Saudi सरकार का बड़ा फैसला, National Address हुआ अनिवार्य
सऊदी अरब में एक नया नियम आ गया है जो हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। ये नियम जनवरी 2026 से लागू होगा। इसके तहत, अगर आपके पास नेशनल एड्रेस नहीं होगा, तो कोई भी सामान की डिलीवरी या बुकिंग नहीं हो पाएगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सऊदी अरब में एक नया नियम आ गया है जो हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। ये नियम जनवरी 2026 से लागू होगा। इसके तहत, अगर आपके पास नेशनल एड्रेस नहीं होगा, तो कोई भी सामान की डिलीवरी या बुकिंग नहीं हो पाएगी।
मतलब, ऑनलाइन शॉपिंग हो या कोई पार्सल भेजना हो, सबके लिए नेशनल एड्रेस अनिवार्य हो जाएगा। सऊदी अरब की ट्रांसपोर्ट जनरल अथॉरिटी यानी टीजीए ने ये फैसला लिया है। उनका कहना है कि इससे डिलीवरी सिस्टम बेहतर बनेगा, समय बचेगा और गलतियां कम होंगी।
बता दें कि ये नियम सऊदी अरब के लोगों, व्यापारियों और डिलीवरी कंपनियों के लिए बड़ा बदलाव लाएगा। आज हम इस बारे में आसान शब्दों में विस्तार से बात करेंगे। हम समझेंगे कि नेशनल एड्रेस क्या है, ये क्यों जरूरी है, इसे कैसे प्राप्त करें, इसका फायदा क्या है और कैसे तैयार हों। इस वीडियो के माध्यम से हम आपको आसानी से इस पूरी खबर के बारे में बताएंगे। तो बिना देर किये चलिए वीडियो को शुरू करते हैं। दोस्तों सबसे पहले बात करते हैं नेशनल एड्रेस क्या है? नेशनल एड्रेस सऊदी अरब का एक आधिकारिक सिस्टम है जो हर जगह का सटीक पता देता है।
ये कोई लंबा एड्रेस नहीं, बल्कि एक छोटा कोड है – आठ अक्षरों का, जिसमें चार अक्षर और चार नंबर होते हैं। मिसाल के लिए, कुछ ऐसा: ABCD1234। ये कोड आपके घर, दुकान या किसी भी जगह को 1 वर्ग मीटर की सटीकता से बताता है। पुराने समय में लोग एड्रेस लिखते थे जैसे ‘फलां जगह के पास, लैंडमार्क के बगल में’, लेकिन अब ये पुरानी पद्धति बंद हो रही है। नेशनल एड्रेस सऊदी सरकार का बनाया सिस्टम है जो जीपीएस और मैपिंग पर आधारित है। हर क्षेत्र, ब्रांच, डिवीजन और बिल्डिंग को ये कोड अलॉट करता है। पहले अक्षर क्षेत्र का कोड होता है, दूसरा ब्रांच का, तीसरा डिवीजन का और चौथा यूनिक आईडेंटिफायर। फिर नंबर बिल्डिंग को स्पेसिफाई करते हैं। इससे डिलीवरी वाले को बिना पूछे-ताछे सीधा पहुंच जाना आसान हो जाता है।
ऐसे में अब सवाल ये बनता है कि ये नया नियम क्यों लाया गया? सऊदी अरब में ई-कॉमर्स यानी ऑनलाइन खरीदारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। लोग रोजाना हजारों पार्सल मंगवाते हैं। लेकिन पुराने एड्रेस सिस्टम की वजह से कई समस्याएं आती थीं। जैसे, गलत डिलीवरी हो जाती, ड्राइवर को फोन करके पूछना पड़ता, देरी होती, सामान वापस लौट जाता। इससे लागत बढ़ती, समय बर्बाद होता और ग्राहक नाराज हो जाते। टीजीए का कहना है कि नेशनल एड्रेस से ये सब कम होगा।
डिलीवरी तेज होगी, ग्राहक संतुष्ट रहेंगे और सेक्टर की दक्षता बढ़ेगी। ये नियम नेशनल ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि सऊदी अरब का लॉजिस्टिक्स सिस्टम दुनिया के सबसे अच्छे में शुमार हो। जनवरी 2026 से सभी डिलीवरी कंपनियां जैसे सऊदी पोस्ट, फेडेक्स आदि बिना नेशनल एड्रेस वाले पार्सल को स्वीकार नहीं करेंगी। मतलब, अगर आपका एड्रेस कोड नहीं होगा, तो आपका सामान बुक ही नहीं होगा। ये बदलाव सऊदी विजन 2030 का भी हिस्सा है, जो देश को डिजिटल और कुशल बनाना चाहता है।
