PMC चुनाव में बड़ा ट्विस्ट | अजित पवार से नहीं बनी बात | शरद पवार गुट की MVA में वापसी?

PMC चुनाव में सियासी हलचल तेज हो गई है... अजित पवार और शरद पवार गुट के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है.. दिसंबर 2025 के अंत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों शरद पवार गुट.. और अजित पवार गुट के बीच गठबंधन की कोशिशें नाकाम हो गईं.. शरद पवार की एनसीपी ने अजित पवार के साथ सीट बंटवारे.. और चुनाव चिन्ह पर विवाद के बाद महाविकास अघाड़ी के साथ दोबारा हाथ मिला लिया.. वहीं यह घटना पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन.. और पिंपरी-चिंचवड़ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन जैसे स्थानीय चुनावों से ठीक पहले हुई है.. जो जनवरी 2026 में होने वाले हैं.. इसके अलावा, ब्रिहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनावों की तैयारी में भी यह बदलाव महत्वपूर्ण साबित हो सकता है..

आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी.. जब वे कांग्रेस से अलग हुए थे.. एनसीपी महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी रही है.. खासकर पश्चिमी महाराष्ट्र में जहां पवार परिवार का मजबूत आधार है.. लेकिन 2023 में पार्टी में बड़ा विभाजन हुआ.. जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी से अलग होकर अपनी अलग गुट बना लिया.. अजित पवार ने 40 से ज्यादा विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) वाली महायुति सरकार में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री बन गए.. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी का दर्जा दिया.. और घड़ी चुनाव चिन्ह सौंपा.. जबकि शरद पवार गुट को एनसीपी (शरदचंद्र पवार) या एनसीपी (एसपी) नाम से जाना गया.. और उन्हें तुतु बजाता आदमी चिन्ह मिला..

वहीं यह विभाजन परिवारिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर हुआ.. शरद पवार 83 वर्ष के हैं.. उन्होंने इसे ‘धोखा’ बताया, जबकि अजित पवार ने कहा कि वे स्थिरता.. और विकास के लिए यह कदम उठा रहे हैं.. 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा.. अजित पवार गुट ने महायुति के साथ मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया.. जबकि शरद पवार गुट एमवीए का हिस्सा था.. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट पर भारी जीत हासिल की.. जहां अजित गुट ने 41 सीटें जीतीं.. और शरद गुट केवल 10 पर सिमट गया.. इस विभाजन ने महाराष्ट्र की राजनीति को दो खेमों में बांट दिया.. एक तरफ महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे, एनसीपी-अजित).. और दूसरी तरफ एमवीए (कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव, एनसीपी-शरद)

2025 में स्थानीय चुनावों की तैयारी में दोनों गुटों के बीच गठबंधन की अफवाहें उड़ीं.. खासकर पुणे जैसे इलाकों में.. जहां एनसीपी का पारंपरिक आधार है.. लेकिन चुनाव चिन्ह और सीट बंटवारे पर हमेशा विवाद रहा है.. दिसंबर 2025 के मध्य में अजित पवार गुट और शरद पवार गुट के बीच पुणे में कई दौर की बातचीत हुई.. यह मीटिंग मुख्य रूप से पीएमसी चुनावों के लिए गठबंधन बनाने पर केंद्रित थी.. शुक्रवार दोपहर को हुई एक प्रमुख मीटिंग में अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट को सिर्फ 35 सीटें देने का प्रस्ताव रखा.. साथ ही, शर्त रखी कि ये सभी सीटें ‘घड़ी’ चिन्ह पर लड़ी जाएंगी..

