बीजेपी की जीत मुसलमानों के लिए चिंता की बात: अल्वी

  • बोले- भाजपा को हराना है तो कांगे्रस को गठबंधन में शामिल सभी दलों का सम्मान करना होगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर दिल्ली चुनाव लड़ा होता तो बीजेपी को जीत नहीं मिलती। कांग्रेस आलाकमान को तय करना है कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना है या अकेले चुनाव लडऩा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हुआ वह दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता का विषय है। दिल्ली के इस चुनाव ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बीजेपी हमारी (कांग्रेस) वजह से चुनाव जीती है।
अगर हमें बीजेपी को हराना है तो हमें गठबंधन में शामिल सभी दलों का सम्मान करना होगा और गठबंधन को मजबूत करना होगा और एकजुट होकर चुनाव लडऩा होगा। भाजपा ने शनिवार को 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। 5 फरवरी को हुए चुनाव में आप ने 22 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद अगले हफ्ते बीजेपी सत्ता पर दावा पेश कर सकती है। पिछले 10 वर्षों में दिल्ली में भाजपा का वोट शेयर लगभग 13 प्रतिशत अंक बढ़ा है, जबकि इसी अवधि के दौरान आप का वोट शेयर लगभग 10 प्रतिशत अंक कम हुआ है।

दिल्ली चुनाव परिणाम से सबक ले कांग्रेस : हरीश

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे चिंताजनक थे और उन्होंने कांग्रेस से पहाड़ी राज्य में 2027 के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सबक सीखने का आग्रह किया। फेसबुक पर एक पोस्ट में रावत ने तर्क दिया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन नतीजों की दिशा बदल सकता था, उन्होंने केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को लताड़ा और कहा कि अगर गठबंधन सहयोगियों, विशेष रूप से आप, ने कांग्रेस को बाहर निकालने का लक्ष्य नहीं रखा होता, तो दिल्ली में दोनों पार्टियों के बीच एक रणनीतिक गठबंधन बन सकता था। लेकिन केजरीवाल के अहंकार ने इसे संभव नहीं बनाया। हमारी साझेदारी टूट गई और आप का वोट बैंक टूट गया और इसका सीधा असर आप की संख्या पर पड़ा।

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