यूपी की वजह से भाजपा को नहीं मिला बहुमत: अखिलेश
बोले- जनता जो चाहती थी, हमने वो ही मुद्दे उठाए
सपा प्रमुख ने कहा- यूपी में लखनऊ-दिल्ली के बीच चल रहा टसल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पूरा देश ऐसे ही परिणाम का इंतजार कर रहा था जो साल 2024 के लोकसभा चुनाव में आएं हैं। उन्होंने दावा किया कि यूपी की वजह से भारतीय जनता पार्टी को केंद्र में बहुमत नहीं मिला।
सपा प्रमुख ने कहा कि जनता ने हमें सहयोग किया। जहां वो 80 में 80 सीटें हासिल करने का दावा कर रहे थे वहां यूपी की जनता ने उन्हें रोका। जो जनता चाहती थी वह हमने मुद्दे उठाए। लोकसभा क्षेत्र में लोग जिस नेता को चाह रहे थे हमने उसे प्रत्याशी बनाया। परिणाम यह हुआ कि पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में जीते भले हो लेकिन वोट से हार गए।
हमें भाजपा के एमवाई को हराना था
कन्नौज सांसद ने कहा कि यूपी बीजेपी में सिर्फ 2 नेताओं की लड़ाई नहीं है। बल्कि दिल्ली और लखनऊ के बीच टसल है। एक सवाल के जवाब में टिकट वितरण पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी हम पर आरोपी लगाती थी कि हमारे पास केवल एमवाई वोट समीकरण था, लेकिन मुझे बीजेपी के एमवाई (मोदी और योगी) को हराना था इसलिए रणनीति बदली और पीडीए की ओर आगे बढ़े। अखिलेश ने कहा कि हमने आरक्षण, संविधान का मुद्दा उठाया और इसका परिणाम यह हुआ कि जनता हमारे साथ जुड़ी। जो लोग यूपी में 80 की 80 सीटों का सपना देख रहे थे वह इसी राज्य की वजह से बहुमत नहीं हासिल कर सके।
हमने अपने कार्यकर्ताओं को बूथ तक जोड़ा
सपा नेता ने कहा कि बीते कुछ समय से हम चुनाव हार रहे थे। हमारे पास बीजेपी के बराबर संसाधन नहीं हैं इसलिए हमने अपने कार्यकर्ताओं को बूथ तक जोडऩे का संदेश दिया जिसका परिणाम आज हमारे सामने है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि चुनाव में प्रशासन उनके साथ था। बीजेपी के सहयोगी दल जमीन पर लोगों को भडक़ा रहे थे।
इरफान सोलंकी की पत्नी होंगी सीसामऊ से सपा प्रत्याशी!
सपा ने कानपुर की सीसामऊ विधानसभा पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के नाम की तस्वीर लगभग साफ कर दी है। सपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से कानपुर में ये संदेश पहुंचा दिया गया है कि इस सीट से सपा का कोई और नेता या चेहरा चुनाव नहीं लड़ेगा बल्कि जेल में बंद विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम इस सीट की दावेदार भी हैं और वहीं प्रत्याशी भी। सभी अटकलों पर कानपुर के सपा जिलाध्यक्ष गजल महमूद ने विराम लगा दिया है। सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद सपा के कई दिग्गज इस सीट से अपना भाग्य आजमाना चाहते थे क्योंकि इस सीट पर लंबे समय से सपा का ही कब्जा रहा है। लेकिन अब सपा जिलाध्यक्ष ने साफ कर दिया उनसे स्वयं अखिलेश यादव ने नसीम सोलंकी का नाम लिया और कहा है की तैयारी में लगो। जिसके बाद अन्य नेताओं की दावेदारी और अटकलें थम गईं।
चार दिन में खत्म हो रहा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल
29 जुलाई 2024 को अपना कार्यकाल पूरा करेंगी गवर्नर
नए राज्यपाल को लेकर अब तक नहीं शुरू हुई कोई चर्चा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई 2024 को खत्म हो रहा है। आनंदीबेन पटेल पांच साल पहले 29 जुलाई 2019 को यूपी के राज्यपाल का कार्यभार संभाला था। ऐसे में राज्यपाल का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ 4 दिन बचे हैं। हालांकि, अभी तक इस बात की सुगबुगाहट नहीं है कि राज्य का अगला राज्यपाल कौन होगा? सवाल यह भी है कि क्या आनंदीबेन पटेल फिर से यह जिम्मेदारी संभालेंगी या किसी अन्य राज्यपाल को राज्य का प्रभार दिया जाएगा।
इससे पहले आनंदीबेन पटेल छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी हैं। वो साल 1987 में राजनीति में आईं। वो भारतीय जनता पार्टी में राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष, भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की सदस्य सरीखे महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। आनंदीबेन पटेल 22 मई 2014 से 7 अगस्त 2016 तक गुजरात राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं।
यूपी में किसी राज्यपाल ने दोबारा नहीं संभाला जिम्मा
उत्तर प्रदेश में अभी तक ऐसा राज्यपाल नहीं रहा है जिसका कार्यकाल दूसरी बार रहा हो। अगर आनंदीबेन पटेल को फिर से यूपी की जिम्मेदारी मिलती हैं तो वह ऐसा करने वाली पहली राज्यपाल होंगी। 2 मई साल 1949 से अब तक राज्य में कुल 24 राज्यपाल रहे चुके हैं। 29 जुलाई को राज्यपाल का कार्यकाल ख्त्म होने के बाद भी नई नियुक्ति या किसी को प्रभार दिए जाने तक पद की जिम्मेदारी आनंदीबेन पटेल के पास ही रहेगा। आनंदीबेन पटेल यूपी की पहली महिला राज्यपाल भी हैं।
