सिर्फ भाषण और विज्ञापनबाजी में व्यस्त है भाजपा नेतृत्व: खरगे
एनडीए सरकार बर बरसे कांग्रेस अध्यक्ष, बोले- उदासीनता की सारी हदें पार कर चुके हैं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात के वडोदरा में एक पुल ढहने की घटना का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सिर्फ भाषण और विज्ञापनबाज़ी में व्यस्त भाजपा नेतृत्व और सरकार उदासीनता की सारी हदें पार कर चुके हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह नेतृत्व संकट, चौतरफ़ा भ्रष्टाचार और सरकार चलाने की क्षमता में कमी का नतीजा है। अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा में बुधवार सुबह लगभग चार दशक पुराने एक पुल का कुछ हिस्सा ढह जाने के कारण 13 लोगों की मौत हो गई।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, देश में आए दिन दुर्घटनाएँ आम बात हो गई हैं। कभी रेल दुर्घटना, कहीं उद्घाटन के साथ ही पुल में दरार आना। अभी विमान दुर्घटना के हादसे से देश उबर नहीं पाया है कि कल गुजरात से पुल ढहने की खबर आ गई। 13 मासूम जानें चली गई। उन्होंने पीड़ितों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ख़बरों के अनुसार तीन साल पहले ही पुल हिलने से खतरनाक स्थिति की बात कही गई थी। फिर भी कुछ नहीं किया गया। 2021 से यह गुजरात में पुल गिरने की सातवीं घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे देश में शासन के नाम पर केवल भाषण और विज्ञापनबाज़ी में व्यस्त भाजपा नेतृत्व और सरकार उदासीनता की सारी हदें पार कर चुके हैं। खरगे ने दावा किया कि यह नेतृत्व संकट, चौतरफ़ा भ्रष्टाचार और सरकार चलाने की क्षमता में कमी, और अक्षमता का नतीजा है। उन्होंने कहा, उम्मीद है देश की जनता इसे देख रही है और समय आने पर इसका माकूल जवाब देगी।

पीएम सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता और मणिपुर का दौरा कब करेंगे : जयराम रमेश
कांग्रेस ने एक बार फिर से पीएस मोदी पर मानसून सत्र के एजेंडा पर विचार न करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच देशों की आधिकारिक यात्रा संपन्न होने के बाद बृहस्पतिवार को तंज भरे लहजे में कहा कि अब वह चाहें तो मानसून सत्र का एजेंडा तय करने के लिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के साथ हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने, पहलगाम के आतंकवादियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया है, इसकी समीक्षा करने और अपने गृह राज्य में लगातार गिरते-ढहते, नाकाम होते बुनियादी ढांचे पर विचार करने के लिए समय निकाल सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा पांच देशों – घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत अपने ‘सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर’ प्रधानमंत्री का स्वागत करता है, जो शायद अगली विदेश यात्रा से पहले तीन हफ्तों के लिए देश में रहेंगे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जब वे देश में हैं, तो शायद उन्हें मणिपुर जाने का समय मिल जाए, जहां लोग दो साल से अधिक समय से उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता का कहना है, ‘‘वह यह भी समीक्षा कर सकते हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के दोषियों को अब तक न्याय के कठघरे में क्यों नहीं लाया गया, अपने गृह राज्य में लगातार गिरते-ढहते, नाकाम होते बुनियादी ढांचे पर ध्यान दे सकते हैं, और बाढ़ से तबाह हिमाचल प्रदेश के लिए सहायता राशि मंजूर कर सकते हैं।’ रमेश ने कहा, ‘‘वह चाहें तो जीएसटी में व्यापक सुधार पर भी ध्यान दे सकते हैं, जिससे आम उपभोग को प्रोत्साहन मिल सके और कुछ खास बड़े कॉरपोरेट समूहों के अलावा बाकी निजी कंपनियों को भी निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि बदलाव के तौर पर वह मानसून सत्र के लिए एजेंडा तय करने के उद्देश्य से सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता भी कर सकते हैं। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।
एमएनएस और शिंदे गुट की तुलना गलत: प्रियंका चतुर्वेदी
