फिर अपनी सरकार पर बरसे भाजपा सांसद वरुण गांधी
- कर्ज चुकाने को गरीबों को बेचने पड़ रहे अंग
- दांवों से कोसों दूर है सच्चाई
- बोले- उद्योगपतियों को मिल रही माफी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पीलीभीत। भाजपा सांसद वरुण गांधी एकबार फिर अपनी ही सरकार पर बिफरे हैं। वरुण गांधी दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत में हैं। इससे पहले खमरिया पुल पर कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उसके बाद वह ललौरीखेड़ा क्षेत्र के डंडिया भिसौड़ी, भगवंतपुर, नांद पसियापुर, ऐमी, गहलुईया, गोंछ, कनाकोर, उमरसड़, रमपुरा उझैनिया, कल्याणपुर व शिवपुरिया आदि गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने एक बार फिर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और सरकार पर निशाना साधा।
सांसद वरुण गांधी ने ऋ ण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीन दिन पहले दिल्ली के एक अखबार में पढ़ा था कि यूपी के बुलंदशहर के एक किसान ने ढाई लाख रुपये का लोन चुकाने के लिए अपने शरीर के दो अंगों को बेचना पड़ा। वहीं दूसरी एक खबर छपी थी कि देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों के 70 हजार करोड़ रुपये का लोन माफ किया गया है। सांसद बोले जिनके पास अथाह पैसा है, उनका लोन माफ किया जाता है, लेकिन जिसके पास ढाई लाख रुपये नहीं है, उनको लोन चुकाने के लिए अंग बेचने पड़ते हैं। यह कैसा भारत है। क्या गरीब का लोन माफ नहीं होना चाहिए। सांसद ने कहा कि गरीबों को बहुत सारी सुविधाएं दिए जाने की बात कहीं जा रही है, लेकिन यह सिर्फ कहने की ही बात है। हकीकत में गरीबों की कोई भी सुनने वाला नहीं है। सांसद ने कहा कि अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर मौन हो जायेंगे, तो हमारा लोकतंत्र मौन की तरफ बढ़ जाएगा। यह सच्चाई है कि हिंदुस्तान में बराबर की व्यवस्था कभी नहीं रही है। यह भी सच्चाई मौजूदा समय में लोगों के सपने तो बड़े हो गए हैं, लेकिन साकार करने के रास्ते बड़े नहीं हैं।
लोगों के बीच बढ़ती जा रही खाई
देश में हिंसा बढ़ती जा रही है। लोगों के बीच खाई बढ़ती जा रही है। सांसद ने कहा कि चार दिन पहले जब वह पीलीभीत आए थे तो डीएम से लोन देने वालों की सूची मांगी। सूची देखी तो पता चला कि बहुत कम लोगों को लोन दिया गया। मैंन लोगों से पूछा कि क्या आप लोगों को लोन की जरूरत नहीं हैं, तो गरीबों ने बताया कि लोन की जरूरत तो है, लेकिन देता कोई नहीं है। पांच छह बार दौड़ाने के बाद रुपयों की डिमांड की जाती है। जनसंवाद कार्यक्रमों में सांसद ने जनसमस्याएं भी सुनी।