चैतर वसावा ने खोले BJP के धागे, कहा- मनसुख वसावा अब इज्जत बचाने की कोशिश में?
आदिवासी नेता चैतर वसावा ने BJP और सांसद मनसुख वसावा पर गंभीर आरोप लगाए हैं... उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजनीति में इन दिनों एक बड़ा विवाद छाया हुआ है.. भरूच लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद मनसुख वसावा.. और डेडियापाड़ा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.. यह विवाद इतना बढ़ गया है कि.. मनसुख वसावा ने अपनी ही पार्टी भाजपा से इस्तीफा देने की धमकी तक दे दी है.. चैतर वसावा पर मनसुख ने 75 लाख रुपये की उगाही का आरोप लगाया है.. जबकि चैतर ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि.. मनसुख अपनी इज्जत बचाने की कोशिश कर रहे हैं.. कलेक्टर ने भी इस मामले में स्पष्ट किया है कि कोई ऐसी मांग नहीं हुई.. अगर कलेक्टर से मांगी गई जानकारी नहीं मिली.. तो चैतर ने धरना देने की चेतावनी दी है.. बता दें कि यह पूरा मामला गुजरात के नर्मदा जिले से जुड़ा है.. जहां आदिवासी समुदाय के मुद्दे और स्थानीय राजनीति प्रमुख भूमिका निभा रही है..
आपको बता दें कि मनसुख वसावा गुजरात के भरूच से भाजपा के सांसद हैं.. वे 1 जून 1957 को जन्मे हैं.. और आदिवासी समुदाय से आते हैं.. मनसुख ने 1994 से राजनीति शुरू की.. और कई बार लोकसभा चुनाव जीते.. वे पूर्व में रेल और कपड़ा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.. विकिपीडिया के अनुसार, मनसुख भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं.. और आदिवासी इलाकों में मजबूत पकड़ रखते हैं.. हाल ही में उन्होंने पार्टी के भीतर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.. जिससे भाजपा में आंतरिक कलह बढ़ी है..
दूसरी तरफ, चैतर वसावा AAP के विधायक हैं.. और वे भी आदिवासी समुदाय से हैं.. चैतर स्थानीय मुद्दों जैसे आदिवासी अधिकार, भूमि विवाद.. और सरकारी योजनाओं पर सक्रिय रहते हैं.. वे भारत आदिवासी पार्टी से जुड़े रहे हैं.. लेकिन अब AAP में हैं.. इस विवाद में चैतर ने मनसुख के आरोपों को खारिज किया.. और कहा कि ये सब उनकी छवि खराब करने की साजिश है.. दोनों नेता गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों से हैं.. इसलिए यह विवाद आदिवासी वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है..
जानकारी के अनुसार यह विवाद दिसंबर 2025 की शुरुआत में शुरू हुआ.. जब मनसुख वसावा ने चैतर वसावा पर गंभीर आरोप लगाए.. मनसुख ने दावा किया कि चैतर ने नर्मदा जिले के एक सरकारी अधिकारी से 75 लाख रुपये की मांग की है.. यह मांग कथित तौर पर एक निर्माण कार्य से जुड़ी थी.. जहां चैतर ने तोड़फोड़ की धमकी दी.. देश गुजरात न्यूज पोर्टल के अनुसार मनसुख ने कहा कि यह उगाही का मामला है.. और उन्होंने कलेक्टर से शिकायत की.. मनसुख ने मीडिया से बातचीत में कहा कि.. चैतर आदिवासी समुदाय की आड़ में गलत काम कर रहे हैं.. और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चैतर ने प्रधानमंत्री मोदी की सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकाया..
