भाजपा का ‘बागी’, बाड़मेर से बेंगलुरु तक समर्थक
देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है... बता दें राजस्थान में गर्मी का प्रकोप जैसे-जैसे तेजी से बढ़ रहा है... देखिए इस रिपोर्ट में....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर है… सभी दल अपने लक्ष्य को भेदने के लिए जुटे हुए है…. वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान कि सियासत में तहलका मचा दिया है… बता दें कि राजास्थान का जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है…. उसी तरह से राजनीति पारा भी सातवें आसमान पर है… जिसको देखते हुए बीजेपी में हलचल मची हुई है…. बता दें कि हाल ही में बीजेपी से बागी हुए रविंद्र भाटी की लोकप्रियता को देखकर बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है…. बता दें कि रविंद्र भाटी ने बीजेपी से बगवत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया…. जिसके बाद बाड़मेर से निर्दलीय नामंकन कर दिया है… वहीं रविंद्र भाटी के इस फैसले से बीजेपी में कलबली मची हुई है… औल बाड़मेर सीट को बचाने के लिए तमाम जद्दोजहद कर रही है… लेकिन बीजेपी के सारे मनसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है… क्योंकि रविंद्र भाटी को जनता का अपार समर्थन प्राप्त है… रविन्द्र भाटी के एक इशारे पर लाखों की भीड़ जमा हो जाती है… जिसको देकते हुए रविंद्र भाटी को चुनावी रण में मात देना आसान नहीं है… बता दें कि बीजेपी की नीतियों से नाराज रविंद्र भाटी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था…. जिसके बाद निर्दलीय चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है…. वहीं भाटी के चुनाव लड़ने के चलते बीजेपी बेबस और लाचार दिख रही है…
रविंद्र भाटी की लोकप्रियता देख हिल गई बीजेपी
आपको बता दें कि महज 26 साल की उम्र में रविंद्र भाटी जनता के इतने चहेते बन गए है… जिसका अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है… आपको बता दें कि भाटी की लोकप्रियता केवल राजस्थान में ही नहीं सीमित है…. बल्कि देख भर में रविंद्र भाटी के नाम की गूंज सुनाई दे रही है… जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है… बता दें की भाटी ने क्षेत्र की जनता के लिए इतना काम किया है… वहीं इसका अंदाजा इनके अपार समर्थन को देखकर ही लगाया जा सकत है… वहीं 400 पार के लक्ष्य को लेकर चल रही बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं है… क्योंकि बीजेपी की खोखली राजनीति से सिर्फ जनता ही नहीं… अपितु नेता भी समझ चुके है…. जिसको देकते हुए इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होना निश्चित है… इसका मुख्य कारण बीजेपी से दिग्गज नेताओं के द्वारा बगावत है… बता दें हजारों दावे करने वाली बीजेपी अंदर खोखली हो चुकी है… और राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक बीजेपी के दिग्गज नेता पार्टी छोड़ रहे है… वहीं अब बीजेपी के पास वहीं नेता बचे हैं जो भ्रष्ट है… और जिन्होंने तमाम घोटाले किए है.,… और जिनको ईडी, सीबीआई समते तमाम सराकरी ऐजेंसियों का डर है….
लोकसभा चुनाव में निर्दलीय हुंकार भर रहे हैं भाटी
आपको बता दें कि राजस्थान की बाड़मेर सीट से रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय लोकसभा चुनाव में हुंकार भर रहे हैं…. महज 26 साल की उम्र में रविंद्र भाटी की एक पुकार पर ऐसी भीड़ जमा होती है… कि बड़े से बड़े नेता देखकर रश्क खा जाएं…. वहीं हैरानी की बात ये कि भाटी की लोकप्रियता का समंदर सिर्फ बाड़मेर में ही हिलोरे नहीं मारता…. बल्कि गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक भाटी के नाम की गूंज सुनाई देती है….