नेशनल एड्रेस प्राप्त करना बहुत आसान है। सऊदी अरब में रहने वाले हर नागरिक या निवासी को अपना नेशनल एड्रेस एक्टिवेट करना होगा। इसके लिए कई ऐप्स और प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। सबसे पहले, एबशर ऐप का इस्तेमाल करें। एबशर सऊदी सरकार का आधिकारिक ऐप है जहां आप लॉगिन करके नेशनल एड्रेस सेक्शन में जाएं। वहां अपना लोकेशन चुनें या जीपीएस से पता लगाएं। अगर आपका एड्रेस पहले से रजिस्टर्ड है, तो कोड जनरेट हो जाएगा। दूसरा तरीका तवक्कलना ऐप है, जो कोविड के समय से फेमस है।
इसमें भी नेशनल एड्रेस सर्विस है। तीसरा, सह्हाती ऐप यानी ये हेल्थ से जुड़ा है लेकिन एड्रेस भी देता है। चौथा, सऊदी पोस्ट का एस+ ऐड्रेस सिस्टम। यहां वेबसाइट या ऐप पर जाकर अपना पता रजिस्टर करें। अगर आप नया बिल्डिंग में हैं, तो लोकल म्यूनिसिपैलिटी से संपर्क करके कोड बनवाएं। प्रोसेस फ्री है और 5-10 मिनट में हो जाता है। टीजीए ने लोगों से अपील की है कि अभी से एड्रेस एक्टिवेट करें ताकि 2026 में कोई दिक्कत न हो। अगर भूल गए, तो डिलीवरी कंपनियां मदद करेंगी लेकिन देरी हो सकती है।
तो आइये दोस्तों अब बात करते हैं इस नियम का असर आम लोगों पर क्या पड़ेगा? सऊदी अरब में लाखों लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं – अमेजन, नोउन, जारिर जैसी साइट्स से। अब चेकआउट के समय नेशनल एड्रेस मांगा जाएगा। अगर नहीं दिया, तो ऑर्डर कैंसल। इससे पहले, कई बार सामान गलत जगह पहुंच जाता था, खासकर नए इलाकों में। अब सटीक कोड से 96% डिलीवरी पहली कोशिश में हो जाएगी। ग्राहकों को फायदा ये कि ड्राइवर का फोन नहीं आएगा, प्राइवेसी बचेगी। समय भी बचेगा, औसतन 12 घंटे तेज डिलीवरी। लेकिन शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है। जो लोग टेक से अनजान हैं, उन्हें फैमिली या फ्रेंड्स की मदद लेनी पड़ेगी। एक्सपैट्स यानी विदेशी निवासियों के लिए भी वही नियम, उन्हें अपना रेसिडेंसी परमिट लिंक करके एड्रेस लेना होगा। कुल मिलाकर, ये बदलाव लोगों की जिंदगी आसान बनाएगा।
इतना ही नहीं दोस्तों व्यापारियों के लिए ये नियम बहुत महत्वपूर्ण है। सऊदी में छोटे-बड़े दुकानदार ऑनलाइन बेचते हैं। अगर ग्राहक नेशनल एड्रेस नहीं देंगे, तो ऑर्डर प्रोसेस नहीं होगा। इसलिए, व्यापारियों को अभी से तैयारी करनी चाहिए। चेकआउट पेज पर नेशनल एड्रेस फील्ड ऐड करें। ग्राहकों को मैसेज भेजें कि ये सरकारी नियम है। सलासा जैसी कंपनियां मदद कर रही हैं – वे प्लेटफॉर्म अपडेट कर रही हैं ताकि एड्रेस ऑटोमैटिक हैंडल हो। व्यापारियों को ग्राहकों को गाइड करना होगा – कैसे एड्रेस ढूंढें, क्यों जरूरी है। अगर सही से लागू किया, तो रिटर्न 20% कम हो जाएंगे। ग्राहक संतुष्टि 87% बढ़ेगी। लेकिन अगर तैयारी न की, तो बिजनेस प्रभावित होगा – बिक्री गिर सकती है। टीजीए ने व्यापारियों से कहा है कि डिलीवरी पार्टनर्स के साथ डेटा शेयर करें ताकि शिपमेंट स्मूथ हो। बड़े ब्रांड्स जैसे शॉपीफाई यूजर्स को भी अपडेट करने होंगे।
