फडणवीस गृह विभाग का नेतृत्व करने के योग्य नहीं: संजय राउत

बोले- एफआईआर में संकेत का नाम क्यों नहीं

  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बेटे के कार हादसे पर बरसे शिवसेना (यूबीटी) सांसद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र गृह विभाग का नेतृत्व करने के योग्य नहीं हैं। संजय राउत का यह हमला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे की लग्जरी कार से हुए सडक़ हादसे के एक दिन बाद आया है। राउत ने दावा किया कि मामले में सबूत मिटा दिए गए हैं और जब तक फडणवीस गृह मंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य में किसी भी मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होगी।
बता दें कि चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत बावनकुले की ऑडी कार ने सोमवार तडक़े नागपुर के रामदासपेठ इलाके में कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिसके बाद पुलिस ने चालक और एक अन्य व्यक्ति को मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लग्जरी कार में सवार लोग धरमपेठ इलाके में एक बीयर बार से लौट रहे थे, जिस दौरान यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच में शराब पीने के मामले का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण भी होगा। पुलिस अधिकारी ने कहा, कि मामले में तेजी से गाड़ी चलाने और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया है। संकेत और मनकापुर पुल पर घटनास्थल से भागने वाले अन्य दो लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं राउत ने मामले की जांच को लेकर मंगलवार को फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि बावनकुले के बेटे ने कथित तौर पर शराब पीकर नागपुर में दो लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। हैरानी की बात यह है कि प्राथमिकी में उसका नाम दर्ज नहीं था और दुर्घटना के बाद कार की नंबर प्लेट हटा दी गई थी।

गृह मंत्री और डीजीपी के रहते निष्पक्ष जांच मुश्किल

उन्होंने कहा कि अगर नागपुर से ही आने वाले देवेंद्र फडणवीस गृह विभाग का प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने में विफल रहते हैं, तो वे इस तरह के पद के लिए योग्य नहीं हैं। राउत ने दावा किया, कार बावनकुले के नाम पर पंजीकृत है, फिर भी सभी सबूत हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, जब तक देवेंद्र फडणवीस गृह मंत्री हैं और रश्मि शुक्ला पुलिस महानिदेशक हैं, तब तक राज्य में किसी भी मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।

पुलिस करेबिना पक्षपात केनिष्पक्ष जांच : बावनकुले

वहीं इस हादसे के बाद चंद्रशेखर बावनकुले ने स्वीकार किया कि ऑडी कार उनके बेटे संकेत के नाम पर पंजीकृत थी। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, पुलिस को बिना किसी पक्षपात के दुर्घटना की गहन और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। जो लोग दोषी पाए जाएं, उन पर आरोप लगाए जाने चाहिए और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। मैंने किसी पुलिस अधिकारी से बात नहीं की है। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।

आप ने हरियाणा में नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची की जारी

  • प्रो. छत्रपाल को भी टिकट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। सोमवार को ही भाजपा छोडक़र पार्टी में शामिल हुए प्रो. छत्रपाल को बरवाला से उम्मीदवार घोषित किया गया है। पार्टी अब तक 29 उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है। साढौरा से रीता बमनैया को टिकट दिया गया है। थानेसर से कृष्ण बजाज और इंद्री से हवा सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। रतिया से मुख्त्यार सिंह बाजीगर, आदमपुर से एडवोकेट भूपेंद्र बेनीवाल, बावल से जवाहर लाल को टिकट दिया गया है। फरीदाबाद से प्रवेश मेहता और तिगांव से अबाश चंदेला को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
मुख्तियार सिंह बाजीगर को आम आदमी पार्टी ने बनाया रतिया से उम्मीदवार 2 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी छोडऩे वाले पंचायत समिति के पूर्व चेयरपर्सन प्रतिनिधि मुख्तियार सिंह बाजीगर को आम आदमी पार्टी ने रतिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट दी है। गांव हिजरावा कलां निवासी 55 वर्षीय मुख्तार सिंह बाजीगर पिछले 30 सालों से राजनीति में है। पहले 20 साल इनेलो में रहे।

कांग्रेस से गठबंधन की वार्ता विफल

कांग्रेस और आप के बीच पिछले पांच दिन से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी। कांग्रेस की ओर से दीपक बाबरिया और आप के राघव चड्ढा के बीच बातचीत चल रही थी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार आप 10 से ज्यादा सीटें मांग रही थी, मगर कांग्रेस तीन से ज्यादा सीटे देने को तैयार नहीं हो रही थी।