डिप्टी सीएम पर कसा तंज, कहा-चुने हुए विधायक कर रहे गुंडागर्दी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक बड़ी बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और उनके दल के पूर्व सांसद की कार्रवाई की तुलना शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ की हरकत से करने को गलत बताया है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने स्पष्ट किया कि जनता द्वारा चुने गए नेताओं से ज्यादा जिम्मेदारी और समझदारी की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक द्वारा कैंटीन कर्मचारी के साथ मारपीट करने की घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,जो व्यक्ति कैंटीन कर्मचारी को पीट रहा है, वह महाराष्ट्र का चुना हुआ विधायक है। उसे जिम्मेदारी और परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मजाक किया था, तब उनके समर्थकों ने स्टूडियों को तोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले शिंदे गुट में बार-बार देखे जा रहे हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार पर हमला करने के मामले में कहा कि वह भाषा नहीं बल्कि असम्मान को लेकर था। इस मामले में कानून ने काम किया और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। जमानती धाराएं लगने के बाद वे जमानत पर छूटे हैं।
विधायक पर अब तक एफआईआर नहीं
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई और न ही उनके खिलाफ कोई बोल रहा है। प्रियंका ने कहा,मैं किसी को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रही हूं, सिर्फ फर्क समझा रही हूं। पूर्व सांसद राजन विचारे के ऑफिस में कथित तौर पर व्यापारियों को थप्पड़ मारने की घटना पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इसका भाषा से कोई लेना-देना नहीं थी। उन्होंने कहा कि मामला एक शिवसेना कार्यकर्ता से जुड़ा था जिसे मोबाइल कनेक्शन मांगने पर पीटा गया। विचारे ने दोषियों को ऑफिस बुलाकर कारण पूछा, लेकिन स्थिति बिड़ गई।
भाषा को थोपना सही नहीं
राज्यसभा सांसद ने बताया कि हाल ही में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर इसलिए आए क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने एक जीआर (सरकारी आदेश) के तहत पहली कक्षा से ही हिन्दी को तीसरी अनिवार्य भाषा बना दिया था। इस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, हम हिन्दी के खिलाफ नहीं है। मुंबई में हिन्दी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री है और राज्य में एक करोड़ से ज्यादा हिन्दीभाषी लोग रहते हैं। लेकिन भाषा को थोपना सही नहीं है।
आपातकाल एक सबक है: शशि थरूर
सासंद ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोच्चि। आपातकाल की तीखी आलोचना करते हुए एक लेख में, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह लेख दर्शाता है कि स्वतंत्रता का हनन कैसे होता है और इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे दुनिया मानवाधिकारों के हनन की भयावह सूची से अनजान रही। प्रोजेक्ट सिंडिकेट द्वारा प्रकाशित इस लेख में, थरूर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तावादी दृष्टिकोण ने सार्वजनिक जीवन को भय और दमन की स्थिति में धकेल दिया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आज का भारत 1975 का भारत नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि आपातकाल को भारत के इतिहास में काले अध्याय के रूप में ही याद नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इससे मिले सबक को पूरी तरह से समझा जाना चाहिए और लोकतंत्र के प्रहरियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। मलयालम दैनिक ‘दीपिका’ में बृहस्पतिवार को आपातकाल पर प्रकाशित एक लेख में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल के काले दौर को याद किया और कहा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए किए गए प्रयास अक्सर क्रूरतापूर्ण कृत्यों में बदल जाते हैं जिन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता था। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने लिखा, ‘‘इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया जो इसका एक संगीन उदाहरण बन गया। पिछड़े ग्रामीण इलाकों में मनमाने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंसा और बल का इस्तेमाल किया गया। नयी दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों को बेरहमी से ध्वस्त कर उनका सफाया कर दिया गया। हजारों लोग बेघर हो गए। उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हल्के में लिया जाए, यह एक अनमोल विरासत है जिसे निरंतर पोषित और संरक्षित किया जाना चाहिए।
निकाय चुनावों में नहीं होगा इंडिया गठबंधन: राउत
