RSS-BJP में बड़ी बगावत! मोदी के लिए नई मुसीबत! संगठन बना
BJP में अंदरूनी कलह तेज! RSS और BJP से जुड़े नेताओं ने मिलकर नया संगठन बना लिया है... बताया जा रहा है कि इसका असर...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात भारत की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा से एक मजबूत किला रहा है…… पिछले तीस सालों से यहां BJP का दबदबा रहा है…… और इसका बड़ा श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभाव को जाता है….. हिंदुत्व की राजनीति को और सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भी जाता है….. मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने……. और उनकी छवि यहां के लोगों के दिलों में बसी हुई है…… लेकिन हाल ही में एक ऐसी घटना हुई है जो इस मजबूत गढ़ में दरार डाल सकती है…… वडोदरा शहर में RSS और BJP से जुड़े कुछ लोग मिलकर एक नया संगठन बना रहे हैं…… वडोदरा नवनिर्माण संघ……. यह संगठन स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने का दावा करता है…… लेकिन राजनीतिक जानकार इसे BJP के लिए बड़ा सिरदर्द मान रहे हैं…… क्या यह मोदी जी के लिए नई मुसीबत है? क्या BJP में तख्ता पलट की ओर इशारा है? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं……
आपको बता दें कि 1990 के दशक से यहां BJP की जड़ें मजबूत हुईं……. उस समय नरेंद्र मोदी RSS के प्रचारक के रूप में वडोदरा में सक्रिय थे…… वे कोठी शास्त्री पोल इलाके में आते-जाते थे….. और संघ के कामों को बढ़ावा देते थे…… 1995 में BJP ने वडोदरा नगर निगम पर कब्जा किया……. और तब से आज तक यहां BJP का शासन है…… 2014 में मोदी ने वडोदरा और वाराणसी दोनों जगह से लोकसभा चुनाव लड़ा……. और वडोदरा से रिकॉर्ड वोटों से जीते……. और उन्होंने यहां सिर्फ नामांकन भरा……. लेकिन लोगों ने उन्हें लाखों वोट दिए……. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी वडोदरा से BJP उम्मीदवार डॉ. हेमांग जोशी को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले…….. ताकि मोदी तीसरी बार PM बनें…..
गुजरात में BJP की सफलता के पीछे RSS का बड़ा हाथ है……. RSS एक स्वयंसेवी संगठन है जो हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर जोर देता है……. यह BJP की विचारधारा की जड़ है…… लेकिन अब वही RSS से जुड़े लोग VNS बना रहे हैं……. जो BJP की स्थानीय नीतियों से नाराज हैं…… आखिर यह नाराजगी क्यों है….. आपको बता दें कि VNS का गठन 23 अगस्त 2025 को हुआ…… यह संगठन मध्य गुजरात के केंद्र वडोदरा में बना है….. इसके पीछे RSS और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोग हैं…… संगठन के मुख्य सलाहकार हैं कीर्ति एन. परिख और भालचंद्र पाठक दोनों RSS से जुड़े हुए हैं…… कीर्तिभाई परिख 1994 में मोदी जी के साथ काम कर चुके हैं…… और 2000 में वडोदरा के पुराने शहर के नगर कार्यवाहक रह चुके हैं…… वे मोदी जी के कट्टर समर्थक हैं, लेकिन अब दुखी हैं……. उनका कहना है कि वडोदरा में जो हो रहा है, वह मोदी की सोच के विपरीत है…… आपको बता दें कि हार्दिक दोशी कहते हैं कि वडोदरा की खराब हालत की वजह से यह संगठन बना…… शहर में विकास नहीं हो रहा, हेरीटेज की हालत खराब है…… बाढ़ की समस्या है, हरनी बोट कांड जैसी घटनाएं हो रही हैं…… संगठन अच्छे उम्मीदवार खोज रहा है ताकि शहर का विकास हो…… वे कहते हैं कि RSS की इच्छा चुनाव लड़ने की नहीं है……. लेकिन अगर पार्टियां सही कैंडिडेट नहीं देंगी तो विचार करेंगे…..
बता दें कि वडोदरा को गुजरात की कल्चरल कैपिटल कहा जाता है……. लेकिन यहां कई समस्याएं हैं जो लोगों को परेशान कर रही हैं……. पिछले साल हरनी झील में बोट पलटने से कई लोगों की मौत हुई……. पीड़ितों को न्याय नहीं मिला…… और VNS के हितेश गुप्ता इस मामले में सक्रिय हैं….. 2025 में भारी बारिश से शहर डूब गया, लोगों को बहुत तकलीफ हुई…… हेरीटेज साइट्स जैसे मांडवी पिलर की हालत खराब है….. जनवरी से गिर रहा है लेकिन रिपेयर नहीं हुआ…… रावपुरा इलाके में सबसे ज्यादा हेरीटेज है….. लेकिन सबसे बुरी स्थिति में हैं….. उस तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं दे रहा है….. वहीं BJP में गुटबाजी है……. वडोदरा से कोई मंत्री नहीं है……. सिर्फ बालकृष्ण शुक्ल मुख्य दंडक हैं…… सांसद डॉ. हेमांग जोशी पोरबंदर से हैं…… शहर अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश सोनी पाटन से हैं….. जिसको लेकर स्थानीय लोग महसूस करते हैं कि बाहर के लोगों को तरजीह मिल रही है…..
