मोक्ष की द्वारका नगरी में मनाएं जन्माष्टमी
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सोमवार (26 अगस्त) को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के खास मौके पर दुनियाभर के मंदिरों में...
4PM न्यूज नेटवर्क: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सोमवार (26 अगस्त) को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के खास मौके पर दुनियाभर के मंदिरों में लाखों भक्तों की भीड़ दिखाई देती है। आपको बता दें कि जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मथुरा, वृंदावन से लेकर इस्कॉन में इसकी अलग रौनक देखने को मिलती हैं। लेकिन वहीं भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका की बात ही कुछ और ही है।
जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले ही द्वारका को खूब सजाया जाता है। मोक्ष की नगरी कही जाने वाली द्वारका किसी दुल्हन से कम नहीं लगती है। सनातन धर्म के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। बता दें कि द्वारका भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में हैं। यहां जन्माष्टमी का त्योहार कई दिन पहले ही शुरू हो जाता है। अगर आप शानदार अनुभव पाना चाहते हैं तो बार जन्माष्टमी पर द्वारका जरूर आएं। यहां लाखों की तादाद में लोग दर्शन करने आते हैं।
इस दिन भगवान कृष्ण की प्रतिमा को कीमती गहनों से सजाया जाता है। रात के समय उन्हें गहने पहनाकर करीब आधे घंटे बाद भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है। रात के 12 बजने पर उनका स्वागत किया जाता है। करीब 2 घंटे के बाद रात 2 बजे मंदिर बंद हो जाता है।
- इसके बाद सुबह 7 बजे की मंगला आरती के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा शुरू हो जाती है।
- उन्हें भोग लगाया जाता है और पर्दा हटाया जाता है, इस दृश्य को देखने के लिए द्वारका आते हैं।
- यहां दही हांडी, जॉय राइड्स और तमाम तरह के फूड स्टॉल लगाए जाते हैं।
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- जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के बाद आप द्वारका के आसपास भी घूम सकते हैं।
- आप बेट द्वारका जा सकते हैं यह एक छोटा सा आईलैंड है और इसपर भी कई मंदिर हैं।
- किसी जमाने में यह इस इलाके का मुख्य बंदरगाह हुआ करता था। यह आईलैंड पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है।
- आप द्वारका में दूसरे मुख्य मंदिरों की सैर कर सकते हैं या फिर द्वारका बीच जा सकते हैं।
- अगर आपके पास समय है तो पोरबंदर, अहमदाबाद, गिर या सोमनाथ भी जा सकते हैं।