शिवसेना यूबीटी नेता बोले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनावों में कोई भी इंडिया गठबंधन नहीं होगा। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा राज्य में हिंदी थोपने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ मिलकर लडऩे के लिए अपने मतभेदों को भुलाने के बाद, अब इन दोनों दलों पर स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चुनावी गठबंधन बनाने का जनता का दबाव है, जो बिहार चुनावों के आसपास होने की उम्मीद है।
संजय राउत ने आगे दावा किया कि मैंने यह नहीं कहा कि शिवसेना और मनसे मिलकर (स्थानीय निकाय) चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि जनता की ओर से शिवसेना और मनसे पर स्थानीय निकाय चुनाव साथ लडऩे का दबाव और मांग है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोगों का मानना है कि अगर मराठी मानुस के अधिकारों की रक्षा करनी है, तो उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को साथ आना होगा….राज ठाकरे का काम करने का तरीका अलग है।
इस पर कोई टिप्पणी करने की जरूरत नही : पटोले
संजय राउत के बयान पर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि मुझे इस पर कोई टिप्पणी करने की ज़रूरत नहीं है। मैं संजय राउत पर कोई टिप्पणी नहीं करूँगा। मैंने कई बार कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव स्थानीय कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को विश्वास में लेकर लड़े जाते हैं। इसलिए इन चुनावों को इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या एमएनएस गठबंधन में शामिल होने पर एमवीए को मजबूत करेगी, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, हमने हमेशा कहा है कि हमारा हाई कमान इस पर फैसला करेगा। अगर हमारे गठबंधन के बाहर कोई भी गठबंधन में शामिल हो रहा है, तो निर्णय हमारे हाई कमान द्वारा किया जाएगा।
तेजस्वी यादव की सुरक्षा में चूक
काफिले में अचानक घुसी एक कार युवक गिरफ्तार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। यह घटना पटना के मरीन ड्राइव के पास उस समय हुई जब वह नवादा से पटना लौट रहे थे। इस मामले में आरोपी शख्स से पटना सिटी के सुल्तानगंज थाने की पुलिस पूछताछ कर रही है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार बंद के बाद शाम में नवादा गये थे। देर शाम लौटने के क्रम में पटना के मरीन ड्राइव के पास तेजस्वी यादव के काफिले में एक कार अचानक आ घुसी। कार सवार ने इससे पहले तेजस्वी यादव की गाड़ी को ओवरटेक किया और फिर उनके काफिले में वह कार घुस गई। ऐसा होते ही कुछ देर के लिए सुरक्षाकर्मियों के बीच हडक़ंप मच गया। आननफानन में सुरक्षाकर्मियों ने कार सवार को पकड़ लिया।
फिर वहां स्थानीय थाना सुल्तानगंज थाने को इसकी जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपी कार चालक को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह मोकामा का रहने वाला है। फिर्लहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। इस घटना में थानाध्यक्ष ने बताया कि हिरासत में लिया गया शख्स शराब के नशे में था। नशा में होने के कारण उसे पता नहीं चल पाया कि तेजस्वी यादव का काफिला गुजर रहा है। इस बात की जानकरी मिलते ही पुलिस ने उसे पक? लिया। उसकी जांच की गई तो वह नशा में पाया गया। फिर उसपर नशा करने के आरोप में कार्रवाई करते हुए एक्साईज के हवाले कर दिया गया।
यमन में भारतीय नर्स की फांसी रोकने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सजा से 2 दिन पहले होगी सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। लेकिन उसकी फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। अब सर्वोच्च न्यायालय में फांसी की तारीख से सिर्फ 2 दिन पहले यानी 14 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता रागेंथ बसंत ने याचिका दाखिल की है। अर्जी न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की आंशिक कार्यदिवस पीठ के सामने लगाते हुए इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की गई है। अधिवक्ता के. सुभाष चंद्रन के जरिए बसंत ने दलील दी कि शरीयत कानून के मुताबिक अगर पीडि़त के रिश्तेदार ब्लडमनी स्वीकार करने को तैयार हों जाएं तो किसी व्यक्ति को रिहा किया जा सकता है।
विकल्प पर बातचीत की जा सकती है। दरअसल, यह याचिका सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल नामक एक संगठन की तरफ से दायर की गई है, जो राजनयिक माध्यमों से यमन से उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। संगठन चाहता है कि केंद्र सरकार को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं।



