Bharatiya Janata Party : ऐसी बयानबाजी ना करे जिससे पार्टी खत्म हो जाए, बीजेपी के आलाकमान का निर्देश..
भारतीय जनता पार्टी के हाईकमान ने पार्टी नेताओं को एक स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे संविधान, आरक्षण और दलित मुद्दों पर विवादित बयान देने से बचें। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बात पर जोर दिया.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय जनता पार्टी के हाईकमान ने पार्टी नेताओं को एक स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे संविधान, आरक्षण और दलित मुद्दों पर विवादित बयान देने से बचें। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बात पर जोर दिया कि संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक समरसता को बनाए रखना आवश्यक है।सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पार्टी के अंदर कुछ नेताओं के विवादित बयान चर्चा का विषय बने हैं, जिससे पार्टी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए, बीजेपी ने अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है कि ऐसे बयानों से पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को नुकसान पहुँच सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमें समाज में सभी वर्गों का सम्मान करना चाहिए। संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
बीजेपी ने अपने नेताओं को डॉ. भीमराव आंबेडकर, संविधान और आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विवादित बयान देने से सावधानी बरतने की हिदायत दी है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पिछले चुनावों में ऐसे बयानों के कारण पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
बीजेपी अब अपने नेताओं से आग्रह कर रही है कि वे पार्टी की लाइन के अनुसार बोलें और विवादास्पद टिप्पणियों से बचें। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि पार्टी की शीर्ष नेतृत्व ने यह निर्णय अपने सिद्धांतों और नीति के अनुरूप चुनावी माहौल को स्थिर बनाए रखने के लिए लिया है। इस निर्देश का उद्देश्य आगामी चुनावों में पार्टी की छवि को सुरक्षित रखना और मतदाताओं के बीच सकारात्मक प्रभाव डालना है।
महासचिव बी एल संतोष ने कहा- कि पार्टी के नेता इन मुद्दों पर विवादित बयान न दें. अनावश्यक बयानबाजी से बचें और पार्टी लाइन के अनुसार ही अपनी बात रखें. दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को संविधान बदलने वाले बयानों के कारण नुकसान उठाना पड़ा था. बीजेपी को यूपी, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में चुनावी नुकसान हुआ था. अनिल हेगड़े, लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा के बयानों से विपक्ष को मौका मिल गया था, जिसके बाद बीजेपी डिफेंसिव मोड में नजर आ रही थी. हर रैली में संविधान से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करने की बात आमजन तक पहुंचाई गई, लेकिन पार्टी डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई.
हेगड़े, लल्लू सिंह और मिर्धा ने क्या दिए थे बयान?
बीजेपी नेता हेगड़े ने कहा था कि जो लोग खुद को धर्मनिर्पेक्ष कहते हैं, वे नहीं जानते कि उनका खून क्या है. हां, संविधान यह अधिकार देता है कि हम खुद को धर्मनिरपेक्ष कहें, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं, हम भी उसमें संशोधन करेंगे, हम सत्ता में इसलिए ही आए हैं.
लल्लू सिंह ने कहा था कि केंद्र में सरकार तो 275 सांसदों से ही बन जाएगी, लेकिन संविधान बदलने के लिए अधिक सांसदों की जरूरत होगी, तभी संविधान बदल सकता है. वहीं, कांग्रेस से बीजेपी में आईं ज्योति मिर्धा ने बयान दिया था कि देश के हित में कई कठोर निर्णय लेने होते हैं. उनके लिए हमें कई संवैधानिक बदलाव करने पड़ते हैं. इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास होना चाहिए. लोकसभा में बीजेपी की प्रचंड बहुमत है. इस बार तीसरी बार लोकसभा में एनडीए की प्रचंड बहुमत लाना है.
बीजेपी इस साल 14 अप्रैल से मनाएगी आंबेडकर की जयंती
बीजेपी इस साल 14 अप्रैल को डॉ आंबेडकर की जयंती बड़े स्तर पर मना रही है. इसके लिए मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें देश भर में सम्मान अभियान कैसे चलाना है, इसे लेकर निर्देश दिए गए. अब प्रदेश स्तर पर भी कार्यशालाएं आयोजित होंगी और वहां भी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ऐसे ही निर्देश दिए जाएंगे.