जमीन रेगिस्तान, सुनामी पूरा देश
आपको बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी की उम्र भले ही महज 26 साल हो…. लेकिन ये नाम ऐसा छाया है, जिसकी जमीन तो रेगिस्तान है…. मगर उसकी सुनामी पूरे देश में आई हुई है…. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रविंद्र सिंह भाटी में ऐसी कौन सी बात है कि… जिसकी हर रैली में जनसैलाब उमड़ पड़ता है…. रविंद्र सिंह भाटी जैसे सड़क पर निकलता है… तो उसके पीछे-पीछे मानो पूरा शहर चलने को तैयार हो जाता है….. ये कैसी लोकप्रियता है कि जनता रविंद्र भाटी के लिए दीवानी नजर आती है….
26 साल का युवा जिसे बच्चे बुजुर्ग भी प्यार करते हैं प्यार
वहीं एक 26 साल का युवा जिसे बच्चे बुजुर्ग भी प्यार करते हैं… और बच्चे भी उतनी ही मोहब्बत के साथ मिलते हैं…. वहीं कोई इन्हें राजस्थान का नया जादूगर कहता है…. पिछले कुछ दिनों से रविंद्र सिंह भाटी सोशल मीडिया की नई सनसनी बने हुए हैं…. रविंद्र भाटी राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने उतरे हैं….लेकिन देश ये जानकर हैरान रह जाएगा कि रविंद्र भाटी की जैसी लोकप्रियता बाड़मेर में दिखाई दे रही है… ठीक वैसा ही जनसैलाब देश के कोने-कोने में दिखाई दे रहा है…..
बेंगलुरु में भाटी को सुनने के लिए उमड़ा जनसैलाब
आपको बता दें कि बाड़मेर में चुनावी ताल ठोक रहे रविंद्र भाटी जब बेंगलुरु पहुंचे तो उन्हें सुनने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा….. बाड़मेर से बेंगलुरु की दूरी 1800 किमी है…. फासला इतना बड़ा है लेकिन रविंद्र भाटी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं दिखी…. बेंगलुरु ही नहीं, बल्कि ऐसी ही लोकप्रियता हैदराबाद में भी देखने को मिली….जब एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ही लोगों का हुजूम… वहां इकट्ठा हो गया…. भाटी गुजरात के सूरत पहुंचे तो वहां के नाम की गूंज मानो कई किलोमीटर तक सुनाई देने लगी….
राजस्थान से लेकर पूरे देश में भाटी का जलवा
दरअसल, रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर से बाहर निकलकर गुजरात, महाराष्ट्र और हैदराबाद के अलग-अलग इलाकों में जाकर प्रवासी सम्मेलन कर रहे हैं…. वह वहां जाकर वोट मांग रहे हैं…. रविंद्र सिंह भाटी की सभाओं में जुटने वाले प्रवासियों को देखकर राजनीति के बड़े बड़े सूरमा भी हैरान हैं…. सवाल ये है कि आखिर वो क्या है…. जो उनको इतना स्पेशल बनाता है…. सवाल ये है कि राजस्थान के बाड़मेर सीट का एक निर्दलीय उम्मीदवार पूरे देश में इतना लोकप्रिय क्यों और कैसे दिखाई देता है…..
बीजेपी में अक्टूबर महीनें में शामिल हुए थे भाटी
आपको बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी पिछले महीने अक्टूबर में बीजेपी में शामिल हुए…. जिसके बाद चर्चा तो यहां तक थी कि बीजेपी रविंद्र सिंह भाटी को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सरदारपुर सीट से उतार सकती है….. हालांकि भाटी बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे….. लेकिन हुआ ये कि सरदारपुरा तो क्या उनको बीजेपी ने शिव विधानसभा सीट से भी टिकट नहीं दिया….. जिसका नतीजा ये हुआ कि रविंद्र भाटी ने बगावत कर दी…. और फिर निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए…..
महज 26 साल की उम्र में भाटी बने विधायक
जिसके बाद महज 26 साल की उम्र के रविंद्र भाटी विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने…. हालांकि ये पहली बार नहीं था…. जब वह निर्दलीय मैदान में उतरे हो…. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानि एबीवीपी के कार्यकर्ता रह चुके हैं….. वहीं छात्र संघ के चुनाव के लिए एबीवीपी ने उनको नहीं चुना था…. तो रविंद्र भाटी निर्दलीय ही चुनाव लड़ने उतर गए थे…. फिर वह यूनिवर्सिटी के 57 साल के इतिहास में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले पहले छात्र नेता बने…..
