इंडिया गठबंधन के सामने भाजपा के छूटे पसीने मोदी का अहंकार हो गया चकनाचूर बदल गया खेल!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव के परिणाम आते ही भाजपा का पूरा काया पलट गया है। जहां भाजपा और पीएम मोदी दावे कर रहे थे कि अबकी बार 400 पार होंगी। और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे लेकिन सामने जब नतीजे आये तो भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर दी। आलम ये रहा कि भाजपा को अकेले बहुमत भी नहीं मिल सका महज 240 सीटों पर ही भाजपा सिमट कर रह गई। भाजपा अगर NDA में शामिल दलों का सहयोग न ले तो अकेले सरकार बनाना भी मुश्किल है। ऐसे में इस बार का चुनावी परिणाम ऐसा रहा है कि भाजपा के लोग न तो हंस सकते हैं और न ही रो सकते हैं। भाजपाइयों के चेहरे पर मायूसी सी नजर आ रही है। वहीं इस बार के चुनाव में इंडिया गठबंधन ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और सपा दोनों ने शानदार वापसी की है और भाजपा के लिए बढ़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।

शुरू से ही ये माना जा रहा था कि इस बार लोगों ने बदलाव का मन बनाया है विपक्ष में ये बात लगातार उठ रही थी कि इस बार पीएम मोदी का डटकर मुकाबला करेंगे और भाजपा को हराएंगे। ऐसे में जब चुनावी आकड़े आये तो ऐसा ही कुछ नजारा भी देखने को मिला। इन नतीजों ने भाजपा को हिला कर रख दिया है। सरकार बनाने पर भी अभी संसय बरक़रार है। दरअसल इस बार के चुनावी परिणामों में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा 240 सीटें हासिल की है जबकि कांग्रेस ने 99 सीटें जीती हैं. भाजपा के सूरत उम्मीदवार मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने के बाद 542 सीटों के लिए मतों की गिनती की गई थी.

कांग्रेस के बाद सर्वाधिक सीटें जीतने वाली पार्टी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी रही जिसने शानदार प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीती हैं. उसके बाद बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी का नंबर आता है जिसने 29 सीटों पर जीत हासिल की है. लेकिन इन सब से ज्यादा जो चर्चा हो रही है
वो है चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडी(यू) है। बता दें कि भले ही ये दोनों दल NDA का हिस्सा हों लेकिन इसके बावजूद भी अटकलों का बाजार गर्म है और लोगों का कहना है कि ये दोनों दल इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। खैर अभी इनपर संसय बना हुआ है। बता दें कि TDP को 16 सीटें मिली हैं वहीं JDU को कुल 12 सीटें मिली हुई हैं।

ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि इन नेताओं के संपर्क में इंडिया गठबंधन के नेता लगातार बने हुए हैं। बाकी इसका परिणाम क्या होता है ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा। ऐसे में विपक्ष का प्रदर्शन पिछली बार से काफी बेहतर रहा. इसको लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है. इसी बीच आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह का भी बयान आया है. उन्होंने भी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. संजय सिंह ने कहा, “देश की जनता ने प्रधानमंत्री को एक बहुत बड़ा संदेश दिया है. जनता ने बता दिया है कि अब तानाशाही नहीं चलेगी. इस बार बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है. पीएम मोदी और बीजेपी बार-बार ‘400 पार’ की बात करते थे. इससे जनता ने समझ लिया कि ये देश के संविधान को बदलना चाहते हैं और आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं. देश की जनता ने इसी कारण से ये जनादेश दिया है.”

टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन के साथ संपर्क में होने की चर्चा है. वहीं, चुनावी नतीजों के बाद इंडिया गठबंधन की बुधवार शाम को मीटिंग भी है. इसको लेकर संजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. आगे उन्होंने वाराणसी लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पीएम मोदी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि, “पीएम मोदी लगातार 400 पार की बात करते थे. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री में अगर जरा सी भी नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए. वाराणसी तक में देश के प्रधानमंत्री को जनता ने नकारा है. भले ही वह डेढ़ लाख वोटों से जीते हैं, लेकिन उनकी पार्टी 10 लाख वोटों से अंतर की जीत का दावा कर रही थी और अब परिणाम सबके सामने हैं.”

बता दें कि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने में मुश्किल आने वाली है,भले ही एनडीए को बहुमत से 20 सीटें ज्यादा मिली हैं। लेकिन सियासत में खेला कभी भी हो सकता है। क्योंकि कांग्रेस की अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन भी सरकार बनाने के लिए रस्साकसी कर रही है। वह भी बहुमत के आंकड़ों से महज 38 सीटें दूर है। आने वाले दिनों में सरकार बनाने की कवायद फिलहाल तेज होने वाली है। ऐसे में अगर विस्तारपूर्वक बात करें तो इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 63 सीटों का सीधा नुकसान हुआ है। इन्हीं के गंवाने की वजह से वह बहुमत के आंकड़े को पार करने से रह गई। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को कम से कम 47 सीटों का फायदा हुआ है। लोकसभा की 543 सीटें ऐसी रहीं, जिनमें से 317 सीटों पर पिछली बार के चुनावों में जीती पार्टी का ही कब्जा कायम रहा।

वहीं विपक्षी दल की अगर हम बात करें तो पिछले बार के मुकाबले इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को यूपी, महाराष्ट्र के साथ-साथ राजस्थान, कर्नाटक और बिहार ने भी बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इंडिया ब्लॉक को यूपी में इस बार 43 सीटें मिली हैं, जो पिछली बार के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन है। वहीं, महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन को इस बार 29 सीटें मिलीं। बाकी कर्नाटक, बिहार और राजस्थान में भी गठबंधन को थोड़ी बढ़त मिली है।

हालांकि इन सब के बावजूद भी दोनों दलों को सरकार बनाने के लिए तीसरे दल की ज़रुरत पड़ रही है ऐसे में अब नीतीश कुमार के साथ-साथ इंडिया गठबंधन को चंद्र बाबू नायडू की भी जरूरत है जिसे लेकर लगातार अटकलों का बाजार गर्म है। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने साफ कर दिया है। दरअसल चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ”आप चिंता मत करिए. आप न्यूज़ चाहते हैं. मैंने देश में कई राजनीतिक बदलाव होते हुए देखे हैं, लेकिन मैं एनडीए में ही रहूंगा. मैं एनडीए की मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा हूं.” उन्होंने आगे आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत और लोकसभा चुनाव में TDP के शानदार प्रदर्शन को लेकर मतदताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम एनडीए में ही बने रहेंगे.

एनडीए और ‘इंडिया’ दोनों गठबंधन की ओर से सीएम नीतीश की पूछ बढ़ गई है. इस बीच सीएम नीतीश और नेत प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक ही फ्लाइट से बुधवार को दिल्ली पहुंचे. दिल्ली पहुंचे तेजस्वी यादव मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ‘थोड़ा धैर्य रखिए… देखिए क्या-क्या होता है’ दिल्ली के लिए एक ही फ्लाइट से यात्रा करने की जब सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तस्वीर वायरल हुई तो इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने एक-दूसरे का अभिवादन किया. बाकी क्या होता है, आगे-आगे देखते रहिए. आगे उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. हालांकि राजनीतिक रुख किसकी तरफ जाएगा ये तो वक़्त ही बताएगा। उन्हें एक ही प्लेन में तेजस्वी यादव को साथ देखा गया जिसके बाद से चर्चा और भी ज्यादा बढ़ गई है। अब कौन किसका होता है और सरकार किसकी बनती है ये तो खैर आने वाले समय में ही पता चल पाएगा।

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