महाराष्ट्र में दांव पर लगी बीजेपी की साख, महासर्वे में नाक कटना तय हो गया!     

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है...... सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम हो गया है…… सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं…. और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं…. वहीं इस चुनाव में किसकी जीत होगी और कौन हारेगा, इसे लेकर कई तरह के दावे और अनुमान लगाए जा रहे हैं…. राजनीतिक विश्लेषकों और जानकारों के अनुसार, इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प और रोचक होने वाला है…. क्योंकि सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है…. इस बीच, शरद पवार गुट ने एक चौंका देने वाला दावा किया है… और उन्होंने भाजपा को बासठ से सरसठ सीटें मिलने का अनुमान जताया है…. जो कि एक बड़ा दावा है…. यह दावा इसलिए भी महत्वपूर्ण है… क्योंकि शरद पवार महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं… और उनके दावे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है…. वहीं अब सवाल यह है कि क्या वाकई भाजपा को इतनी सीटें मिलेंगी? और क्या शरद पवार का यह दावा सही साबित होगा? इसका जवाब तो चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चलेगा…. लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है…. और जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है…. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी महत्वपूर्ण होंगे…. क्योंकि यह न सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करेंगे…. बल्कि देश की राजनीति में भी इसका असर दिखाई देगा…. इसलिए, सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है…. और जीत के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं….

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी की स्थिति बहुत खराब है… राज्य की जनता, किसान, युवा सब परेशान है… शिंदे सरकार किसानों, युवाओं के लिए कोई काम नहीं किया है… जिससे बीजेपी की हालत पहले की अपेक्षा बद से बदतर होती दिखाई दे रही है… बीजेपी नेताओं की गुंडई भी चरम पर है… महायुति में सीट बंटवारे को लेकर भी आपसी कलह जारी है… महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण सबसे बड़ा मुद्दा है… मराठा आराक्षण को लेकर लंबे समय से राज्य में आंदोलन चल रहा है… बावजूद इसके सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले वादे तो किए लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद अपने किए सभी वादे भूल गए… जिसका बड़ा असर जनता पर पड़ा है… राज्य की मिडिल क्लास जनता महंगाई, बेरोजगारी से परेशान है… लेकिन सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं है… मोदी को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता सता रही है… और सत्ता में बने रहने की चिंता सता रही है… देश की जनता से कोई मतलब नहीं है… चुनाव से पहले जनता का वोट लेने के लिए लुभावने वादे वहीं चुनाव खत्म होने के बाद सभी वादे धरे के धरे रह जाते हैं… और जनता की जीवन शैली में कोई बदलाव नहीं आता है… बता दें कि शिंदे सरकार महिला वोटरों को लुभाने के लिए लाडली बहन योजना शुरू की है… जिसके जरिए सरकार महिलाओं को साल में बारह हजार रूपये देने की बात कही है… सरकार के द्वारा महिलाओं के खाते में एक दो किस्तों का भुगतान भी किया गया है…

बता दें कि मोदी हमेशा अपने भाषणों में विपक्ष पर तमाम आरोप लगाते रहें है… लेकिन खुद अपने चुनाव की हार के डर से जनता को चबेना देने का काम करते हैं… वहीं पिछले दस सालों से जनता मोदी की राजनीति को समझ चुकी है… और अब मोदी और उनके सहयोगी दलों के चबेना से जनका पर कोई खास प्रभाव पड़ने वाला नहीं है… आपको बता दें कि मोदी हमेशा अपने भाषणों में बड़े-बड़े दावे करते हैं… और अपनी योजनाओं के बारे में बताते हैं… लेकिन जो भी योजना सरकार के द्वाका चलाई जा रही है… उसका पैसा जनता से ही लिया जाता है… और उसका कुछ भाग दोबारा से जनता को दे दिया जाता है… किसानों को दी जाने वाली किसान सम्माननिधि भी किसानों से ही ली जाती है… उसके एवज में सरकार खाद के दामों से अधिक पैसा वसूलती है… और फिर दो हजार रूपये की किसान सम्माननिधि किसानों को देती है… जो अब देश की जनता समझ चुकी है… वहीं अब आगामी चुनावों में मोदी को इन सभी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिलेगा… और राज्यों के विधानसभा चुनाव में बड़ी हार होगी… देश की जनता, किसान, छात्र, युवा सब परेशानी में है,,,  सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल साबित हो रही है… लोकतांत्रिक देश में सरकार का रोजगार देने का जिम्मा होता है… लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा पाने में विफल है…

महाराष्ट्र में आये दिन अपराध बढ़ता जा रहा है…. सरकार अपराध पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है… जिससे राज्य की जनता को भरोसा शिंदे सरकार से उठ चुका है… महायुति में इसी साल होने वाले विधानस़भा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है… महायुति के सहयोगी अपने मन मुताबिक सीटें मांग रहें हैं…. लेकिन बीजेपी अपने सहयोगियों को ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है…. जिससे घमासान मचा हुआ है… बता दें कि महाराष्ट्र सरकार इस समय कुछ अजीब से संकट के दौर से गुजर रही है…. केंद्र से कभी मुख्यमंत्री तो कभी उपमुख्यमंत्री को फटकार लगा दी जाती है…. ताजा मामले में एक बार फिर उपमुख्यमंत्री अजित पवार निशाने पर रहे…. इस बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अजित को दम दे दिया…. इससे नाराज अजित, अमित शाह के साथ गणपति बप्पा का दर्शन करने नहीं गए… बता दें कि अपने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान अजित पवार को सीट को लेकर सुना दिया… जिससे अजित पवार नाराज नजर आ रहें हैं….

