केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, मणिपुर में स्कूल-कॉलेज बंद, 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
4PM न्यूज़ नेटवर्क: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़की हुई है। मणिपुर में पिछले साल मई महीने से राज्य जातीय संघर्ष से जूझ रहा है। दरअसल, मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने तीन मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत 6 विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के अलावा दो चर्चों और तीन घरों को भी फूंक दिया था। बताया जाता है कि महिलाओं और बच्चों की उग्रवादियों ने हत्या की है। इन मुद्दों को लेकर मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की आग तेज हो चुकी है।
मणिपुर भेजी जाएंगी CAPF की 50 और कंपनियां
जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा के अन्य स्थानों पर फैलने पर 12 नवंबर को जारी एक आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनी राज्य में भेजी थीं, जिनमें से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 15 और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पांच कंपनी हैं।
सीआरपीएफ के महानिदेशक ए डी सिंह और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं। पिछले सप्ताह की तैनाती के बाद राज्य में अब CAPF की कुल 218 कंपनी हैं। सूत्रों का दावा है कि रिपोर्ट की गई हिंसा के स्तर और बदल रही कानून व्यवस्था की स्थिति के अनुसार मणिपुर में इन 50 इकाइयों को तैनात करने के लिए राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के परामर्श से योजना तैयार की जा रही है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।
- जिसमें वह पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘अस्थिर” स्थिति से निपटने के लिए रणनीति तैयार कर सकते हैं।