पिछले 5 साल में BJP ने दो हिंदुत्ववादी पार्षदों आशीष जोशी……. और अल्पेश लिंबाचिया को निष्कासित किया……. 2021 के चुनाव में BJP ने 19 वार्ड की 76 सीटों में 67 जीतीं…… लेकिन अब संख्या घट रही है…… वहीं ये सभी मुद्दे VNS के जन्म का कारण बने……. कीर्तिभाई परिख कहते हैं कि वडोदरा नरेंद्र भाई की कर्मभूमि है…… हमारा उनसे अटूट लगाव है…… लेकिन वे दुखी हैं क्योंकि शहर मोदी की विजन से दूर जा रहा है….. आपको बता दें कि RSS और BJP का रिश्ता मां-बेटे जैसा कहा जाता है……. RSS विचारधारा देता है, BJP राजनीति करती है…… लेकिन हाल के सालों में कुछ तनाव दिखे हैं…… 2025 में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कई बार BJP की आलोचना की…… और अहंकार न करने की नसीहत दी….. मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से RSS की तारीफ की…… कहा दुनिया का सबसे बड़ा NGO है……. लेकिन VNS जैसे संगठन से लगता है कि स्थानीय स्तर पर नाराजगी है…..
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि VNS, BJP के लिए बड़ा खतरा है…… क्योंकि यह RSS के लोगों द्वारा बनाया गया है…… अगर VNS चुनाव में उतरा तो BJP के वोट कट सकते हैं……. गुजरात में पहले भी राजपूत समाज ने BJP के खिलाफ आंदोलन किया था…… 2024 में पुरुषोत्तम रुपाला के बयान पर राजपूत समाज ने बड़ा आंदोलन किया….. वहीं अब VNS में भी ऐसे लोग हैं जो मोदी प्रेमी हैं लेकिन स्थानीय BJP से बहुत नाराज है……
नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं, और वडोदरा उनकी कर्मभूमि है…… वे हर बड़े मौके पर यहां आए हैं……. 2014 में वडोदरा से जीतकर PM बने…… लेकिन VNS के लोग कहते हैं कि शहर मोदी की सोच से दूर जा रहा है…… अगर VNS मजबूत हुआ तो यह मोदी जी की छवि पर असर डाल सकता है……. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि यह BJP में बगावत का संकेत है…… खासकर नगर निगम चुनाव से पहले यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है…… फरवरी 2025 के स्थानीय चुनाव में BJP ने बड़ी जीत हासिल की थी…… 68 में से 65 नगर पालिकाओं पर कब्जा किया….. लेकिन अब अगले चुनाव में चुनौती हो सकती है……
वहीं VNS अभी चुनाव लड़ने का दावा नहीं कर रहा……. लेकिन अगर BJP ने सही कैंडिडेट नहीं दिए तो वे मैदान में उतर सकते हैं……. यह BJP के लिए ‘आयोध्या जैसी’ हार का खतरा पैदा कर सकता है…… जहां 2024 में BJP हार गई थी….. VNS को 6 हजार सदस्य मिल चुके हैं…. और यह तेजी से बढ़ रहा है……. संगठन शहर के विकास पर फोकस कर रहा है……. लेकिन इसके पीछे RSS का प्रभाव है……. अगर यह जारी रहा तो BJP को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है……. गुजरात में BJP के अध्यक्ष सीआर पाटिल हैं…… और मोदी जी का प्रभाव है….. लेकिन स्थानीय असंतोष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है….. वहीं कुछ जानकार कहते हैं कि यह BJP के अंदर की गुटबाजी का नतीजा है…… वडोदरा में सभी विधायक BJP के हैं, लेकिन मंत्री नहीं……. अगर VNS ने उम्मीदवार उतारे तो वोट विभाजन हो सकता है…… और कांग्रेस या अन्य पार्टियां फायदा उठा सकती हैं…..
ऐसे में जब अब निगम चुनावों की घंटी बजने में कुछ महीने ही बचे हैं….. तब बीजेपी ने निलंबित पार्षद आशीष जोशी बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं…… उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें हरणी बोट कांड के पीड़ितों की आवाज उठाने के पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया…… वह पूर्व के हिस्से में नए राजेश आयरे बन सकते हैं…… वडोदरा के पश्चिम में राजेश आयरे एक बाहुबली नेता हैं…… वे मोदी लहर में न सिर्फ खुद जीते थे बल्कि वार्ड की पूरी पैनल को जिताकर लाए थे…… वर्तमान में उनके बेटे श्रीरंग आयरे पार्षद हैं…… ऐसे में जो बीजेपी एंटी इनकमबेंसी और गुटबाजी से जूझ रही है…… उसके लिए अपने निष्कासित पार्षदों की बगावत भारी पड़ सकती है…… वडोदरा के वाघोडिया इलाके में बाहुबली मधु श्रीवास्तव भी एक्टिव हो गए हैं…… ऐसे में बीजेपी के सामने वडोदरा नवनिर्माण संघ ने नई चुनौती खड़ी कर दी है……
आपको बता दें कि VNS का गठन गुजरात की राजनीति में एक नया मोड़ है……. यह दिखाता है कि मोदी जी की लोकप्रियता के बावजूद स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं……. RSS-BJP के रिश्ते मजबूत हैं….. लेकिन अगर नाराजगी बढ़ी तो तख्ता पलट जैसी स्थिति आ सकती है……. मोदी जी के लिए यह मुसीबत है क्योंकि वडोदरा उनकी जड़ है…… आने वाले चुनाव बताएंगे कि VNS कितना प्रभावी है…….