हाईकोर्ट की केरल सरकार को फटकार

  • न्यायालय ने कहा- फिल्म उद्योग में मीटू मामलों पर चुप रहना कोई विकल्प नहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार पर न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के आधार पर निष्क्रियता और मामले दर्ज न करने के लिए कड़ी फटकार लगाई, जिसने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के यौन शोषण को उजागर किया था।
न्यायमूर्ति ए.के. जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति सी.एस. सुधा की एक विशेष पीठ ने सरकार द्वारा गठित एसआईटी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, हालांकि इसने मीडिया को चुप कराने से इनकार कर दिया। यह देखते हुए कि रिपोर्ट 2019 में ही सरकार को सौंप दी गई थी, अदालत ने कहा, हम मुख्य रूप से राज्य की निष्क्रियता से चिंतित हैं, जिसमें एफआईआर दर्ज न करना भी शामिल है… आपने 4 साल में रिपोर्ट को दबाए रखने के अलावा कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा कि सरकार के लिए चुप्पी कोई विकल्प नहीं है।
और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रह और भेदभाव को बदलना होगा। उच्च न्यायालय ने आगे कहा, समाज में महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए आप क्या कर रहे हैं? सिर्फ़ फिल्म उद्योग ही नहीं। स्थिति खऱाब है और वह भी हमारे जैसे राज्य में। हमारे राज्य में महिलाओं की आबादी ज़्यादा है। यह हमारे लिए अल्पसंख्यक मुद्दा नहीं है… एसआईटी को इस सब पर गौर करना चाहिए।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की हालत गंभीर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के महासचिव सीताराम येचुरी की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें कुछ दिन पहले ही दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, वहीं, अब सांस लेने में दिक्कत होने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है।
जारी बयान में कहा गया है कि 72 वर्षीय सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी की सांस की नली में संक्रमण हो गया है,जिसका उपचार हो रहा है। चिकित्सकों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है, उनकी हालत इस समय गंभीर है।
बता दें कि 19 अगस्त में सीने में संक्रमण के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई थी। सीताराम येचुरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के महासचिव हैं, सीताराम येचुरी का जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए किया हुआ है, वो 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ गए थे। इसके बाद वो 1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के सदस्य बन गए थे। उनको 1984 में सीपीआई एम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था, इसके बाद वो 2015 में पार्टी के महासचिव गए थे, वो 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे, उन्हें वामपंथी राजनीति का प्रमुख चेहरा चेहरा माना जाता है।

छात्रों के प्रदर्शन से डरी बिरेन सिंह सरकार

  • इंफाल समेत तीन जिलों में लगा दिया कफ्र्यू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच प्रदेश की बिरेन सिंह सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य के तीन जिलों में कफ्र्यू लगा दिया है। इंफाल के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया गया है, जिससे निवासियों को अपने घर छोडऩे पर रोक लगा दी गई है क्योंकि अधिकारी सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, थौबल जिले में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
ये उपाय किसी भी तनाव को बढऩे से रोकने और इन क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। कफ्र्यू में ढील के पहले के आदेश 10 सितंबर की सुबह 11 बजे से तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। इसलिए, अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से इंफाल पूर्वी जिले में पूर्ण कफ्र्यू है।
इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी एक अन्य आदेश में कहा गया कि पहले के सभी आदेशों का अधिक्रमण करते हुए, 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में ढील की अवधि आज सुबह 11 बजे से हटा दी गई है। इसमें कहा गया कि पिछले साल 1 सितंबर से लोगों की उनके संबंधित आवासों के बाहर आवाजाही पर प्रतिबंध हटा दिया गया था। इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में पहले कर्फ्यू में छूट, जिसमें 10 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक आवाजाही की अनुमति थी, नवीनतम आदेश के बाद रद्द कर दी गई है।

पेंशन को लेकर हिमाचल में सियासी हलचल

  • नेता प्रतिपक्ष बोले- पेंशन मोदी ने नहीं रोकी
  • सीएम सुक्खू का जवाब- प्रधानमंत्री का नाम नहीं लिया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर सदन में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोकझोंक हुई। नियम-130 के तहत चर्चा में जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि पेंशन मोदी ने रोकी है। जयराम ने कहा कि अगर हिमाचल का पैसा दिल्ली में पड़ा है तो उसे लेकर आएंगे पर सरकार बताए तो सही कहां पड़ा है।
इस पर सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम तो कभी लिया ही नहीं। उन्होंने जयराम ठाकुर की ओर इशारा कर कहा -हमने इन्हीं को दोषी कहा है। इस बारे में वह मंगलवार जवाब दिया।

मुख्यमंत्री स्पष्ट करें आर्थिक संकट है या नहीं : जयराम

जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि आर्थिक संकट है या नहीं। नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा तो छह हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले सकेंगे। वेतन-पेंशन का संकट बना रहेगा। सीएम कहते हैं कि 2027 तक प्रदेश सबसे अमीर राज्य बनेगा। यह स्पष्ट नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को वेतन पांच और पेंशन 10 तारीख को देने से यह स्थिति बनी है कि सरकार अपने बूते वेतन और पेंशन देने की हालत में नहीं है। प्रदेश का 40 प्रतिशत बजट कर्मचारियों और पेंशनरों को जाता है। यह सरकार लगातार पिछली सरकार को दोषी ठहरा रही है। जब जयराम सरकार सत्ता में आई तो 48 हजार करोड़ रुपये का कर्ज पिछली कांग्रेस सरकार छोडक़र चली गई थी। सही मायने में प्रदेश अगर आर्थिक रूप से पटरी से उतरा है तो यह 1993 से 1998 के बीच हुआ, जबकि उस समय कोई ऐसा आर्थिक संकट नहीं था। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार प्रदेश को 93 हजार घरों का तोहफा दे रही है तो दूसरी तरफ सुक्खू सरकार सीमेंट के दाम बढ़ाकर गरीबों के घर के सपनों को मुश्किल कर रही है। एक हफ्ते में दो बार सीमेंट के दाम में बढ़ोतरी सुक्खू सरकार की नाकामी है। प्रदेश में आई आपदा के बीच ऐसे अवसर तलाशने वाली सरकार आज तक कहीं नहीं देखी गई है। सुक्खू सरकार आपदा की वजह से टूट चुके घरों के पुनर्निर्माण को एक अवसर की तरह ले रही है और आए दिन सीमेंट की कीमत बढ़ा रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जब से सुक्खू सरकार सत्ता में आई है तब से सीमेंट के दामों में 100 रुपए से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। आपदा के समय राज्य सरकार को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास हेतु मदद करनी चाहिए, लेकिन यहां सरकार पुनर्वास को और कठिन बना रही है।

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