठकें करेंगे। वहीं आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद मंत्री समूह सभी 18 मंडलों के दौरे पर फिर जाएंगे। दूसरे दौर के बाद मंडलों की रिपोर्ट पेश करेंगे।

जमीन दान देने वालों के नाम से अस्पतालों का हो सकेगा नामकरण

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग अब आबादी क्षेत्र में जमीन खरीद कर नया अस्पताल बना सकेगा। यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन अस्पताल के लिए दान करता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम पर किया जा सकेगा। इस संबंध में नई नियमावली बनाई गई है। इस नियमावली को मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में अब तक सरकारी अस्पतालों का निर्माण ग्राम समाज अथवा अन्य सरकारी जमीन पर किया जाता है। यह जमीन आबादी क्षेत्र से काफी दूर होती है। ऐसे में यहां चिकित्सक व चिकित्साकर्मी रहने से कतराते हैं। सुनसान इलाके में अस्पताल होने से उनकी सुरक्षा भी प्रभावित होती है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई कि यदि आबादी क्षेत्र में अस्पताल रहे तो उसके रखरखाव व सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी और स्टॉफ भी रुकने से परहेज नहीं करेगा। इसके मद्ïदेनजर स्वस्थ्य विभाग ने अस्पताल निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण एवं क्रय किए जाने के संबंध में नई नियमावली तैयार की है। इस नियमावली के तहत आबादी क्षेत्र में अब स्वास्थ्य विभाग जमीन खरीद कर अस्पताल बनवा सकेगा।

इसी तरह यह भी विकल्प दिया गया है कि यदि कोई व्यक्ति आबादी क्षेत्र की जमीन दान में देता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम से किया जा सकेगा। भू-स्वामी अस्पताल के लिए आबादी क्षेत्र की जमीन दान करके उतनी ही सरकारी जमीन दूर दराज हासिल भी कर सकता है। नई नियमावली में यह भी व्यवस्था की गई है कि नए अस्पताल का निर्माण कराते वक्त यह देखा जाएगा कि संबंधित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में पहले से कोई सरकारी अस्पताल न हो। इसी तरह सामुदायिक एवं जिला अस्पताल से भी दूरी के मानक तय किए गए हैं।

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