लेकिन वहीं डिलीवरी कंपनियों पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ेगा। सऊदी पोस्ट, अरामेक्स, डीएचएल जैसी कंपनियां अब हर शिपमेंट चेक करेंगी। बिना कोड वाला पार्सल रिजेक्ट करना होगा। इससे उनके ऑपरेशंस सिस्टमेटिक होंगे। पहले, ड्राइवरों को घंटों फोन करना पड़ता था। अब जीपीएस से डायरेक्ट पहुंच। लागत कम होगी – लास्ट माइल डिलीवरी सस्ती पड़ेगी। लेकिन ट्रेनिंग की जरूरत है। कंपनियों को स्टाफ को नेशनल एड्रेस सिस्टम सिखाना होगा। फेडेक्स जैसी इंटरनेशनल कंपनियां पहले से तैयार हैं – वे एड्रेस लाइन 3 में शॉर्ट कोड मांगती हैं। कुल मिलाकर, ये कंपनियों के लिए लॉन्ग टर्म बेनिफिट है। डिलीवरी स्पीड बढ़ेगी, कस्टमर सर्विस बेहतर।
इस नियम के फायदे बहुत हैं। सबसे बड़ा फायदा सटीकता। पुराने सिस्टम में 20-30% डिलीवरी फेल हो जातीं। अब ये रेट 4% रह जाएगा। साथ ही समय की बचत। पार्सल 12 घंटे पहले पहुंचेगा। लागत में कटौती। रिटर्न और री-ट्राई कम होने से पैसे बचेंगे। पर्यावरण को फायदा – कम ड्राइविंग से ईंधन बचेगा, प्रदूषण कम, साथ ही ग्राहक भी संतुष्टि। लोग खुश रहेंगे क्योंकि सामान समय पर मिलेगा। इकोनॉमी को बूस्ट। ई-कॉमर्स ग्रोथ तेज होगी। सऊदी अरब दुनिया का टॉप लॉजिस्टिक्स हब बनेगा। टीजीए के मुताबिक, ये सेक्टर को सस्टेनेबल बनाएगा। छोटे व्यापारियों को भी मौका मिलेगा क्योंकि डिलीवरी आसान हो जाएगी। कुल मिलाकर, ये बदलाव सकारात्मक है।
लेकिन चुनौतियां भी हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग नेशनल एड्रेस से अनजान हो सकते हैं। वहां इंटरनेट कम है। सरकार को अवेयरनेस कैंपेन चलाने होंगे। बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन सेटअप करें। एक्सपैट कम्युनिटी को अरबी-इंग्लिश गाइड दें। अगर कोई कोड गलत होगा, तो डिलीवरी स्टक हो सकती है। इसलिए, वैरिफिकेशन सिस्टम मजबूत रखें। शुरुआती महीनों में शिकायतें बढ़ सकती हैं। टीजीए को ग्रेस पीरियड देना चाहिए। लेकिन लंबे समय में, ये स्मूथ हो जाएगा।तैयारी के टिप्स क्या हैं? सबसे पहले, अभी एड्रेस एक्टिवेट करें।
एबशर या तवक्कलना डाउनलोड करें। लोकेशन शेयर करके कोड जनरेट करें। फिर फैमिली और फ्रेंड्स को बताएं। उसके बाद ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर चेक करें कि एड्रेस फॉर्मेट सही है। अगर व्यापारी हैं, तो चेकआउट पेज अपडेट करें। ग्राहकों को ईमेल या एसएमएस से रिमाइंडर भेजें। उसके बाद डिलीवरी ऐप्स जैसे सऊदी पोस्ट का इस्तेमाल करें। वहीं अगर समस्या हो, तो टीजीए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। अंत में मैप ऐप्स जैसे गूगल मैप्स को नेशनल एड्रेस से लिंक करें। इन स्टेप्स से 2026 आसान गुजरेगा।
तो दोस्तों ये नियम सऊदी अरब के लिए एक बड़ा कदम है। ये दिखाता है कि सरकार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस कर रही है। लोग थोड़ा एडजस्ट करेंगे लेकिन फायदा बहुत मिलेगा। अगर आप सऊदी में रहते हैं, तो आज ही अपना नेशनल एड्रेस चेक करें। इससे न सिर्फ डिलीवरी सुधरेगी, बल्कि आपकी डेली लाइफ आसान हो जाएगी। सरकार और कंपनियां मिलकर ये सिस्टम रन करेंगी।



