बिहार में महागठबंधन की बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस, तेजस्वी यादव को बनाया गया CM चेहरा, सहनी होंगे डिप्टी CM फेस

बिहार की राजधानी पटना में महागठबंधन की बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है. इसमें तेजस्वी यादव को महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया गया है. वहीं मुकेश सहनी को उप मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर दो उप मुख्यमंत्री होंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस का जो मंच तैयार किया गया, वहां पोस्टर में सिर्फ तेजस्वी यादव का चेहरा है.
मंच पर तेजस्वी यादव, CPI ML के दीपांकर भट्टाचार्य, VIP के मुकेश सहनी, कांग्रेस की तरफ से अशोक गहलोत समेत अन्य नेता मौजूद हैं. इस मौके पर मुकेश सहनी ने कहा कि मैं साढ़े तीन साल से इस पल का इंतज़ार कर रहा था. अब वो पल आ गया है. सिर्फ़ वीआईपी या मुकेश सहनी ही नहीं, पार्टी के लाखों लोग इसका इंतज़ार कर रहे थे. बीजेपी ने हमारी पार्टी तोड़ी और हमारे विधायकों को तोड़ा. उस समय हमने गंगाजल हाथ में लेकर संकल्प लिया था कि बीजेपी को जब तक हम तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं. अब समय आ गया है. महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़े होकर, हम बिहार में अपनी सरकार बनाएं और बीजेपी को राज्य से बाहर करें. महागठबंधन एकजुट और मज़बूत है. आने वाले समय में हम काम करेंगे और अपनी सरकार बनाएंगे.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि INDIA गठबंधन एकजुट है. बिहार में हमारी ही सरकार बनेगी. वहीं दीपांकर ने कहा कि इस बार महागठबंधन में 7 दल हैं. बिहार इस बार सरकार बदलने के लिए तैयार है. बदलो सरकार, बदलो बिहार. महिलाओं और युवाओं को चुनाव का इंतजार है. अशोक गहलोत ने कहा कि देश और बिहार में लोकतंत्र खतरे में है. बिहार की जनता बदलाव चाहती है. देश में अघोषित आपातकाल है. मैंने अपने 50 साल के करियर में ऐसा चुनाव आयोग नहीं देखा. लोगों का चुनाव आयोग से भरोसा उठ गया है. बीजेपी भ्रमित करके चुनाव जीतती है.
सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है, उससे टीवी9 भारतवर्ष की उस खबर पर मुहर लगेगी, जिसमें कहा गया था कि सीट शेयरिंग के ऐलान के साथ ही तेजस्वी को सीएम फेस बनाए जाने की घोषणा होगी. ज्यादा से ज्यादा से सीटों पर महागठबंधन का एक उम्मीदवार रहे, इस पर मुहर लग जाएगी. जिन सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति है, वहां से नामांकन वापिस हो. कुछ जगह रणनीति के तहत उम्मीदवार हो सकते हैं, जहां ऐसा महागठबंधन के लिए फायदेमंद हो. सब दल मिलकर मान लें कि सीट बंटवारे में समन्वय की कमी हमारी गलती रही.
गहलोत ने की लालू और तेजस्वी से मुलाकात
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतिम फैसले के ऐलान से पहले अशोक गहलोत और अल्लावरु कांग्रेस आलाकमान से संपर्क करेंगे. कल यानी 22 अक्टूबर को गहलोत ने लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. उसके बाद उन्होंने कहा कि तेजस्वी से अच्छी बात हुई है. कल सारी बातें क्लीयर हो जाएंगी. कोई झगड़ा नहीं है. सब मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे. महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव में उतर रहा है. बिहार में 243 सीटो में से 5-10 सीटो पर फ्रेंडली फाइट हो सकती है,
अभी तक महागठबंधन के भीतर घमासान मचा हुआ था. 13 सीटों पर महागठबंधन के ही प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस के ही उम्मीदवार आमने-सामने हैं. कहीं सीपीआई और कांग्रेस के उम्मीदवार भी सामने हैं तो मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी भी पीछे नहीं हैं. वीआईपी ने भी आरजेडी उम्मीदवार के सामने अपना उम्मीदवार उतारा है.
243 सीटों पर महागठबंधन के 252 उम्मीदवार
महागठबंधन के फिलहाल कुल 252 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. आरजेडी के 143, कांग्रेस के 61, सीपीआई एमएल के 20, सीपीआई के 9, सीपीएम के 4 और वीआईपी के 15 उम्मीदवार हैं. आरजेड़ी-कांग्रेस 5 सीटों पर आमने-सामने हैं, जिसमें सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज और लालगंज, नरकटियागंज हैं. 4 सीट पर कांग्रेस और CPI आमने-सामने हैं.
बीजेपी का कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज
पोस्टर पर सिर्फ तेजस्वी की फोटो होने पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि फोटो से राहुल गांधी और बाकि नेताओं को डिलीट कर दिया गया है. राहुल और कांग्रेस को डिलीट करके उनकी एहसियत दिखा दी है. कांग्रेस का सम्मान चोरी हो चुका है. क्या राजद राहुल गांधी को बोझ समझता है? कल तक पप्पू यादव दावा कर रहे थे कि राहुल गांधी ही महागठबंधन का चेहरा हैं. कल तक कांग्रेस खुद को बड़ा भाई बता रही थी, लेकिन अब वो कहीं नजर नहीं आ रही. महागठबंधन का न कोई मिशन है, न कोई विज़न, बस फूट है, भ्रम है.
वहीं पप्पू यादव ने पोस्टर पर कहा कि वोट सिर्फ राहुल गांधी की तस्वीर पर ही पड़ेगा किसी और की तस्वीर पर वोट नहीं पड़ेगा. राहुल गांधी की अकेले तस्वीर होनी चाहिए या गठबंधन के तीनों नेताओं की तस्वीरें होनी चाहिए. यह ठीक नहीं है, और इससे सही संदेश नहीं जाएगा. हम बिहार सिर्फ राहुल गांधी के चेहरे पर ही जीत सकते हैं. हमारे पास यहां जीतने का कोई और रास्ता नहीं है.



