उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले संजय राउत का बड़ा बयान, कहा- अंतरात्मा की आवाज को सुन कर मतदान करें

उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन ने सांसदों के लिए मॉक पोल आयोजित किया. संजय राउत ने कहा कि यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन ने सांसदों के लिए मॉक पोल आयोजित किया. संजय राउत ने कहा कि यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है.

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों के बीच विपक्षी गठबंधन INDIA ने आज (8 सितंबर) अपने सांसदों के लिए मॉक पोल आयोजित किया. यह अभ्यास दोपहर 2:30 बजे पुराने संसद भवन में होगा, जिसमें सभी सांसदों को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं.

इस मॉक पोल का उद्देश्य सांसदों को चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराना और वास्तविक मतदान के दौरान किसी भी गलती से बचाना है. इससे पहले एनडीए के सांसदों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अभ्यास किया था. वहीं राज्यसभा सांसद व शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है.

संजय राउत का कहना है कि कल एनडीए के लिए भी मॉक पोल हो गया, खुद पीएम भी मॉक पोल में बैठे थे, आज हम यानी विपक्षी दल मॉक पोल करेंगे, देश के जो सांसद होते हैं उनको भी मॉक पोल की जरूरत पड़ती है, एक अच्छा चुनाव हो रहा है, और बात ऐसी है कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, उपराष्ट्रपति पद संवैधानिक पद है और हमारे उम्मीदवार जस्टिस बी. सुधर्शन रेड्डी का और हमारा आह्वान है कि ये जो मतदान सांसद करेंगे वो राष्ट्र हित के लिए होना चाहिए, संविधान बचाने के लिए होना चाहिए, देश और हमारी अंतरात्मा की आवाज को सुन कर हमारे सांसदों को मतदान करना चाहिए.

उन्होंने कहा, “देश की हालत जिस तरह से हुई है, देश के पूर्व उपराष्ट्रपति आज भी गायब हैं, ये बताता है कि लोकतंत्र में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जो अपनी रीढ़ की हड्डी दिखाएगा इसको गायब किया जाएगा, तो आने वाले उपराष्ट्रपति पद को भी सावधान रहना चाहिए.”

आपको बता दें,कि इस तरह उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने अपने-अपने सांसदों को तैयार करने की कवायद तेज कर दी है. एक ओर एनडीए बहुमत दिखाने में जुटा है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे लोकतंत्र और संविधान की जंग के तौर पर पेश कर रहा है. अब देखना होगा कि अंतिम नतीजा किसके पक्ष में जाता है और सांसद अपनी अंतरात्मा की किस हद तक सुनते हैं.

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