वहीं इस मामले से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पिछले काफी समय से अजित पवार अपने लिए ज्यादा सीटें मांग रहे हैं…. और इसके लिए खूब प्रयास कर रहे हैं….. पर उनकी मांगें अनसुनी की जा रही हैं…. इससे अंदरखाने में कई बार उन्होंने नाराजगी व्यक्त की है….. यही नहीं, अजित पवार दबे-छिपे स्वर में अपनी गलती का भी अहसास करा चुके हैं….. दरअसल, लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की फजीहत से अजित पवार परेशान हैं… और उन्हें लग रहा है कि अगर उस आधार पर उन्हें कम सीटें दी गर्इं तो विधानसभा चुनाव में उनका बैंड पूरी तरह से बज सकता है…. इसलिए उन्होंने महायुति से बाहर जाने का अपना विकल्प खुला रखा है…. और उनके बयानों में इसकी झलक देखी जा सकती है….. यही कारण है कि हालिया बैठक में अमित शाह ने उन्हें फटकार लगाई है…. और सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है….

विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह टेंशन में हैं….. शिंदे गुट और अजित गुट को अपने साथ लेने का अब उन्हें पछतावा हो रहा है….. जानकारों की मानें तो शिंदे और अजित अब भाजपा के गले की वो हड्डी बन चुके हैं….. जिसे वह न तो निगल पा रही और न ही उगल पा रही…. वहीं आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ट्रिपल इंजन वाली महायुति सरकार में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है….. शिंदे गुट और अजित पवार गुट की मांगों को पूरा करने में असमर्थ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ इन दोनों की बैठक का आयोजन किया था….. लेकिन इस बैठक में भी जमकर बमचक हुई…. सूत्रों की मानें तो शाह ने एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को जमकर फटकार लगाई है…. साथ ही दोनों को अब सीमित दायरे में रहने के संकेत दिए हैं….. सूत्रों के अनुसार, अमित शाह के रवैए से अजित पवार को भावनात्मक चोट लगी है…. वे शाह की बातों से नाराज बताए जा रहे हैं….. यही वजह रही कि वे शाह के साथ लालबाग के राजा के दर्शन में भी नहीं गए…

बता दें कि शाह को पिछले महीने हुए सर्वे ने टेंशन दिया है…. इस सर्वे में भाजपा को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है….. भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के बड़बोलेपन को लोगों ने नापसंद किया है…. सर्वे में इन तीनों को सत्तर सीटों तक मिलने की संभावना व्यक्त की गई है…. जिससे भाजपा को सत्ता हाथ से निकलती दिख रही है….. यही वजह है कि अमित शाह अब टेंशन में हैं…. शिंदे गुट और अजीत गुट को अपने साथ लेने का अब उन्हें पछतावा हो रहा है….. राजनीतिक जानकारों की मानें तो अब शिंदे और अजीत पवार भाजपा के गले की वो हड्डी बन चुके हैं…. जिसे न तो वह निगल और न ही उगल पा रही है….

भाजपा नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय मुंबई दौरे पर थे…. वहीं अपने मुंबई दौरे के अंतिम दिन अमित शाह ने मुंबई एयरपोर्ट पर महायुति के नेताओं के साथ बैठक की…. बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, भाजपा से देवेंद्र फडणवीस और शिंदे गुट से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हुए….. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में महायुति में सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हो पाया…. अमित शाह ने सीटों के बंटवारे में सम्मानजनक सीटें देने का वादा इन लोगों से किया है…. वहीं अणब महायुति में सीट बंटवारे को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है…. अमित शाह ने कहा कि इन नेताओं की अगली बैठक दिल्ली में होगी…..जिसको लेकर सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुंबई में महायुति के नेताओं की बैठक करीब पैंतालीस मिनट तक चली…. वहीं इस बैठक में गृहमंत्री की शिंदे पर भी सटकी थी….. बैठक में अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भी खबर ली…. और ‘घाती’ गुट के नेताओं की निरंकुश प्रवृति पर भी उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई….

इस बीच इस बीच शरद पवार गुट ने एक चौंका देने वाला दावा किया है….. शरद पवार गुट के NCP (SP) नेता और विधायक रोहित पवार ने ‘X’ पर बड़ा दावा किया है…. और एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि एक इंटरनल सोर्स के अनुसार हाल ही में बीजेपी का एक आंतरिक सर्वे आया है…. इस सर्वे में अजित पवार गुट (एनसीपी) को सात से ग्यारह सीटें, एकनाथ शिंदे गुट (शिवसेना) को  सत्रह से बाइस सीटें और बीजेपी को बासठ से सरसठ सीटें मिलने का अनुमान है….. आपको बता दें कि विधायक रोहित पवार ने कहा कि, इससे लोकसभा चुनावों की पुनरावृत्ति का अंदेशा है….. जिसके चलते बीजेपी के आंतरिक समूह में डर फैल गया है…. इसके कारण केंद्रीय स्तर पर कई गतिविधियां शुरू हो गई हैं…. बीजेपी के एक बड़े केंद्रीय नेता ने हाल ही में अजित पवार को कुछ सीटें ऑफर की हैं…. अगर अजित पवार ने पवार साहब (शरद पवार) की राष्ट्रवादी पार्टी के नेताओं को उनके क्षेत्रों में ही रोकने के लिए उनके खिलाफ बड़े नेताओं को खड़ा किया…. या निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की तैयारी दिखाई तो उन्हें छह से सात अतिरिक्त सीटें देने का ऑफर दिया गया है….

 

 

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