निकाय चुनाव: आरक्षण ने बदला कई सीटों का गणित, दिग्गज हुए वॉर फील्ड से बाहर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए नई आरक्षण पालिसी को मंजूरी के साथ ही राज्य की 17 में से 11 सीटों का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया है. पुरानी पालिसी के तहत चुनाव की तैयारी कर रहे कई दिग्गज इस बार चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं. चुनाव आयोग ने नई आरक्षण नीति के तहत सभी नगर निगमों के मेयर, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष के साथ ही वार्ड पार्षद की आरक्षण लिस्ट जारी कर दी है.
इस आरक्षण सूची में छह नगर निगमों में कोई ज्यादा छेड़छाड़ तो नहीं हुई है, लेकिन 11 नगर निगमों की राजनीत पूरी तरह से बदल गई है. नौबत यहां तक आ गई कि काफी समय से खुद को मेयर या पार्षद मान कर तैयारी में जुटे नेताओं को चुनाव लडऩे का भी मौका नहीं मिल रहा.बता दें कि अभी चुनाव आयोग ने संभावित आरक्षण लिस्ट जारी की है. इसी के साथ इसपर आपत्तियां मांगी गई है.
इन्हें देखने के बाद संशोधन भी संभव है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 762 नगर निकाय हैं. इनमें से 760 नगर निकायों में चुनाव की घोषणा हुई है. इनमें 17 नगर निगमों के मेयर का चुनाव होना है. वहीं 199 नगर पालिकाओं और 544 नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव होना है. इसी के साथ सभी नगर निकायों में 13,965 वार्डों के लिए भी चुनाव कराए जाने हैं. इन सभी के लिए चुनाव आयोग ने आरक्षण लिस्ट जारी की है. इससे पहले दिसंबर 2022 में ओबीसी आरक्षण लिस्ट को लेकर काफी बवाल मचा.
यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. इसके बाद नए सिरे से आरक्षण लिस्ट जारी हुई है. इसमें पहले 205 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थी . इसे नई आरक्षण लिस्ट में भी कायम रखा गया है. लेकिन एससी -एसटी और महिलाओं की सीटें बढ़ाई गई हैं. इस बार अनुसूचित जाति के लिए आठ और अनुसूचित जनजाति की एक सीट बढ़ गई है. पहले एससी के लिए 102 तो एसटी के लिए एक सीट आरक्षित थी. अब एसटी की दो सीटें होंगी, वहीं एससी के लिए 110 सीटें आरक्षित की गई हैं. इसी प्रकार महिला आरक्षित सीटों की संख्या भी 255 से बढ़ाकर 288 कर दी गई हैं.
चुनाव आयो ने जो आरक्षण लिस्ट जारी की है, उसमें 17 नगर निगमों में से आठ के मेयर पद अनारक्षित रखे गए हैं. इनमें वाराणसी , प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयो ध्या और मथुरा की सीटें शामिल हैं. वहीं लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद आदि 3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. इसी क्रम में शाहजहां पुर और फिरोजाबाद नगर निगम में मेयर की कुर्सी महिला ओबीसी के लिए आरक्षित की गईं हैं. इसी प्रकार सहारन पुर व मेरठ की सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए रखा गया है. वहीं झांसी नगर निगम में मेयर एससी वर्ग से और आगरा मेयर एससी महिला वर्ग से चुने जाने का प्रावधान किया गया है.
निकाय चुनाव के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल पांच दिसंबर को आरक्षण सूची जारी की थी. इस सूची में मथुरा और अलीगढ़ मेयर की सीट ओबीसी महिला के लिए आरक्षित थी. वहीं प्रयागराज ओबीसी के पाले में डाला गया था. वहीं सहारनपुर की सीट महिला ओबीसी के खाते में डाली गई थी. लेकिन नई सूची आने के बाद इन सभी सीटों पर पूरा समीकरण ही बदल गया है. ऐसे हालात में सहारनपुर के इमरान मसूद समेत कई अन्य बड़े नेता रेस से बाहर हो गए हैं. इसी प्रकार संजीव वालियान को मैदान में उतरने का बेहतर मौका मिल गया है.