कर्नाटक में भाजपा को हार का डर, रच रही ‘ऑपरेशन लोटस’ की साजिश
बेंगलुरु। हर बीतते दिन के साथ लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। पूरे देश का सियासी तापमान आए दिन बढ़ता जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से अपनी-अपनी आजमाइश की जा रही है। और जनता को अपने-अपने तरीकों से लुभाने का प्रयत्न किया जा रहा है। सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने घोषणापत्र जारी किए जा रहे हैं और जनता के लिए वादों का पिटारा खोला जा रहा है। तो वहीं नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर सियासी हमले और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। इस बीच कर्नाटक में भी पिछले कुछ वक्त से सियासी हलचल काफी तेज है। आए दिन प्रदेश की सियासत में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को साधने में जुटी बीजेपी के लिए कर्नाटक इस बार काफी अहम है। क्योंकि भाजपा इस लक्ष्य को पा ही तभी सकती है जब वो साउथ में बेहतर प्रदर्शन करे। लेकिन साउथ में बेहतर प्रदर्शन करना भाजपा के लिए काफी मुश्किल है। क्योंकि साउथ में भाजपा अभी भी सही से खड़ी तक नहीं हो पाई है।
ऐसे में कर्नाटक ही दक्षिण में भाजपा की सबसे बड़ी उम्मीद है। लेकिन जितनी उम्मीदें कर्नाटक से बीजेपी ने लगाई थीं। कर्नाटक में भाजपा की हालत इस बार उतनी ही पतली नजर आ रही है। क्योंकि एक तो कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में आने के बाद से लगातार कर्नाटक में मेहनत कर रही है और जमीनी स्तर पर जाकर लोगों से मिल रही है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अलावा भाजपा को कर्नाटक में अपनों से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। टिकट बंटवारे से नाराज पार्टी के कई नेता बगावत पर उतर आए हैं और कई नेताओं ने अपने मुंह तो बंद कर रखें हैं। लेकिन पार्टी के फैसले से नाराज वो भी हैं। ऐसे में जाहिर है कि कर्नाटक में बीजेपी को अपने नेताओं की नाराजगी और बगावत से भारी नुकसान होने वाला है। बाकी रही-सही कसर कांग्रेस पूरी कर देगी। यही वजह है कि बीजेपी कर्नाटक को लेकर काफी परेशान है और इधर-उधर के दांव-पेंच भी आजमा रही है।
इस बीच कांग्रेस की ओर से लगातार ये दावा किया जा रहा है कि भाजपा कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस की तैयारी कर रही है। इसके लिए वो कांग्रेस के विधायकों को भारी रकम भी ऑफर कर रही है। लेकिन कांग्रेस के विधायक अभी तक अपनी पार्टी के प्रति वफादार बने हुए हैं। कांग्रेस की तरफ से ऑपरेशन लोटस का आरोप कई दिनों से लगाया जा रहा है। तो वहीं भाजपा के नेता भी समय-समय पर कांग्रेस की सरकार गिरने की बात करते रहे हैं। यानी प्रदेश की सियासत में कुछ तो खिचड़ी पक जरूर रही है।
इस बीच अब एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा द्वारा कर्नाटक में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश रचने और ऑपरेशन लोटस चलाने की बात कही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिणी राज्य में ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों को जहाज से कूदने के लिए 50 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। यह प्रतिक्रिया तब आई जब सिद्धारमैया से भाजपा के बारे में पूछा गया। सीएम सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि अगर सबसे पुरानी पार्टी कर्नाटक में लोकसभा चुनाव हार जाती है तो उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर जाएगी।
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि वे पिछले एक साल से मेरी सरकार को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे विधायकों को 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। उन्होंने कई बार कोशिश की लेकिन हर बार वो असफल रहे। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव हारने पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए गिरना आसान होगा। सिद्धारमैया ने दृढ़ता से इसे खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार गिरना इतनी जल्दी संभव नहीं है। हमारे विधायक नहीं छोड़ेंगे। एक भी विधायक हमारी पार्टी नहीं छोड़ेगा। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
