जनता से बदला ले रही भाजपा

नीतीश के बाद केजरीवाल के समर्थन में आये अखिलेश

  • सपा प्रमुख बोले-दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर अध्यादेश लाने के लिए बीजेपी को घेरा है। पूर्व सीएम ने कहा कि दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होने वाली है तभी जनता से पहले से ही बदला ले रही है। अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के रूप में एक स्थाई प्राधिकरण स्थापित करने के लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) के साथ स्थानांतरण पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मामलों में एलजी को सिफारिशें करनी होंगी। मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला ही अंतिम होगा।

अघोषित बिजली कटौती सरकार की खासियत

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हर वर्ष गर्मी बढऩे के साथ अघोषित बिजली कटौती को भाजपा सरकार की खासियत बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं, लेकिन भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की हद यह है कि वह बिजली संकट के समाधान की दिशा में कुछ नहीं कर रही है। तंज कसते हुए कहा कि जब राजधानी लखनऊ में ही बिजली अक्सर गायब रहने लगी है तो अन्य जिलों के बारे में क्या कहना। सपा प्रमुख ने कहा कि अधिकारी ओवरलोड होने की बात करते हैं लेकिन उसके लिए इंतजाम नहीं करते हैं। इन दिनों ट्रांसफार्मर फुंकने की खबरें लगातार आ रही हैं। इनके रखरखाव में लापरवाही और उपकरणों की गुणवत्ता में खराबी देखने वाला कोई नहीं है। अखिलेश ने कहा कि बिजली विभाग जनता को लूटने का काम कर रहा है। गलत रीडिंग भेजकर जनता से खपत से ज्यादा बिल की वसूली की जाती है। जब लोग शिकायत करते हैं तो जांच के नाम पर शिकायतकर्ता को ही परेशान करने के हथकंडे अपनाए जाते हैं। सवाल उठाया कि गलती से बिल ज्यादा ही क्यों आता है, कम क्यों नहीं आता।

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