बडगाम हमला सरकार को अस्थिर करने की साजिश

  • पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने की मजदूरों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बडगाम में मजदूरों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले चिंता का विषय हैं और सवाल उठाया कि कैसे वर्तमान सरकार के तहत ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं। अब्दुल्ला ने बडगाम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, इसकी जांच होनी चाहिए। कैसे यहां सरकार बन गई है और ये हो रहा है। मुझे तो शक है कि यह वे लोग तो नहीं कर रहे हैं जो इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं? ये पहले क्यों नहीं हो रहा था? यह सब एक संकट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा और शांति को चुनौती देती हैं और सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि मजदूरों पर हुए हमले से स्थानीय लोगों के बीच डर और चिंता बढ़ गई है। फारूक अब्दुल्ला ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लोगों के विश्वास को पुन: प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इस घटना ने राज्य में सुरक्षा स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और राजनीतिक नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अब्दुल्ला की टिप्पणियां उस समय आई हैं जब जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।

समय पर आयोजित होंगे पंचायत चुनाव, तैयारियां तेज

फारूक अब्दुल्ला ने पंचायत चुनावों को लेकर कहा है कि चुनाव की तैयारिया की जा रही हैं और इसे समय पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, पंचायत चुनावों के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यह चुनाव आयोजित किया जाएगा। अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू और कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की आवश्यकता है। केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। अब समय आ गया है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए। स्टेटहुड एक वादा है जो संसद और सर्वोच्च न्यायालय के सामने भी किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य का दर्जा बहाल करना केवल राजनीतिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह लोगों के अधिकारों और उनकी पहचान की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर की जनता को उनके अधिकार और सम्मान लौटाना चाहिए।

बढ़ती दवा की कीमतों पर कांग्रेस ने जताई चिंता, पीएम को लिखा पत्र

  • अस्थमा, टीबी, बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियों की दवाओं के मूल्य में 50 फीसदी तक की मूल्य वृद्वि

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपी) ने हाल ही में कई दवाओं की कीमत में 50 फीसदी का इजाफा किया है। दवाई में बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने दवाई की कीमत को लेकर चिंता जाहिर की है। कांग्रेस सांसद ने पत्र में लिखा है, मैं राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के हाल के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूं, ताकि आम तौर पर उपयोग की जाने वाली आठ दवाओं की अधिकतम कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि के बारे में बता सकूं।
सरकार ने इस वृद्धि के पीछे असाधारण परिस्थितियां और जनहित को कारण बताया है, लेकिन मेरा मानना है कि इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे के औचित्य को स्पष्ट करना जरूरी है। उन्होंने आगे लिखा, दवाओं की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से अस्थमा, टीबी, बाइपोलर डिसऑर्डर, और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों के लिए आवश्यक दवाओं पर असर पड़ सकता है। ये दवाएं लाखों नागरिकों के लिए जीवन रक्षक हैं। कई मरीज और उनके परिवार पहले से ही जरूरी उपचार में वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दवाओं की कीमतों में वृद्धि से इन व्यक्तियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, जिससे उनके स्वास्थ्य परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

यह वृद्धि लाखों परिवारों पर पड़ेगी भारी : सांसद मणिकम टैगोर

मणिकम टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा हाल ही में जरूरी दवाओं की कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। यह वृद्धि उन लाखों परिवारों पर भारी पड़ रही है, जो अस्थमा, टीबी और अन्य बीमारियों के लिए जरूरी दवाओं पर निर्भर हैं। उन्होंने आगे कहा, सरकार से आग्रह है कि वह बड़ी फार्मा कंपनियों के दबाव का विरोध करे और इस निर्णय के लिए स्पष्ट तर्क प्रस्तुत करे। रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर वास्तविक प्रभाव का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा समिति का प्रस्ताव रखा है। हमारे नागरिकों की भलाई के लिए पारदर्शिता और सामर्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बागी उम्मीदरों से बढ़ेगी पार्टी की समस्या: अठावले