वहीं दूसरी ओर सिद्धारमैया के आरोपों पर भाजपा सांसद एस प्रकाश ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सभी आरोपों का खंडन किया और उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण बताया। एस प्रकाश ने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह केवल समाज के एक वर्ग की सहानुभूति जीतने के लिए बार-बार ऐसे आरोप लगा रहे हैं। जो उनका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रमुख मुद्दों और कर्नाटक में सिद्धारमैया की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, मुख्यमंत्री फर्जी आरोप लगा रहे हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में 28 सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सिद्धारमैया केवल चुनाव के बाद अपने पैर जमाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जितना-जितना चुनाव करीब आता जा रहा है उतना-उतना नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और सियासी हमले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन के पक्ष में दिखाई न पड़ने वाले समर्थन की एक लहर है। जिसके भय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यापक प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मोदी को चुनौती दी कि वे अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की शपथ लें और बताएं कि क्या उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को 15 लाख रुपए दिए। जिसका वादा उन्होंने काला धन देश में वापस लाने पर देने का वादा किया था। किसानों की आय दोगुनी की, दो करोड़ रोजगार दिए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने अपने दामाद राधाकृष्ण दोड्डमणि के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी भगवान का नाम जपते हैं और गरीब लोगों को महंगाई से कुचलते हैं। यदि गरीब लोग जी रहे हैं तो यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)और कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की पांच गारंटी के कारण है। दोड्डामणि ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गुलबर्गा से अपना नामांकन दाखिल किया है। खरगे ने यहां 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था। लेकिन 2019 में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार उमेश जाधव से हार गए थे।
खरगे ने अपने गृह जिले में कहा कि दिखाई न पड़ने वाली समर्थन की एक लहर है। यह दिखाई नहीं देती। मोदी इन दिनों इतने दौरे क्यों कर रहे हैं? क्योंकि ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में नहीं दिखने वाली समर्थन की एक लहर है। यही कारण है कि वह संकरी गलियों में जा रहे हैं और रोड-शो कर रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी लोगों को ईडी, आयकर विभाग, सीबीआई और विजिलेंस से डरा रहे हैं। खरगे ने आगे कहा कि हमारी पार्टी में लोग भ्रष्ट थे, लेकिन क्या वे भाजपा में जाने के तुरंत बाद बेदाग हो गए? इसलिए मैं अक्सर कहता हूं कि मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास एक विशाल वॉशिंग मशीन है। जिसमें न केवल कपड़े बल्कि मनुष्य भी डाले जाते हैं। एक बार उसमें डालने के बाद, वे बेदाग होकर निकलते हैं। अब वह आदमी भाजपा में आ गया है, वह बेदाग हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने कहा था कि आप भ्रष्ट लोगों को नहीं छोड़ेंगे, लेकिन वे लोग अब आपके बगल में बैठे हैं।
आप उन भ्रष्ट लोगों को साथ लेकर शासन कर रहे हैं। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर कुछ राज्यों में विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपने यह कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश में किया। हर जगह आपने पार्टियों को नष्ट कर दिया और अपनी सरकार बना ली। ये मोदी और शाह के लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं। खरगे ने मोदी की गारंटी पर भी कटाक्ष किया और कहा कि वे आते हैं और कहते हैं कि यह मोदी की गारंटी है। हमने पांच गारंटी दी, जिसे हमने यहां लागू किया है। मोदी हमारी गारंटी की नकल कर रहे हैं। वे कहते हैं मोदी की गारंटी लेकिन उनकी गारंटी कहां है?
जाहिर है कि लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। ऐसे में अब सीएम सिद्धारमैया द्वारा लगाए गए ऑपरेशन लोटस के आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाले वक्त में पता लग ही जाएगा। फिलहाल ये तो सच है कि कर्नाटक में इस बार भाजपा की हालत काफी पतली है।