भाटी ने निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता
इसी तरह भाटी ने पहले निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता… और फिर निर्दलीय विधायक बने….. इसके बाद रविंद्र भाटी की राजनीतिक महात्वाकांक्षाएं हिलोरे मारने लगीं… और अब वह संसद तक पहुंचना चाहते हैं…. रविंद्र भाटी बाड़मेर की गलियों से होते हुए जयपुर और दिल्ली के पॉलिटिकल कॉरिडोर में चर्चा का चेहरा बन गए हैं…. भाटी ने बाड़मेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया…. जिससे सियासी गलियारें में हलचल मच गई…. और फिर भाटी ने निर्दलीय नामंकन पर्चा भर दिया… और फिर अपने चुनाव प्रचार में जुट गए….
लाखों की भीड़ के साथ भाटी ने किया था नामांकन
आपको बता दें कि रविंद्र भाटी ने नामांकन के दिन लोगों को आह्रवान किया था… और तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि…. भाटी जिस दिन बाड़मेर सीट के लिए नामांकन भरा था…. उस दिन शहर में पैर रखने की जगह नहीं बची थी…. और उन्होंने एक लाख लोगों की भीड़ के साथ अपना नामांकन दाखिल किया था….. रविंद्र भाटी के नाम का सियासी कांटा बीजेपी को जरूर चुभ रहा होगा…. क्योंकि इस सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को मैदान में उतारा है….
बीजेपी ने रविंद्र भाटी की शिकायत की
बता दें युवा नेता की जनसभाओं में आ रही भीड़ ने बीजेपी नेताओं के कान जरूर खड़े कर दिए हैं….. हलांकि बीजेपी के नेता नहीं मानते कि वह कोई चुनौती है…. हालांकि रविंद्र भाटी के नाम पर सामने आए एक पोस्टर को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत की है…. और पोस्टर में कमल का फूल और पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है…. आपको बता दें कि रविंद्र भाटी बाड़मेर के दूधोड़ा गांव के रहने वाले हैं…. और राजपूत परिवार में उनका जन्म हुआ है…. रविंद्र की रैलियों में जुटने वाली भीड़ के बाद उनकी संपत्ति को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं…. वह सामान्य परिवार से आते हैं… और उनके पिता शिक्षक हैं…. सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने वाले रविंद्र भाटी ने ग्रेजुएशन के बाद वकालत की पढ़ाई पूरी की है….. भाटी कोरोना काल में छात्रों की फीस माफी के मुद्दे का भी नेतृत्व कर चुके हैं….
कई बार जेल जा चुके हैं रविंद्र भाटी
वहीं गहलोत सरकार के कार्यकाल में कॉलेज की जमीन का मुद्दा उठा चुके हैं…. छात्र हितों के लिए रविंद्र भाटी कई बार जेल भी गए हैं…. छात्रों की मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव भी किया था… और अपनी इसी जुझारू छवि के चलते वो लोकप्रिय होते गए…. छात्र संघ के चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक वह खुद को साबित कर चुके हैं…. और लोकसभा चुनाव में उनकी रैलियों में दिख रही भीड़ कम से कम इतना बताने के लिए काफी है कि लड़ाई में वो किसी से पीछे नहीं हैं…..
बाड़मेर सीट पर त्रिकोणीय होगा मुकाबला
आपको बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में बाड़मेर लोकसभा सीट पर मुताबला त्रिकोणीय होने जा रहा है…. जिसका मुख्य कारण बीजेपी से कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उमेदा राम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी मैदान में हैं…. बता दें 19 लाख वोटरों वाली इस सीट पर 7 लाख जाट… और 2 लाख 50 हजार राजपूत वोटरों को निर्णायक माना जाता है…. वहीं रविंद्र भाटी के साथ उमड़ते जन सैलाब को देखते हुए सभी पार्टियों के होश उड़े हुए है… वहीं इस सीट पर बाजी कौन मारता है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा….