महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद 41 दिनों करें इन शिव मंत्रों का जाप, ग्रहदोषों से मिलगी मुक्ति
4PM न्यूज़ नेटवर्क: महाकुंभ अमृत स्नान और आध्यात्मिक उत्थान का पर्व है। इस समय भगवान शिव की पूजा और मंत्र जाप विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव के विष ग्रहण करने के बाद ही अमृत की बूंदें पृथ्वी पर गिरी थीं। इन बूंदों के गिरने से ही धरती पर चार स्थानों में कुंभ का मेला लगता है। ऐसे में महाकुंभ के दौरान अगर आप कुछ विशेष मंत्रों का जाप करते हैं तो आपको कई सिद्धियां प्राप्त हो सकते हैं। ऐसे में आपको हर प्रकार के ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
आपकी जानकरी के लिए बता दें कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किसी भी मंत्र के शुभ फल प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 41 दिन उसका पाठ करना चाहिए। मंत्र जप शुरू करने से पहले संकल्प लें कि एक ही समय पर प्रतिदिन 41 दिनों तक आप इसका जप करेंगे। 41 दिन तक जप करने के बाद विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
आइए जानते हैं उन मंत्रो के बारे में
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
- यह मंत्र शिवपुराण में वर्णित है और इसके जाप से व्यक्ति की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- यह मंत्र इंसान को भय से मुक्ति दिलाता है, साथ ही अकाल मृत्यु को भी दूर करने में सहायक होता है।
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
- यह शिव का गायत्री मंत्र है, जिसे रोजाना जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके जप से व्यक्ति में साहस का संचार होता है।
- शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से साधक को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके जाप से पापों का भी नाश होता है, उसे मानसिक शांति मिलती है।
3. ॐ नमः शिवाय
- इसे शिव जी की सभी विद्याओं का बीज मंत्र माना जाता है।
- मान्यता है कि जो भी इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करेगा तो उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।