महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मचा कोहराम
- मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदे डिप्टी स्पीकर
- धनगर समाज को एसटी आरक्षण का कर रहे थे विरोध
- मराठा आरक्षण की मांग पर एनसीपी पवार गुट ने भाजपा को घेरा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर बवाल जारी है। पहले जहां एनसीपी शरद पवागुट ने मराठा आरक्षण पर केंद्र सरकार से आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाए जाने की मांग की हैं। वहीं अब राज्य विधासभा के डिप्टी स्पीकर और अजीत पवार गुट के विधायक नरहरि जरिवाल ने आरक्षण मामले में सेफ्टी ग्रेट पर उतरने के बाद मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। इस घटना के बाद राज्य की सियासत में कोहराम मच गया है। विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेर लिया है। डिप्टी स्पीकर के कूदने वाली घटना अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण कोटा में धननगर समुदाय को शामिल करने के खिलाफ आदिवासी विधायकों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। मंत्रालय में कई आदिवासी विधायक दूसरी मंजिल की सुरक्षा जाली पर उतर आए, नारे लगा रहे थे और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए और पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार) अधिनियम के तहत सेवाएं मांगी जानी चाहिए।
महायुति सरकार को विपक्ष ने सुनाई खरी-खरी
उन्होंने महाराष्ट्र की महायुति सरकार को भी जमकर घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार लोकलुभावन योजनाओं की बौछार कर रही है, लेकिन वह अन्य जरूरी क्षेत्रों पर तय पैसा भी नहीं खर्च कर रही है। सांगली कैंसर अस्पताल को सरकारी सहायता का बकाया 4 करोड़ रुपये से अधिक है। पूरे राज्य में कैंसर अस्पतालों को सहायता का बकाया 700 करोड़ रुपये है। मुझे बताया गया कि चूंकि धन को लोकलुभावन योजनाओं में लगाना था, इसलिए प्रशासन असहाय था। अगर चिकित्सा क्षेत्र में यह स्थिति है, तो अन्य क्षेत्रों के बारे में क्या कहा जा सकता है।
आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाए केंद्र सरकार : पवार
राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से बड़ी मांग की। उन्होंने सरकार से शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मौजूदा सीमा 50 प्रतिशत से अधिक करने के लिए संविधान संशोधन लाने की अपील की। सांगली में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मराठों को कोटा देते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि अन्य समुदायों के लिए निर्धारित ऐसी सीमा में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत है, लेकिन अगर यह तमिलनाडु में 78 प्रतिशत (विभिन्न समुदायों के लिए कोटे को मिलाकर) हो सकती है, तो महाराष्ट्र में 75 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं हो सकता। केंद्र को आगे आकर कोटा सीमा बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन लाना चाहिए। हम संशोधन का समर्थन करेंगे। शरद पवार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर बातचीत अगले सप्ताह भी जारी रहेगी। मेरी सलाह तो यही है कि वे जल्द से जल्द बातचीत पूरी कर लें, ताकि हम लोगों के पास जा सकें और उन्हें सरकार की नाकामियों से रूबरू करा सकें। जनता बदलाव की तलाश में हैं।
विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ हादसा
उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद, पुलिस ने हस्तक्षेप किया और विरोध कर रहे सांसदों को नेट से हटा दिया। अनुसूचित जनजाति आरक्षण और धनगर समुदाय को शामिल करने के विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा जारी रहने के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल नए आवास में पहुंचे
- आप संयोजक ने विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में रहने का लिया फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्टï्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का नया पता 5, फिरोजशाह रोड होगा। शुक्रवार से वे आप के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के आवास पर रहेंगे। यह दूसरी बार है जब वे नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे। इससे पहले साल 2014 में उन्हें तिलक लेन में आवास आवंटित हुआ था। इसके बाद वे सिविल लाइन में शिफ्ट हो गए थे। बृहस्पतिवार को आप मुख्यालय में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास खाली करेंगे। कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों सहित दिल्लीभर के समर्थकों ने उन्हें अपने घर में रहने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन केजरीवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में ही रहने का फैसला किया है। यहां से उन्हें लोगों ने चुना था। अब वे परिवार के साथ नई दिल्ली में 5, फिरोजशाह रोड पर अशोक मित्तल के आधिकारिक आवास में रहेंगे।
हरभजन के आवास में रहेंगे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया भी नई दिल्ली में शिफ्ट हो रहे हैं। वह पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह के सरकारी आवास में रहेंगे। अब 32, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद रोड उनका नया पता होगा। सिसोदिया अभी तक वह एबी-17 मथुरा रोड पर रह रहे थे। उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनका घर आतिशी को आवंटित हुआ था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी आतिशी इसी आवास में रह रही हैं।
तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर आंध्र सरकार को ‘सुप्रीम’ झटका
- शीर्ष अदालत ने जांच के लिए बनाई एसआईटी
- अदालत बोली- कोर्ट को राजनीतिक पृष्ठभूमि के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। तिरूपति लड्डू विवाद थमता नहीं दिख रहा है। इस विवाद को बढ़ता देख अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा दखल दिया है। इस मामले की जांच के लिए नई स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया गया है। जिसका मतलब ये हुआ कि अब राज्य की एसआइटी जांच नहीं करेगी। इस मामले की जांच करने वाली एसआईटी में सीबीआई, राज्य पुलिस और एफएसएसएआई के अफसर होंगे। कोर्ट ने कहा करोड़ों भक्तों की आस्था के चलते लिया ये फैसला लिया गया। जांच सीबीआई निदेशक की निगरानी में होगी। कोर्ट ने कहा कि जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। जिसमें 2 सीबीआई के आधिकारी, 2 राज्य सरकार के अधिकारी और एक अधिकारी एफएसएसएआई से हो।
सिब्बल ने निष्पक्ष बॉडी से जांच की मांग की थी
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की निष्पक्ष बॉडी से जांच हो। कल एक और बयान दिया गया था। अगर सीएम ने बयान नहीं दिया होता तो यह अलग मामला था, एक निष्पक्ष स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जाना चाहिए,कपिल सिब्बल ने मांग की कि कोर्ट इस मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी के बजाए किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौप दें। टीटीडी के लिए सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 4 जुलाई तक जो आया, उसकी जांच नहीं की गई. लेकिन 6 और 12 जुलाई को जो पहुंचा, वह दागदार था। कपिल सिब्बल ने कहा कि आपने उन्हें पहाड़ी पर जाने की अनुमति क्यों दी। आप प्रभारी थे, लूथरा कहा कि लेकिन टेंडर आपने दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का चंद्रबाबू नायडू ने किया स्वागत
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने लिखा कि मैं तिरूपति के लड्डू में मिलावट के मुद्दे की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं, जिसमें सीबीआई, एपी पुलिस और एफएसएसएआई के अधिकारी शामिल होंगे।