केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश का हक दे: सीएम सुक्खू
बोले- हमारी लोन लिमिट को भी किया गया है कम
केंद्रीय मंत्रियों से मिले सीएम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के हित के लिए काम कर रहे हैं। देश में संघीय ढांचा है और इसमें हर राज्य के अपने अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि वह 28 दिसंबर को कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। जिन मंत्रियों से मुलाकात हुई वह उनके सामने उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अधिकार की बात रखी।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने शिमला के रिज पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी जो देश के प्रधानमंत्री थे उनकी आज 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर मैं यह कहना चाहूंगा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का हिमाचल से बहुत पुराना रिश्ता था। वह हिमाचल के मनाली में प्रीणी में आते थे और अक्सर हिमाचल के प्रति और प्रकृति के प्रति उनका एक अपना मोह था। वह एक कवि थे। वह एक भारतीय जनता पार्टी के जब को फाउंडर मेंबर थे और मैं यह भी कहना चाहूंगा वह एक स्टेट्समैन के रूप में कार्य करते थे। 17 से 22 तक जीएसटी कंपनसेशन था जो हर साल ढाई 3000 करोड़ रुपए आता था वह खत्म हुआ हुआ है। दूसरा। आरडीसी कम हुई हुई है और सारे रिसोर्स कम किए। हमारी ओपीएस देने के कारण हमारी लोन की लिमिट को भी कम कर दिया गया है।
इन सब स्थितियों से मैं आने वाले समय में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करके इस बात को उठाऊंगा भी और यह मैं सोचूंगा कि हम हमें कैसे प्रदेश की जो हमने दिशा तय की।
राज्य का जीएसटी कंपनसेशन हुआ बंद
हमारी सीडब्ल्यूसी की दो दिन की बैठक है और सीडब्ल्यूसी की दो दिन की बैठक के बाद मैं 28 तारीख को। वहां जिस भी मंत्री से अपॉइंटमेंट अगर मिलती है तो मैं उनसे मिलकर आऊंगा और निश्चित तौर पर प्रदेश के हित की बात और प्रदेश के हित के लिए हमें मिलना जरूरी भी होता है। फेडरल स्ट्रक्चर में हर स्टेट में का एक राइट होता है। इस दृष्टि से हम आने वाले समय में जनवरी के महीने में हमारी काफी व्यस्तता रहेगी और इस मामले में क्योंकि बजट है और बजट से संबंधित हम सब चीजों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे, क्योंकि हमारा जो जीएसटी कंपनसेशन है, जो क्योंकि हम प्रोड्यूसर स्टेट है, हम कंज्यूमर स्टेट नहीं है। जीएसटी लगता है जैसे कि जो शिमला में कोई चीज खरीदेगा तो उसमें जीएसटी लगेगा। अब हम बद्दी को फार्मा हब तो कहते हैं लेकिन उससे जीएसटी हमको कम आता है तो जीएसटी कंपनसेशन हमारा बंद हुआ है।