इंडिया गठबंधन के खिलाफ भाजपा रच रही षड्यंत्र सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश पलट गई बाजी!
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव के नतीजों के आने के बाद से सियासी पारा और भी ज्यादा बढ़ गया है। चुनावी माहौल भले ही शांत हो गया हो लेकिन सरकार बनाने को लेकर अभी भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। भाजपा को इस बार के चुनाव में अन्य पार्टियों मुकाबले भले ज्यादा सीटें मिली हों लेकिन सरकार बनाने के लिए NDA गठबंधन में शामिल अन्य दलों का साथ लेना ही पड़ रहा है। ऐसे में भाजपा खुद की सरकार बनाने के लिए भले ही अन्य दलों का सहयोग ले रही हो लेकिन जहां भाजपा का फायदा नहीं है वहां विपक्षी सरकार को बदनाम करने के लिए नई-नई चालें चल रहे हैं। ऐसा इस लिए भी है क्योंकि जनता के बीच दूसरी सरकारों को लेकर मतभेद बनाया है जिससे कि जनता गुमराह हो सके और भाजपा को इसका फायदा मिल सके। ऐसा ही कुछ इन दिनों हो रहा है दिल्ली की जनता के साथ। अपने राजनीतिक फायदे के लिए हरियाणा में बैठी भाजपा सरकार दिल्ली के लोगों तक पानी पहुंचने में बाधा डालने का काम कर रही है। और इसे लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि भाजपा सरकार उनके साथ षड्यंत्र कर रही है। बता दें कि पिछले कई दिनों से दिल्ली में भारी पानी की किल्लत है जिससे की लोगों को परेशानी हो रही है। एक तरफ जहां पानी की परेशानी के चलते लोग जूझ रहे हैं वहीं दिल्ली सरकार पानी की पूर्ती के लिए ठोस कदम उठा रही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ सरकार बल्कि यह मामला कोर्ट में भी है लेकिन हरियाणा भाजपा सरकार इस मामले पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने की फिराक में है।
वहीं इस मामले पर विस्तार पूर्वक बात करें तो आप सरकार में मंत्री आतिशी ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए हरियाणा सरकार पर दिल्ली के लोगों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है. मंत्री आतिशी के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में पानी संकट के मसले पर हरियाणा सरकार की साजिश बेनकाब हो चुकी है. ऐसा इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के जल संकट को हल करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों के खिलाफ साजिश रचने में बिजी है. उन्होंने कहा,’एक तरफ इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रही थी, दूसरी तरफ हरियाणा पिछले तीन दिनों से दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में लगातार कटौती कर रहा है। दरअसल, दिल्ली में लगातार भीषण गर्मी और हीटवेव की वजह कई इलाकों में पानी संकट का लोग सामना कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने हरियाणा से गर्मी को देखते हुए अतिरिक्त पानी छोड़ने को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी. इसके बावजूद पानी की आपूर्ति में कमी रहने के बाद आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राहत दिलाने की मांग की थी.
पानी की किल्लत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार को अहम निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को आज से हर दिन 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़ने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने हरियाणा से कहा कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर के जरिए पानी को दिल्ली तक पहुंचने में सहयोग करें. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि पानी की बर्बादी नहीं होनी चाहिए. सरकार पानी की बर्बादी रोकने और पानी की खपत पर नियंत्रण करने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन द्वारा तय मानक के मुताबिक महानगरों में एक व्यक्ति के लिए 150 एलपीसीडी (लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन) पानी की खपत तय है. वहीं दिल्ली में 272 एलपीसीडी पानी निर्धारित है. वहीं दिल्ली में प्रति व्यक्ति 60 गैलन पानी उपलब्ध कराने के मानदंड के आधार पर दिल्ली को 2.15 करोड़ की जनसंख्या के लिए 1290 मिलियन गैलन प्रति दिन पानी की जरूरत है. दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल से मिले पानी से पूरी करती है. वहीं 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावी-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था. इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था. दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था. 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया है.
अभी भले ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया हो लेकिन हरियाणा सरकार पर दिल्ली सरकार द्वारा आरोप लगते रहे हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले भी आप ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाए थे। इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी की तरफ से एक के बाद एक आरोपों की बौछार लगा दी गई. आतिशी के मुताबिक, बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ षड्यंत्र रचा, उन्हें जेल में डाला, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली तो स्वाति मालिवाल को ले आए और उसके बाद फंडिंग का मामला उठाया. इससे आगे बढ़ते हुए आतिशी ने कहा कि “अब चुनाव से पहले बीजेपी ने एक और षड्यंत्र रचा है कि दिल्ली में आने वाला यमुना का पानी हरियाणा में रोका जा रहा है ताकि दिल्ली के लोगों को परेशान किया जा सके.” आतिशी के मुताबिक, आम तौर पर यमुना का न्यूनतम जल स्तर 674 फीट होता था लेकिन कल 671 फीट के भी नीचे आ गया है. दिल्ली सरकार में जल मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी को पता है कि लोग 10 साल में महंगाई और बेरोजगारी नाखुश हैं, इसलिए एक के बाद एक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं.
बता दें कि जबसे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल गए हैं तब से ही सरकार को नीचा दिखाने के लिए तरह-तरह की कोशिश की जा रही है कभी भाजपा के नेताओं द्वारा तो कभी खुद दिल्ली के LG द्वारा। अभी कुछ दिनों पहले ही दवाओं को लेकर भी मामला गर्म था और कई आरोप भी लगे थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दिल्ली के अस्पतालों में अनियमितता को लेकर दिल्ली सरकार ने पलटवार किया है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल षड्यंत्र के तहत दिल्ली के अस्पतालों में दवाओं समेत अन्य जरूरी सामग्री की कमी बता रहे हैं। सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा की अनदेखी को लेकर अफसरों पर उपराज्यपाल कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं, बल्कि वह अस्पतालों में दवाओं की कमी के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह गरीबों की दवाई और इलाज पर राजनीति करना चाहते हैं। स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ जांच शुरू करने के बारे में एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं।
भारद्वाज के मुताबिक, उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया कि केवल वह या गृह मंत्रालय ही मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ जांच शुरू कर सकते हैं। एनसीसीएसए का हिस्सा होने के कारण मुख्य सचिव खुद से जुड़े मामलों में स्वयं फैसला नहीं कर सकते। मंत्री ने उपराज्यपाल से अपील की कि मंत्री के साथ वो दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों का निरीक्षण करें।गौरतलब है कि भाजपा को भले ही चुनाव में कम सीटें मिली हों लेकिन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है। सीएम केजरीवाल के जेल में रहते हुए भी भाजपा सरकार में बैठे लोग सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं। देखना ये होगा कि पानी की समस्या के बाद और कौन सा नया मुद्दा दिल्ली में उठता है।