टैरिफ वार के बीच ट्रंप को चीन का जवाब, यदि अमेरिका युद्ध चाहता है तो हम अंत तक लडऩे के लिए तैयार

नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में वापसी के बाद अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार तेज हो गया है। अमेरिका में चीनी दूतावास ने फेंटेनल मुद्दे पर ट्रम्प के टैरिफ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वाशिंगटन युद्ध चाहता है, तो बीजिंग ‘अंत तक लडऩे के लिए तैयार’ है। यह एक तरह के व्यापार युद्ध के बीच आया है जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे से आयात पर शुल्क लगा दिया है। एक्स पर दूतावास ने लिखा कि अगर अमेरिका वास्तव में फेंटेनाइल मुद्दे को हल करना चाहता है, तो एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करके चीन के साथ परामर्श करना सही बात है।
दूतावास ने साफ तौर पर कहा कि यदि अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो, या किसी अन्य प्रकार का युद्ध हो, हम अंत तक लडऩे के लिए तैयार हैं। इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने फेंटेनल मुद्दे को चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने के लिए ‘एक कमजोर बहाना’ बताया। मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि देश के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए चीन के जवाबी कदम पूरी तरह से वैध और आवश्यक थे।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन सहित अन्य देशों द्वारा उच्च शुल्क लगाए जाने की आलोचना की और इसे ‘‘बेहद अनुचित’’ करार दिया। ट्रंप ने साथ ही घोषणा की कि अगले महीने से जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे। राष्ट्रपति ने जवाबी शुल्क को लेकर अपना पक्ष रखा और कहा कि ये दो अप्रैल से लगाए जाएंगे। वह अन्य देशों से आयात पर वही शुल्क लगाना चाहते हैं, जो वे देश अमेरिका से होने वाले निर्यात पर लगाते हैं।
ट्रंप ने मंगलवार रात कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ शुल्क लगाए हैं और अब हमारी बारी है कि हम उन देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल करें। यूरोपीय संघ (ईयू), चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा क्या आपने उनके बारे में सुना है। ऐसे अनेक देश हैं जो हमारी तुलना में हमसे बहुत अधिक शुल्क वसूलते हैं। यह बिल्कुल अनुचित है।’’