  • केंद्रीय राज्य मंत्री ने महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बयानों पर भी दी प्रतिक्रिया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास अघाड़ी में बढ़ती बागियों की संख्या पर खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। रामदास आठवले ने कहा है कि कई पार्टियों में बागी उम्मीदवारों की संख्या बढ़ रही है, जो पार्टी के लिए समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। हालांकि, हमें पूरा विश्वास है कि हमारे, यानी महायुति के बागी उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के नेताओं पर विश्वास रखते हैं। इसलिए, मैं उम्मीद करता हूं कि 4 नवंबर तक 99 फीसदी रिबेल उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे।
महाराष्ट्र में 4 नवंबर नाम वापस लेने का आखिरी दिन है। उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकट वितरण के समय नाराजगी की समस्या होती है। अगर एक को टिकट दिया गया तो दूसरा नाराज हो जाता है और अगर दूसरे को दिया गया तो पहला नाराज हो जाता है। लेकिन, बागी उम्मीदवारों को पार्टी के हित में सोचना चाहिए। आठवले ने महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अरविंद सावंत का बयान महा विकास अघाड़ी के लिए विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति बिना पानी की मछली की तरह है, जो सत्ता के बिना तड़प रही है। प्रधानमंत्री मोदी पंडित नेहरू के लगातार 15 साल प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड तोडऩे वाले हैं, जिसके कारण कांग्रेस नाराज है।

बिहार की राजनीति में बनीं बमचक की स्थिति

  • आर.सी.पी सिंह के नये राजनीतिक दल आसा ने नीतिश कुमार की बढ़ाई चिंता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की रजीनति में बमचक की स्थति है। जहां रोज नित्य नये समीकरण बन रहे हैं और बिगड़ रहे है। ताजा राजनीतिक बवाल पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बिहार की 143 सीटों पर चुनाव लडऩे के एलान को लेकर है। इस घोषणा पर जनता दल (यूनाइटेड) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पूछा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को नये राजनीतिक दल को बनाने की क्या जरूरत थी।
उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह ने 243 सीटों में से 143 पर चुनाव लडऩे का ऐलान किया है, लेकिन 100 सीटें क्यों छोड़ी है, यह एक बड़ा सवाल है। नीरज कुमार ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी सीट पर हार का सामना करना पड़ेगा। आरसीपी सिंह से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह पाई, तो अचानक भाजपा से अलग होने का क्या कारण है? जनता जानना चाहती है कि किन कारणों से आप भाजपा से अलग हुए हैं। उन्होंने आरसीपी सिंह को नालंदा में चुनाव लडऩे का सुझाव देते हुए कहा कि स्थानीय विधायक जितेंद्र कुमार उनके राजनीतिक प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। झारखंड चुनाव में तेजस्वी यादव द्वारा किए गए दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि महागठबंधन में जितनी सीटें मिलीं, उनमें से एक भी अल्पसंख्यक या आदिवासी को टिकट नहीं दी गई। आप जेल में बैठे अपराधियों के लिए वोट मांगते हैं, लेकिन महादलित समुदाय के लिए आपके पास समय नहीं है। यह दिखाता है कि आपकी सरकार कितनी भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि जनता को यह तय करना होगा कि क्या वह ऐसे उम्मीदवारों को स्वीकार करेंगे जो जेल में हैं। क्या जनता को यह स्वीकार है कि जेल में बैठे व्यक्ति को कोडरमा से उम्मीदवार बनाया जाए? उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे गठबंधन को अस्वीकार करें।

हम हर नोटिस का जवाब देंगे: नीरज कुमार

तेजस्वी यादव द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस पर नीरज कुमार ने कहा कि हम हर नोटिस का जवाब देंगे, लेकिन पहले यह बताएं कि आपने शराब कंपनियों से 46 करोड़ रुपये क्यों लिए। उन्होंने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी लागू है, तो तेजस्वी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह पैसा किस आधार पर मिला। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तेजस्वी ने मुकदमा दायर नहीं किया, तो वह उन्हें राजनीतिक रूप से चुनौती देने के लिए तैयार रहेंगे। हम आपके लीगल नोटिस का जवाब देंगे, लेकिन पहले आपको अपनी दागी पृष्ठभूमि का जवाब देना होगा।

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