वक्फ बिल को लेकर नीतीश कुमार पर बरसे प्रशांत किशोर, कहा- इतिहास में दोष उनको जाएगा

पटना। सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया कि वो बुधवार को दोपहर 12 बजे वक्फ बिल को लोकसभा के पटल पर रखेगी. वक्फ बिल पेश किए जाने को लेकर अब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीजेपी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को घेरा है. प्रशांत किशोर ने कहा, यह दुर्भाग्य पूर्ण है, मैं इसको मुसलमानों और हिंदुओं के खिलाफ नहीं देखता हूं.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, मैं इसको इस नजर से देखता हूं कि बिल के मैरिट को एक बार किनारे भी रखे तो जब देश आजाद हुआ हमारे संस्थापकों ने जो उस समय कमिटमेंट किए, अगर आप उन कमिटमेंट और आश्वासनों से भटकते हैं तो यह इस पीढ़ी के लोगों की जिम्मेदारी बन जाती है कि वो उन कमिटमेंट के लिए सच्चे रहें. अगर आप उनमें कोई बदलाव कर रहे हैं जिसका असर किसी वर्ग पर पड़ता है, अगर उससे कोई वर्ग प्रभावित होता है तो ऐसे कानून बनाए जाने से पहले ऐसे वर्गों को विश्वास में लेना चाहिए. वक्फ बिल से मुसलमानों का एक बड़ा तबके को खतरा महसूस होता है, तो मुझे लगता है कि सरकार जल्दी में और कहीं न कहीं पोलराइजेशन वाली जो पॉलिटिक्स है उसके मद्देनजर कानून बना रही है.
प्रशांत किशोर ने बीजेपी को लेकर कहा, उनको वक्फ की जमीन से कितना मतलब है मैं यह नहीं जानता हूं. वक्फ की संपत्ति और उसके कार्यकलापों से कितना मतलब है मैं यह भी नहीं जानता हूं. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, उन्हें इससे मतलब है कि यह हिंदू-मुस्लिम होता रहे.
उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, दूसरी बात यह है कि सरकार को लोकसभा में बहुमत नहीं है. वो कानून इसीलिए बना पा रहे हैं क्योंकि नीतीश कुमार जैसे लोग सरकार की मदद में खड़े हैं. क्योंकि अगर नीतीश कुमार जैसे लीडर लोकसभा में इस बिल के पक्ष में वोट न दें तो किसी भी हालत में सरकार यह कानून नहीं बना सकती है.
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बरसते हुए कहा, बीजेपी वाले लोग तो मुसलमानों को अपना वोटर नहीं मानते हैं. उनको अपना समर्थक नहीं मानते हैं, एक तरह से राजनीतिक खींचतान और लड़ाई ही है, लेकिन जब नीतीश कुमार जैसे लोग जो रोज मुसलमानों को बताते हैं कि हम तुम्हारे हितैषी है. ऐसे लोगों को जरूर इस बात की चिंता करनी चाहिए कि जब आप गांधी की बात करते हैं तो क्या आप वक्फ के कानून के पक्ष में वोट देकर अपना दोमुंहा चरित्र नहीं दिखा रहे हैं. जब इस कानून का इतिहास लिखा जाएगा तो इस कानून को बनने का दोष बीजेपी से ज्यादा कहीं न कहीं नीतीश जी के सर पर होगा.
उन्होंने आगे कहा, नीतीश जी का यह पुराना तरीका है , नीतीश कुमार ने सीएए-एनआरसी के पक्ष में वोट दिया था और उस समय तो मैं उनके दल में था.पार्टी की बैठक में यह तय किया गया और नीतीश कुमार ने लंबा चौड़ा भाषण दिया कि हम इस कानून के बिल्कुल ही पक्ष में नहीं है और संसद में जाकर इसके पक्ष में वोट दे दिया. इसको लेकर जब मैंने सीधे नीतीश कुमार से बात की तो उन्होंने मुझसे कहा कि पत्रकारों से कह दो कि यह विधेयक बिहार में लागू नहीं होगा. उस समय मुझे लगा यह व्यक्ति किसी का नहीं है, यह बीजेपी का भी नहीं है. न ही मुसलमानों का है. हर वर्ग को साधने और बेवकूफ बनाने की इनकी पुरानी नीति रही है. लोग नीतीश कुमार के इस चरित्र को देख रहे हैं और अब इससे ऊब चुकी है अब।

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