राहुल गांधी के तीखे प्रहार से आगबबूला हुए भाजपाई

  • अमेरिका में एकबार फिर भाजपा व आरएसएस पर भड़के नेता प्रतिपक्ष
  • जातिगत जनगणना और सिक्खों पर दिए बयान से भी मचा बवाल
  • कांग्रेस नेता पर भड़कीं मायावती, चिराग, गिरिराज व आरपी ने खोला मोर्चा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
न्यूयार्क। अमेरिका में अपनी यात्रा के दूसरे दिन भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी आरएसएस व प्रधानमंत्री पर अपना हमला जारी रखा। इस दौरे के दौरान राहुल गांधी मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ संवाद करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा की आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली, मीडिया, जांच एजेंसियों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने जातिगत जनगणना, सिक्खों पर भी अपनी राय रखी। उनके बयान पर फिर देश में सियासी घमासान मच गया है। उनके बयान पर बीजेपी आगबबूला हो गई है। तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। आरक्षण पर की गई कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर अब बीएसपी चीफ मायावती व लोजपा रामविललास के नेता चिराग पासवान ने भी उन पर निशाना साधा है। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस और राहुल गांधी से सजग रहने की सलाह दी है। वहीं नरेंद्र मोदी और चुनाव को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर हमला बोला। राहुल गांधी के सिखों का उदाहरण देते हुए भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भी राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। दरअसल वर्जीनिया के हर्नडन में एक कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा,(भारत में) लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, क्या सिखों को कड़ा पहनने या गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी। लड़ाई इसी बात को लेकर है और यह सिर्फ़ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है। उधर बीजेपी नेता आरपी सिंह ने अदालत में घसीटने की बात कह दी है।

चुनाव निष्पक्ष होते तो बीजेपी को नहीं मिलती इतनी सीटें

राहुल गांधी ने कहा कि गरीब भारत और उत्पीडि़त भारत ये समझ चुका है कि संविधान के खत्म होने पर देश खत्म हो जाएगा। गरीब इसे गहराई से समझ चुके है। गरीब जानता है की ये लड़ाई संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच छिड़ी हुई है। आज के समय में जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा है। सब कुछ साथ में आया। उन्होंने आगे कहा,कि मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे, पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम कर, जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे, मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता, मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।

मुझे पीएम मोदी से नफरत नहीं सहानुभूति है : राहुल

राहुल गांधी ने कहा, भारत भाषाओं, परंपराओं, धर्मों का एक संघ है। जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं, यह भारत की प्रकृति है, भाजपा और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत अलग-अलग चीजों का एक समूह है, आप आश्चर्यचकित होंगे लेकिन मुझे मोदी जी पसंद है, मैं वास्तव में मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता, कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूं। कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात पर है कि हम किस तरह का भारत चाहते हैं। क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां लोगों को वह मानने की अनुमति हो जो वे मानना चाहते हैं?… या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां केवल कुछ लोग ही तय कर सकें कि क्या होने वाला है।

मैं राहुल गांधी को अदालत में घसीटूंगा : आरपी सिंह

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, 1984 में दिल्ली में 3,000 सिखों का कत्लेआम किया गया, उनकी पगडिय़ां उतार दी गईं, उनके बाल काट दिए गए और उनकी दाढ़ी मुंडवा दी गई। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह सब तब हुआ जब कांग्रेस सत्ता में थी। उन्होंने गांधी पर सिख समुदाय के साथ कांग्रेस पार्टी के अपने इतिहास को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। सिंह ने गांधी को भारतीय धरती पर अपनी टिप्पणी दोहराने की चुनौती दी और कानूनी नतीजों की चेतावनी दी। सिंह ने कहा, मैं उनके खिलाफ मामला दर्ज करूंगा और उन्हें अदालत में घसीटूंगा।

जो अज्ञानी ज्यादा होते हैं वो अपने ज्ञान का प्रदर्शन भी ज्यादा करते हैं : गिरिराज

बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, एक गांव की कहावत है… सौ चूहा खा के बिल्ली चली हज करने। कांग्रेस जो आजादी के बाद तुष्टीकरण की राजनीति करती रही, सिखों का कत्लेआम करती रही, अब सबक सिखाने की कोशिश कर रही है। गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि जो अज्ञानी ज्यादा होतें है वो अपने ज्ञान का प्रदर्शन भी ज्यादा करते हैं, राहुल गांधी तो कहते थे कि हम 400 सीट लेंगे, मैं लिख के देता हूं, कहां गईं 400 सीटें इतना थेथरई, इतना थेथरलॉजी नहीं देखा हमने कभी, इनके प्रश्न का जवाब देना खुद को बिलो द बेल्ट ले जाना है, वो विपक्ष के नेता हैं, जो आदमी 3 चुनाव में कांग्रेस पार्टी को रास्ते पर पहुंचा दिया, उस पर क्या बोलें, राहुल गांधी को जवाब देना मूर्खता से भरा है।

जातीय जनगणना की आड़ में सत्ता पाना चाहती है कांग्रेस : मायावती

मायावती ने कहा, केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है, इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। बसपा सुप्रीमो ने कहा, अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गाँधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम एसी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है। मायावती ने कहा, जबकि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लोग सावधन रहें। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है अत: जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।

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