वहीं इस आरोप के बाद चैतर वसावा ने तुरंत जवाब दिया.. एडिटरजी न्यूज के अनुसार चैतर ने इन आरोपों को पूरी तरह झूठा बताया.. और कहा कि मनसुख अपनी राजनीतिक असफलता छिपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं.. चैतर ने कहा कि बीजेपी सांसद मनसुख वसावा अब अपनी इज्जत बचाने की कोशिश कर रहे हैं.. क्योंकि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं.. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कलेक्टर से मांगी गई.. जानकारी नहीं मिली, तो वे धरना देंगे.. चैतर ने कलेक्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि वे एक संवैधानिक पद पर हैं.. इसलिए किसी दबाव में काम न करें.. यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.. और AAP गुजरात ने इसका समर्थन किया..
आपको बता दें कि इस विवाद में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ आया जब नर्मदा जिले के कलेक्टर ने बयान दिया.. कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि चैतर वसावा की तरफ से कोई 75 लाख रुपये की मांग नहीं की गई.. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कलेक्टर ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है.. और कोई ऐसी घटना नहीं हुई.. मनसुख वसावा खुद कलेक्टर से मिले.. और शिकायत की.. लेकिन कलेक्टर के बयान से मनसुख के दावे कमजोर पड़ गए.. जानकारी के अनुसार एक वीडियो में मनसुख कलेक्टर से मिलते दिखे.. जहां उन्होंने दस्तावेज सौंपे.. लेकिन कलेक्टर के स्पष्टीकरण के बाद चैतर ने कहा कि अब मनसुख को इस्तीफा देना चाहिए.. क्योंकि उन्होंने झूठे आरोप लगाए..
जानकारी के अनुसार कलेक्टर का बयान विवाद को नया मोड़ दे रहा है.. उदाहरण के लिए, TV9 गुजराती के पोस्ट में मनसुख के आरोपों का वीडियो है.. लेकिन कलेक्टर के बयान के बाद AAP ने मनसुख से इस्तीफा मांगा.. गुजरात समाचार के पोस्ट में चैतर ने कहा कि मनसुख जनता के काम नहीं कर रहे.. बल्कि दूसरों को बदनाम कर रहे हैं..
बता दें कि यह विवाद सिर्फ दो नेताओं तक सीमित नहीं रहा.. मनसुख वसावा ने अपनी पार्टी भाजपा पर भी हमला बोला.. और उन्होंने MGNREGA योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.. और कहा कि पार्टी के कुछ नेता इसमें शामिल हैं.. MSN न्यूज के अनुसार, मनसुख ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई.. तो वे पार्टी छोड़ देंगे.. इससे पहले मनसुख ने भाजपा मंत्री दर्शना देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.. जिस पर देशमुख ने मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी.. न्यू इंडियन एक्सप्रेस में यह बताया गया कि भाजपा में आंतरिक कलह बढ़ रही है..
X पर न्यूज एरिना इंडिया के पोस्ट में दिखा कि देशमुख ने मनसुख के खिलाफ मानहानि की चेतावनी दी.. मनसुख ने हाल ही में पार्टी के झगड़िया तालुका अध्यक्ष की नियुक्ति का विरोध किया.. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार.. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसका विरोध जताया.. यह सब दिसंबर 2025 के मध्य में हुआ.. जब मनसुख ने इस्तीफे की धमकी दी.. यूट्यूब पर N18V चैनल के वीडियो में मनसुख की धमकी का जिक्र है..
यह विवाद गुजरात के आदिवासी इलाकों में खासा असर डाल रहा है.. दोनों नेता आदिवासी हैं.. इसलिए यह वोट बैंक को विभाजित कर सकता है.. नर्मदा और भरूच जिले आदिवासी बहुल हैं.. जहां भूमि, रोजगार और सरकारी योजनाएं बड़े मुद्दे हैं.. चैतर वसावा आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ते रहे हैं.. जबकि मनसुख भाजपा के साथ लंबे समय से जुड़े हैं.. ABP अस्मिता के वीडियो में चैतर ने कहा कि मनसुख के आरोप झूठे हैं.. और यह राजनीतिक साजिश है..