शरद पवार गुट को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ.. उनका तर्क था कि ‘घड़ी’ चिन्ह पर लड़ने से उनकी पार्टी की अलग पहचान खत्म हो जाएगी.. शरद पवार गुट ने 68 सीटों की मांग की थी.. लेकिन अजित पवार ने कहा कि 2017 में एकजुट एनसीपी ने भी पुणे में केवल 43 सीटें जीती थीं.. इसलिए इतनी मांग अवास्तविक है.. मीटिंग करीब 7 दिनों तक चली, लेकिन शुक्रवार रात को यह पूरी तरह फेल हो गई.. शरद पवार गुट के नेताओं ने मीटिंग से वॉकआउट कर दिया.. एनसीपी (एसपी) के राज्य अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि हम चुनाव चिन्ह पर कोई समझौता नहीं करेंगे.. सभी उम्मीदवारों को ‘घड़ी’ पर लड़ने की शर्त हमें मंजूर नहीं.. वहीं, अजित पवार गुट के पुणे शहर इकाई प्रमुख सुभाष जगताप ने कहा कि कुछ असहमतियां थीं.. लेकिन वे सकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर रहे थे..

वहीं इस असफलता के बाद शरद पवार गुट ने तुरंत एमवीए के साथ संपर्क साधा.. सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी.. और एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष हैं.. उन्होंने मीटिंग से पहले ही कहा था कि वे अजित गुट से बात कर रही हैं.. लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ.. मीटिंग फेल होने के तुरंत बाद, शरद पवार की एनसीपी ने महाविकास अघाड़ी के साथ नई मीटिंग शुरू की.. यह मीटिंग पुणे के शांताई होटल में हुई.. जहां कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना.. और शरद पवार की एनसीपी के नेता शामिल हुए.. मीटिंग का मुख्य उद्देश्य पीएमसी चुनावों के लिए सीट बंटवारा तय करना था.. कुल 165 सीटों में से एमवीए ने प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस, एनसीपी (एसपी).. और शिवसेना (यूबीटी) प्रत्येक 50 सीटों पर लड़ें, और बाकी 15 अन्य सहयोगियों को दें..

मीटिंग में शरद पवार एनसीपी से विशाल तांबे, अंकुश काकड़े, मनाली भिलारे, अश्विनी कदम और विधायक बापूसाहेब पठारे मौजूद थे.. कांग्रेस की तरफ से अरविंद शिंदे, अभय छाजेड और रमेश बागवे उपस्थित थे.. उद्धव ठाकरे की शिवसेना से वसंत मोरे, गजानन थरकुडे.. और संजय मोरे शामिल हुए.. अंकुश काकड़े ने कहा कि हमने सुप्रिया सुले से चर्चा की.. और वे एमवीए के साथ जारी रखने के पक्ष में हैं..

महाविकास अघाड़ी की संरचना में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) मुख्य सदस्य हैं.. 2025 में एमवीए की गतिविधियां स्थानीय चुनावों पर केंद्रित रहीं.. हाल ही में, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एमएनएस ने गठबंधन किया.. जो एमवीए में कुछ तनाव पैदा कर रहा है.. लेकिन शरद पवार गुट की वापसी से एमवीए मजबूत हुआ है..

इस बीच, शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ में एनसीपी (एसपी) नेता आजम पानसरे से मुलाकात की.. पानसरे ने पत्रकारों से कहा कि अजित पवार लंबे समय बाद मुझसे मिले.. हमने आम मुद्दों पर चर्चा की.. हम (एनसीपी एसपी और एनसीपी) गठबंधन करना चाहते हैं.. और उन्होंने कहा कि जल्द फैसला लिया जाएगा.. यह मुलाकात सुप्रिया सुले के बयान के कुछ दिनों बाद हुई.. जिसमें उन्होंने संभावित गठबंधन का संकेत दिया था.. पिंपरी-चिंचवड़ में दोनों गुटों के गठबंधन की संभावना बनी हुई है.. जबकि पुणे में बात फेल हो गई..

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 2026 के शुरुआत में 29 म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशनों के चुनाव होने वाले हैं.. जिनमें बीएमसी, पीएमसी, पीसीएमसी शामिल हैं.. राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि मतदान 15 जनवरी 2026 को होगा.. और गिनती 16 जनवरी को होगी.. बीएमसी चुनाव मुंबई के लिए महत्वपूर्ण हैं.. जहां एमवीए अलग-अलग लड़ सकता है या गठबंधन में लड़ेगा.. शरद पवार गुट की एमवीए में वापसी से विपक्ष मजबूत होगा.. लेकिन ठाकरों के गठबंधन से कांग्रेस अलग-थलग पड़ सकती है..

 

Related Articles

Back to top button