कर्नाटक में बिना परमिशन जांच नहीं कर सकेगी CBI, MUDA स्कैम पर बवाल के बीच कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला
4PM न्यूज नेटवर्क: कर्नाटक में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में सीबीआई को बिना परमिशन जांच करने की अनुमति देने वाली अपनी पिछली अधिसूचना को गुरुवार (26 सितंबर) को वापस लेने का फैसला किया है। यह कदम MUDA भूमि घोटाले मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ CBI जांच की मांग के बीच उठाया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत कर्नाटक राज्य में आपराधिक मामलों की जांच के लिए CBI को सामान्य सहमति देने वाली अधिसूचना वापस ले ली गई है। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 की धारा 6 के मुताबिक, CBI को राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित सरकारों से सहमति की जरूरत होती है।
MUDA स्कैम पर बवाल के बीच कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला
इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ‘‘ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यह स्पष्ट है कि CBI या केंद्र सरकार अपने साधनों का उपयोग करते समय उनका विवेकपूर्ण उपयोग नहीं कर रही है। इसलिए मामले-दर-मामले हम सत्यापन करेंगे और (सीबीआई जांच के लिए सहमति) देंगे। सामान्य सहमति वापस ले ली गई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुख्यमंत्री को ‘‘बचाने’’ के लिए किया जा रहा है, जो मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) प्लॉट आवंटन मामले में जांच का सामना कर रहे हैं, पाटिल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पर लोकायुक्त जांच के लिए अदालत का आदेश है, इसलिए ऐसा प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि ‘‘दिन-प्रतिदिन’’ यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि कई मामलों में सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने ऐसा बीजेपी द्वारा कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम कोष में हेराफेरी मामले की CBI जांच की मांग को ध्यान में रखते हुए किया है, मंत्री ने कहा कि “इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि मामला अदालत में है।
जानिए MUDA स्कैम क्या है?
- जब सरकार किसी जमीन का अधिग्रहण करती है तो मुआवजे के तौर पर दूसरी जगह जमीन देती है। MUDA स्कैम भी इसी से जुड़ा हुआ है।
- ये पूरा मामला सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मुआवजे के रूप में मिली 14 प्रीमियम साइट से जुड़ा है।
- ये प्लॉट मैसूर में हैं। आरोप है कि सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती ने MUDA से गैरकानूनी तरीके से जमीन ली।
- दावा है कि इसमें 4 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है जिस जमीन की यहां बात हो रही है वो केसारू गांव की 3.16 एकड़ का प्लॉट है।
- साल 2005 में इस जमीन को सिद्धारमैया के बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी देवराज को ट्रांसफर कर दिया गया था।
- दावा है कि मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2004 में सरकारी अफसरों और जाली दस्तावेजों की मदद से इस जमीन को अवैध रूप से अपने नाम करवा लिया था।