यूट्यूबर से 10 करोड़ की कारें जब्त, लैंबॉर्गिनी–मर्सिडीज सीज, दुबई में शादी के बाद थी ED की नजर

एक साधारण यूट्यूबर से करोड़ों की लग्ज़री लाइफस्टाइल तक का सफर अब जांच के घेरे में आ गया है... प्रवर्तन निदेशालय ने एक यूट्यूबर...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर करोड़ों की कमाई करने वाले यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी इन दिनों जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं.. 25 साल के अनुराग क्रिकेट प्रेडिक्शन और फैंटेसी गेमिंग के वीडियो बनाकर मशहूर हुए.. अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच में फंस गए हैं.. ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.. जांच में अनुराग की लग्जरी कारें जब्त की गई हैं.. बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं.. और उनके विदेशी निवेशों की जांच चल रही है.. यह पूरी घटना अनुराग की तेजी से ऊपर उठने वाली जिंदगी.. उनकी हाई-प्रोफाइल शादी और संदिग्ध कमाई के इर्द-गिर्द घूमती है..

आपको बता दें कि अनुराग द्विवेदी का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के नवाबगंज इलाके में हुआ.. वह खजुर गांव से ताल्लुक रखते हैं.. जहां उनका परिवार रहता है.. अनुराग के पिता लक्ष्मीनाथ द्विवेदी गांव के प्रधान रह चुके हैं.. उनकी मां का नाम मंजू देवी है.. और बहन कोमल की शादी तीन साल पहले हो चुकी है.. अनुराग ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है.. साल 2017-18 तक वह गांव में ही रहते थे.. और साइकिल से घूमते थे.. लेकिन इसी दौरान वह क्रिकेट मैचों पर सट्टेबाजी करने वाले लोगों के संपर्क में आए.. और उन्होंने लाखों रुपये गंवा दिए.. जिसके बाद परिवार ने उन्हें डांटा.. इसके बाद अनुराग अपने दोस्त संजीत कुमार के साथ दिल्ली चले गए..

दिल्ली में अनुराग ने अपना करियर बदला.. वह यूट्यूबर बने और क्रिकेट से जुड़े वीडियो बनाने लगे.. खासतौर पर फैंटेसी क्रिकेट ऐप्स जैसे ड्रीम-11 पर फोकस किया.. उनके चैनल पर रेफरल लिंक.. और प्रमोशनल कोड शेयर होते थे.. जिनसे लोग जुड़ते और अनुराग को कमीशन मिलता.. धीरे-धीरे उनका चैनल बड़ा होता गया.. आज उनके यूट्यूब चैनल पर 7 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं.. और इंस्टाग्राम पर 2.4 मिलियन फॉलोअर्स है.. वह खुद को फैंटेसी क्रिकेट का चेहरा कहते हैं.. जनवरी 2024 में लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उन्होंने तू कर लेगा नाम से एक ग्रैंड मीट-अप आयोजित किया.. जिसमें 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए.. और यह इवेंट उनकी ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में मददगार साबित हुआ..

लेकिन अनुराग की कमाई का स्रोत सिर्फ यूट्यूब या फैंटेसी ऐप्स नहीं था.. जांच में पता चला कि वह ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स.. स्काई एक्सचेंज को प्रमोट करते थे.. जो भारत में गैरकानूनी हैं.. इन ऐप्स से यूजर्स ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं.. और अनुराग को प्रमोशन के बदले पैसे मिलते थे.. वह ग्रोजन नाम का एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप भी चलाते थे.. इसी से उनकी करोड़ों की कमाई हुई.. लेकिन यह कमाई काली बताई जा रही है..

अनुराग की जांच की शुरुआत उनकी हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल से हुई.. नवंबर 2025 में उन्होंने लखनऊ की अपनी प्रेमिका से दुबई में एक क्रूज पर शादी की.. इस शादी में उन्नाव के नवाबगंज से 100 रिश्तेदारों को दुबई लाया गया.. उनके आने-जाने और ठहरने का सारा खर्च अनुराग ने उठाया.. दुबई से लौटे लोगों ने अनुराग के ठाठ-बाट की कहानियां सुनाईं.. जो जांच एजेंसियों तक पहुंच गईं.. शादी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए.. जिससे ईडी का उनकी तरफ ध्यान गया..

जानकारी के अनुसार ईडी की जांच वेस्ट बंगाल पुलिस की एक एफआईआर से जुड़ी है.. जिसमें सिलिगुड़ी में अवैध सट्टेबाजी का मामला दर्ज है.. इसमें सोनू कुमार ठाकुर और विशाल भारद्वाज जैसे लोग शामिल हैं.. जो टेलीग्राम चैनल्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से सट्टेबाजी चलाते थे.. अनुराग इन प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करते थे.. ईडी ने पीएमएलए के तहत मामले को लिया.. और अनुराग को समन भेजे.. लेकिन वह दुबई में रह रहे हैं.. और समन का जवाब नहीं दे रहे थे..