मायावती ने की नीट प्रणाली को खत्म करने की मांग
बोलीं- पुरानी व्यवस्था को फिर से किया जाए लागू
केंद्र मेडिकल की इस अहम परीक्षा को सही से कराने में नाकाम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के परीक्षा दोबारा न कराने के आदेश जारी करने के बाद मामले पर सियासत अभी भी जारी है। इसे लेकर अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। बसपा सुप्रीमो ने इस मामले को लेकर केंद्रीय मेडिकल परीक्षा की प्रक्रिया को खत्म कर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है।
नीट पेपर लीक के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों समेत बसपा सुप्रीमो मायावती भी लगातार सवाल उठा रही हैं। जिसके बाद अब उन्होंने मेडिकल की पुरानी परीक्षा प्रणाली को ही बहाल करने की मांग कर दी है उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीट कराने वाली परीक्षा एनटीए पर सवाल उठ रहे हैं वो गंभीर मुद्दा है। इससे लाखों परीक्षार्थी मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं।
लाखों परीक्षार्थियों को हुई मानसिक पीड़ा
बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ऑल-इंडिया नीट-यूजी मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्वाभाविक तौर पर सडक़ से लेकर संसद व सुप्रीम कोर्ट तक में यह मामला गर्माया रहा। अब नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन लाखों परीक्षार्थियों व उनके परिवार वालों को इसको लेकर हुआ दु:ख-दर्द व मानसिक पीड़ा हमेशा सताएगी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र मेडिकल की इतनी अहम परीक्षा सही से कराने के मामले में देश को आश्वस्त कर पाने में अभी तक विफल है। जो समस्या को और गंभीर बना रहा है। अत: केंद्रीयकृत मेडिकल नीट यूजी-पीजी परीक्षाओं को समाप्त कर इसके लिए पुन: पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो, जैसा कि कई राज्य सरकारों की मांग है।
’दिल्ली की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त’
नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेगी आप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। यहां गैंगवार होते हैं। इसके लिए पूरी तरह से प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के एलजी जिम्मेदार हैं। ये लोग दिल्ली पुलिस को और मजबूत बनाने की जगह उसे कमजोर कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस के बजट को 531 करोड़ रुपये कम कर दिया है। दिल्ली की कानून व्यवस्था के प्रति केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। उन्हें दिल्ली की चिंता नहीं है।
इसके अलावा संजय सिंह ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली और पंजाब की उपेक्षा की है और इसी वजह से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रतिनिधि के रूप में वित्तमंत्री आतिशी भी इस बैठक में शामिल नहीं होंगी।
नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं
आप नेता ने नीति आयोग की बैठक को लेकर भी केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों के लिए जब कोई नीति और बजट में प्रावधान नहीं है तो नीति आयोग की बैठक का मतलब क्या है। इसलिए विपक्षी राज्य हैं उन्होंने बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। दिल्ली और पंजाब को तो खासतौर से इग्नोर किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली की वित्तमंत्री मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर जा सकती थीं, लेकिन उन्होंने भी बैठक का बहिष्कार किया है। वहीं आम आदमी पार्टी से सासंद मलविंदर सिंह कंग ने भी नीति आयोग की बैठक को लेकर सवाल खड़ा किया है।
अगस्त में होगी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती की तारीखों का ऐलान हो गया है। पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनांक 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।
बताया गया कि अवगत कराना है कि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गयी थी। प्रदेश के सीएम द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा 06 माह के अन्दर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुए फिर आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत शुधितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के कम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।
धरना
26 जून 2024 को राजधानी के पारा इलाके में विजय कुमार की हत्या हो गई थी। मृतक के परिजनों ने जयप्रकाश, उमावती, सरवन व कुलदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि पारा पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।