सावधान! कोरोना के लक्षणों को लेकर सोशल मीडिया पर चला रहा है ये फर्जी मैसेज
चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी सरकार अलर्ट मोड पर है. इस बीच कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा है. कई ऐसे फर्जी मैसेज चल रहे हैं, जिनमें ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है. नए वेरिएंट को जानलेवा और अधिक संक्रामक बताया जा रहा है.इलाज के तरीकों और बचाव के बारे में गलत सूचनाएं दी जा रही है. इन फर्जी मैसेज में कहा गया है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट काफी खतरनाक है और इसका सही तरीके से पता लगाना आसान नहीं है.
नए वेरिएंट के लक्षण को लेकर भी गलत सूचना दी जा रही है. जिसमें कहा गया है कि इस वेरिएंट में खांसी नहीं होती है और बुखार नहीं आता है. इसके अलावा जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, गर्दन में दर्द, ऊपरी कमर दर्द, निमोनिया और भूख न लगना इसके हल्के लक्षण है. सोशल मीडिया पर ये गलत जानकारी दी जा रही है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 5 गुना अधिक खतरनाक है और इसकी तुलना में मृत्यु दर अधिक है. इसके लक्षण भी नजर नहीं आते हैं. संक्रमित होने के बाद मरीज की हालत बिगड़ रही है.
ओमिक्रॉन को लेकर ये गलत सूचनाएं भी दी जा रही
वायरस फेफड़ों को असर पहुंचा रहा है
कुछ मरीजों का चेस्ट एक्सरे करने पर निमोनिया की पुष्टि हो रही है
नेजल स्वैब से किया गया टेस्ट निगेटिव आ रहा है
ये वेरिएंट आसानी से कम्यूनिटी में फैल सकता है
इस वेरिएंट से फेफड़ों को नुकसान हो रहा है
गंभीर निमोनिया और सांस की परेशानी हो सकती है
अब आने वाली कोविड की लहर काफी खतरनाक होगी
ओमिक्रॉन वेरिएंट सबसे खतरनाक और जानलेवा है
इस वेरिएंट से बचाव के लिएखुले स्थानों में भी 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखनी है
डबल-लेयर मास्क से ही बचाव होगा
अफवाह पर ध्यान न दें
डॉ अजय कुमार का कहना है कि ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट ड्ढद्घ.7 का कोई भी गंभीर मामला भारत में नहीं आया है. सोशल मीडिया पर ये जो मैसेज चल रहे हैं बिलकुल गलत हैं. इस वेरिेएंट से फेफड़ों को कोई नुकसान नहीं है. भारत में ये वेरिएंट कई महीनों से मौजूद है, लेकिन लोगों मे फ्लू जैसे लक्षण ही मिल रहे हैं. ऐसे में अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. बस लोगों को सलाह है कि कोविड से बचाव के नियमों का पालन करते रहें और सावधानी बरतें.