जिसके चलते 18 दिसंबर को ईडी ने अनुराग के उन्नाव.. और लखनऊ में 9 ठिकानों पर छापे मारी की.. और छापेमारी 12 घंटे चली.. जिसमें दस्तावेजों की जांच की गई.. टीम में 16 सदस्य थे.. और सीआरपीएफ की मदद भी ली गई.. छापेमारी के दौरान अनुराग घर पर नहीं थे.. लेकिन उनकी मां ने घर पर थी.. बता दें कि छापेमारी में अनुराग के चाचा के घर भी शामिल थे..

वहीं ईडी ने छापेमारी में कई लग्जरी कारें जब्त कीं.. जिनकी कुल कीमत करीब 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है.. इनमें लैंबॉर्गिनी उरुस, बीएमडब्ल्यू जेड4, मर्सिडीज-बेंज, महिंद्रा थार, फोर्ड एंडेवर शामिल हैं.. जानकारी के अनुसार ये कारें अपराध से कमाए पैसे से खरीदी गईं बताई जा रही हैं.. इसके अलावा बैंक रिकॉर्ड्स, प्रॉपर्टी पेपर्स और डिजिटल डिवाइसेज जब्त किए गए.. अनुराग और उनके परिवार के सभी बैंक खाते सीज कर दिए गए.. इन खातों में बड़ी रकम जमा थी.. जो बिना वैध कारण के आईं.. ईडी अब इन लेन-देन की जांच कर रही है..

ईडी की जांच में अनुराग पर मुख्य आरोप मनी लॉन्ड्रिंग का है.. वह अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स को प्रमोट करके करोड़ों कमाते थे.. ये ऐप्स भारत में गैरकानूनी हैं.. क्योंकि वे यूजर्स को मैचों पर सट्टा लगाने की सुविधा देते हैं.. अनुराग प्रमोशनल वीडियो बनाते.. और पेमेंट हवाला ऑपरेटर्स, म्यूल बैंक अकाउंट्स और कैश मिडलमैन से लेते.. पैसे को उनके कंपनियों और परिवार के खातों में बिना किसी वैध बिजनेस के जमा किया जाता..

शुरुआती जांच में क्रिकेट सट्टेबाजी, हवाला नेटवर्क और टिपिंग से कमाई के संकेत मिले है.. अनुराग ने इस काली कमाई से दुबई में कई प्रॉपर्टीज खरीदीं.. वह कुछ समय से दुबई में रह रहे हैं.. ईडी अब उनके विदेशी ट्रैवल, ओवरसीज ट्रांजैक्शन्स.. और फंड्स के इस्तेमाल की जांच कर रही है.. जांच में अन्य लोगों को भी शामिल किया जा सकता है.. और और जब्तियां हो सकती हैं..

ईडी की जांच से पहले अनुराग कई विवादों में फंसे.. दिसंबर 2024 में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य रोहित गोदारा ने उन्हें फोन कर 1 करोड़ की रंगदारी मांगी.. अनुराग ने सोशल मीडिया पर अपनी जान को खतरा बताया.. और यूपी सरकार से सुरक्षा मांगी.. लेकिन बाद में पोस्ट डिलीट कर दी.. नवंबर 2025 में शादी के बाद एक और विवाद हुआ.. अनुराग के नाम पर रजिस्टर्ड थार गाड़ी से जुड़े लोगों पर अजगैन कोतवाली में मारपीट का आरोप लगा.. और उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की बस रोककर दबंगई की.. इस पर 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई..

वहीं ईडी की कार्रवाई पर अनुराग ने इंस्टाग्राम स्टोरी में बिना एजेंसी का नाम लिए तंज कसा.. और उन्होंने लिखा कि सफर यहां तक आसान नहीं था.. एक नहीं, दो नहीं, करोड़ों ने हाथ खींचे.. किसी ने पैर, किसी ने दिल, दिमाग, शरीर, आत्मा… सब पर जोर लगाया.. संघर्षों के रास्ते चुने.. खुद के लिए कभी जिया ही नहीं, मेरे साथी पास थे.. जबकि बड़े-बड़े टेबल पर ऑफर पड़े थे.. 2025 में विभाग को मुझसे न जाने क्या समस्या हुई.. जिन्हें इतना टैक्स दिया.. आज देखो, हर तरफ वही तलवार और भाला लेकर खड़े हैं.. उन्हें अपनी मजबूरी कैसे बताऊं, अपनी जरूरतें कैसे जताऊं… जब सही चीज़ को गलत साबित करने पर वो अड़े हों.. यह पोस्ट उनके संघर्ष और जांच पर नाराजगी दिखाती है..

 

Related Articles

Back to top button