केंद्र देश को गलत रास्ते पर ले जा रहा: केजरीवाल

  • आप संयोजक ने  चिट्ठी लिख संघ प्रमुख से पूछे सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एकबार फिर पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने चिट्ठी में कहा कि ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है। दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और लोकतंत्र के लिए सही है? केजरीवाल ने लिखा, मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं।
बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में भाजपा की केंद्र सरकार देश और राजनीति को ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है। अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र और देश खत्म हो जाएगा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी जिम्मेदार है। देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है? देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भाजपा में शामिल करा लिया।

बोले- भाजपा पथ भ्रमित है, संघ सही रास्ते पर लाए

भाजपा वो पार्टी है जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि भाजपा पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब ग़लत काम करने से रोका?. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से भाजपा की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि जेपी नड्डा के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?

75 साल का फॉर्मूला पीएम मोदी पर लागू हो

आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद भाजपा नेता रिटायर हो जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी कानून के तहत लाककृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे कई कद्दावर भाजपा नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले 10 वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई भाजपा नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी, शांता कुमार, सुमित्रा महाजन आदि। अब अमित शाह का कहना है कि वो कानून पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत लाककृष्ण आडवाणी को रिटायर किया गया, वो कानून अब पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए कानून समान नहीं होना चाहिए?

फोन टैपिंग को लेकर केरल में बवाल

  • राज्यपाल आरिफ बोले- बिना कानूनी अनुमति के कई लोगों के फोन किए गए टैप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोच्चि। केरल में फोन टैपिंग को लेकर बवाल मच गया है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम को पत्र लिखकर आपत्ति की है। केरल के एडीजीपी अजित कुमार की जांच पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैंने पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मेरे लिए चिंता का विषय यह है कि बिना कानूनी अनुमति के कई लोगों के फोन टैप किए जा रहे हैं। त्रिशूर पूरम गड़बड़ी पर एडीजीपी की जांच रिपोर्ट पर डीजीपी द्वारा असहमति जताने के बाद कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई है।
सीपीआई मंत्री एडीजीपी अजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और व्यवसायी से नेता बने अनवर ने हाल ही में आरोप लगाया था कि एडीजीपी अजितकुमार मंत्रियों, राजनीतिक नेताओं और पत्रकारों के फोन टैप करते थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अजितकुमार के सोने की तस्करी करने वाले गिरोहों से करीबी संबंध थे और वह कई गंभीर अपराधों में शामिल थे। बीती 19 मई को आयोजित त्रिशूर पूरम में व्यवधान उत्पन्न किया गया और सरकार ने तत्कालीन नगर पुलिस आयुक्त तथा सहायक आयुक्त के विरुद्ध कार्रवाई की थी। ऐसा बताया जा रहा है कि एडीजीपी ने डीजीपी के समक्ष सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की। खबरों के अनुसार अजित कुमार ने रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं था। कांग्रेस ने इस कथित रिपोर्ट की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पूरम को बाधित करने के लिए साजिशकर्ता ने स्वयं ही इस संबंध में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

वक्फ बिल सुझाव पर सियासत गरमाई

  • जेपीसी के सदस्य निशिकांत दुबे ने गृह मंत्रालय से की जांच की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए 1 करोड़ से ज्यादा ईमेल मिले हैं। वहीं, जेपीसी को लिखित सुझाव भी मिले हैं, इस बीच जेपीसी के वरिष्ठ सदस्य निशिकांत दुबे ने दावा किया कि इन सुझावों के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर इशारा करते हुए समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखा है।
दुबे ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी जांच करने का अनुरोध किया है। जगदंबिका पाल को लिखे पत्र में आग्रह किया है कि इन गंभीर चिंताओं के मद्देनजर, जेपीसी को मिली सामग्रियों की जांच के लिए गृह मंत्रालय को अनुमति दें। दुबे ने सुझावों में कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों और आईएसआई और चीन जैसी विदेशी शक्तियों की संभावित भूमिकाएं होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ये भी कहा कि पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय से जांच कराने के बाद जांच की रिपोर्ट को जेपीसी के सामने रखा जाए।

भारत का कोई हिस्सा पाकिस्तान नहीं: चंद्रचूड़

  • जज की टिप्पणी पर नाराज हुए सीजेआई
  • पक्षपात को दर्शाती है इस तरह की टिप्पणी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एक मुकदमे के दौरान भारत के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोई भी भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकता। यह मूल रूप से राष्ट्र की संप्रभुता के विरुद्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अपने हाथ में लिया था और कर्नाटक हाई कोर्ट से कोंट्रोवर्शियल कमेंट पर रिपोर्ट मांगी थी।
सीजेआई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने जस्टिस एस खन्ना, बी आर गवई, एस कांत और एच रॉय के साथ मिलकर 20 सितंबर को संवैधानिक अदालतों के जजों के लिए अदालत में उनकी टिप्पणियों के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश स्थापित करने की आवश्यकता जताई थी। चंद्रचूड़ ने कहा, इस तरह के कमेंट पर्सनल पक्षपात को दर्शाते हैं, खासकर जब उन्हें किसी खास जेंडर या समुदाय पर निर्देशित माना जाता है। इसलिए किसी को भी स्त्री-द्वेषी कमेंट करने से बचना चाहिए, हम एक खास जेंडर या समुदाय पर कमेंट के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और ऐसे कमेंट को नकारात्मक रूप में समझा जा सकता है हमें उम्मीद और भरोसा है कि सभी हितधारकों को सौंपी गई जिम्मेदारियों को बिना किसी पूर्वाग्रह और सावधानी के पूरा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने आज कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस वेदव्यासाचार्य श्रीशानंद के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही को बंद कर दिया क्योंकि उन्होंने अदालती कार्यवाही के दौरान किए गए विवादास्पद कमेंट के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पाच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व करते हुए कहा कि यह फैसला न्याय के हित में और न्यायपालिका की गरिमा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मुस्लिम बाहुल इलाके को पाकिस्तान कहने पर उठा विवाद

न्यायमूर्ति श्रीशानंद ने मकान मालिक-किराएदार विवाद पर बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहा और एक महिला वकील को लेकर महिला विरोधी कमेंट किया था. उनका कमेंट, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, ने सर्वोच्च न्यायालय को कर्नाटक उच्च न्यायालय से एक रिपोर्ट मांगने के लिए मजबूर किया, जिसे घटना के तुरंत बाद प्रस्तुत किया गया था।

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