भाजपा का हिंदुत्व से कोई लेना देना नहीं
दिग्विजय बोले- मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर बजरंग दल पर बैन नहीं
- भाजपा ने राम मंदिर में किया भ्रष्टाचार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर बजरंग दल पर बैन नहीं लगाएंगे, लेकिन असामाजिक तत्वों या बदमाशों को छोड़ा भी नहीं जाएगा। सिंह ने कहा कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हो सकते हैं। उन्होंने हिंदुत्व को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
कहा कि मैं भाजपा के नेताओं से अच्छे तरीके से अपने धर्म का पालन करता हूं। भारत देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी का है। उन्होंने कहा भाजपा का हिंदू और हिंदुत्व से कोई लेना देना नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिंदुत्व को लेकर सावरकर के बोल हैं। उन्होंने खुद कहा था हिंदू शब्द का हिंदुत्व से कोई मतलब नहीं है। पूर्व सीएम ने कहा कि हिंदू धर्म कभी खतरे में नहीं रहा। 550 साल मुस्लिमों ने राज किया, लेकिन हिंदू खतरे में नहीं रहा। भाजपा नेता देश को बांटना बंद करें। भाजपा का यही काम है फूट डाला और राज करो। यह लोग मणिपुर में भी यहीं कर रहे है। उन्होंने अंग्रेजों से यही सीखा है। दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां पर नौकरी में भ्रष्टाचार, ठेके में भ्रष्टाचार यहां तक कि धार्मिक कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है। दिग्विजय सिंह ने सीएजी रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण की जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार किया गया। राम मंदिर के लिए हजारों करोड़ रुपये इक_े किए गए, लेकिन आज तक हिसाब नहीं दिया। सिंहस्थ में भ्रष्टाचार, महाकाल में भ्रष्टाचार और अब राम मंदिर में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
कमलनाथ के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया
कमलनाथ के बयान को तोड़ मरोडक़र पेश किया गया। देश में बहुमत हिंदुओं का है, फिर हिंदू कैसे खतरे में हो गया। उन्होंने कहा कि हमारा भरोसा देश के संविधान में है। बता दें कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की छिंदवाड़ा में कथा के समय हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया था कि देश में 82प्रतिशत तो हिंदू हैं। हिंदू राष्ट्र बनाने की क्या बात है। विश्व की सबसे बड़ी हिंदू आबादी अपने देश में है। इसमें कोई बहस का मुद्दा नहीं है। यह कहने की बात नहीं है, यह तो आंकड़े बताते हैं।