मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने पर गरमाई सियासत

कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा, पूछा-इतनी देर क्यों लगी, शिवसेना (यूबीटी) नेता राउत ने फैसले का किया स्वागत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के बाद देश का सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को स्वीकार किया, जबकि उनकी सरकार लंबे समय से इस विषय पर चुप्पी साधे हुए थी।
हालांकि यूबीटी शिवसेना संजय राउत ने इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि यह फैसला लेने में आखिर इतनी देर क्यों हुई। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाली और प्राकृत भाषा को भी शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने को मंजूरी दी। रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने आखिरकार मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दे दिया। आप घटनाक्रम समझिए। 5 मई, 2024 को, हमने प्रधानमंत्री को वर्ष 2014 के जुलाई महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की ओर से केंद्र सरकार को सौंपी गई पठारे समिति की रिपोर्ट की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि 12 मई, 2024 को संसद और संसद के बाहर रजनी पाटिल और महाराष्ट्र के अन्य नेताओं की ओर से किए गए प्रयासों के बावजूद, इस मांग पर सरकार की लंबी चुप्पी बनी रही।

प्रधानमंत्री अपनी लंबी नींद से जाग गए : जयराम रमेश

रमेश के अनुसार, 13 मई, 2024 को हमने सार्वजनिक रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन के प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, 9 जुलाई, 2024 को हमने केंद्र सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान करने के मानदंडों को संशोधित करने के संदिग्ध प्रयास और मराठी के लिए इसकी मांग पर पडऩे वाले संभावित प्रभाव को चिह्नित किया।

गौहत्या और गौमांस का समर्थन व प्रचार करना चाहते हैं कर्नाटक कांग्रेस नेता : सीटी रवि

कर्नाटक कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी नेता सीटी रवि ने कहा कि वह गौहत्या और गौमांस का समर्थन और प्रचार करना चाहते हैं। क्या कांग्रेस के लोग गांधीजी ने जो कहा था उसे भूल गए? उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें एक दिन के लिए सत्ता मिली तो वे गोहत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देंगे। कट्टरवाद और राष्टï्रवाद में बहुत अंतर है, भारत का विभाजन कट्टरवाद के कारण हुआ। आज कांग्रेस कट्टरवाद का समर्थन करती है, क्या वे भारत के अंदर पाकिस्तान बनाना चाहते हैं?

सावरकर पर कर्नाटक के मंत्री के बयान पर आदित्य ठाकरे बोले- महान लोगों पर बोलने का समय नहीं

आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय ये बातें कहने का कोई मतलब नहीं है। सभी महान लोगों ने वही किया है जो उन्हें करना चाहिए था। हमें देखना है कि हम इस देश के लिए क्या कर रहे हैं और कौन सा रास्ता अपना रहे हैं। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया है कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर मांस खाते थे और वह गौ वध के खिलाफ नहीं थे। बता दें कि एक कार्यक्रम में राव ने कहा कि सावरकर एक चितपावन ब्राह्मण थे और वह मांस खाते थे। वह मांसाहारी थे तथा गौ वध के खिलाफ नहीं थे। एक तरह से वह आधुनिक थे।

राष्ट्रपति के सिटी पैलेस दौरे पर विवाद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
उदयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उदयपुर के मेवाड़ राजघराने के राजमहल सिटी पैलेस में दौरे पर विवाद शुरू हो गया है। मेवाड़ राजघराने की ही राजसमंद सांसद महिमा कुमारी और नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह ने राष्टï्रपति के सिटी पैलेस दौरे पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को उदयपुर दौरे के दौरान मेवाड़ राजघराने के राजभवन सिटी पैलेस पहुंची थीं और उन्होंने सिटी पैलेस और मेवाड़ के इतिहास की प्रशंसा की थी। इसके बाद मेवाड़ राजघराने के नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह और उनकी धर्मपत्नी राजसमंद सांसद महिमा कुमारी ने सवाल उठाया कि मेवाड़ राजघराने की संपत्ति पर काफी समय से विवाद चल रहा है, ऐसे में भारत के प्रेसिडेंट का वहां दौरा करना कतई उचित नहीं है। मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बुलावे पर राष्ट्रपति सिटी पैलेस पहुंची थीं। बता दें कि लक्ष्यराजसिंह की धर्मपत्नी निवृत्ति कुमारी उड़ीसा राजघराने से संबंध रखती हैं। इसी के चलते राष्ट्रपति सिटी पैलेस के दौरे पर पहुंची थीं, जिसके बाद मेवाड़ राजघराने में ही विरोध के स्वर बुलंद हो गए। ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि राष्ट्रपति के सिटी पैलेस में दौरे का विरोध करने वाले विश्वराज सिंह और महिमा कुमारी मेवाड़ राजघराने के सदस्य होकर राजसमंद और नाथद्वारा से सांसद और विधायक हैं और दोनों ही भाजपा से जनप्रतिनिधि चुने गए हैं, ऐसे में दोनों के द्वारा राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करना बड़ा मुद्दा है।

हरियाणा की सत्ता के महासंग्राम को उम्मीदवार तैयार

कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर सर्वे में सत्ता परिवर्तन के आसार
हुड्डïा-सैनी समेत कई दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला
कल होगा 90 सीटों पर मतदान, चुनावी मैदान में कुल 1031 प्रत्याशी
राज्य में दो करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का करेंगे प्रयोग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 5 अक्टूबर को कल हरियाणा में विधान सभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य में 90 सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। भाजपा और कांग्रेस में जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है। जहां कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जोरआजमाइश कर रही है तो भाजपा तीसरी बार सत्ता में बरकरार रखने को बेताब है।
हालांकि कई सर्वे में इसबार कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई जा रही है। पर अंतिम नतीजे तो 8 अक्टूबर को आएंगे। इससे पहले गुरुवार को शाम छह बजे चुनाव प्रचार समाप्त होने से कुछ घंटे पहले, प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इनेलो-बसपा और जजपा-आज़ाद समाज पार्टी ने रैलियां और रोड शो कर मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास किए। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर मतदान 5 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे आएंगे। हरियाणा में 8,821 शतकवीरों सहित दो करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। अधिकारियों के अनुसार कुल 20,629 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनावी मैदान में कुल 1031 उम्मीदवार हैं, जिनमें 101 महिलाएं हैं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों में सावित्री जिंदल (हिसार), रंजीत चौटाला (रानिया) और चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट) शामिल हैं।

भाजपा के सामने सत्ता बचाने की चुनौती

भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में डबल इंजन सरकार के काम और प्रदर्शन पर जोर दिया। इसके साथ ही उसने आरक्षण, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और वंशवाद की राजनीति जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों से जुड़े मुद्दे दोनों मुख्य दलों के चुनावी घोषणापत्रों का अहम हिस्सा हैं। भाजपा के अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और उन्होंने चार रैलियों को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषणों में कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि उन्होंने राम मंदिर मुद्दा सहित देश के लिए महत्वपूर्ण हर मुद्दे को उलझाए रखा। किसानों, गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों सहित विभिन्न तबकों के कल्याण के लिए केंद्र और हरियाणा की भाजपा नीत सरकारों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मतदाताओं से राज्य के त्वरित विकास के लिए भाजपा को फिर से सत्ता में लाने की अपील की।??

ट्रक और ट्रैक्टर के बीच टक्कर, दस मजदूरों की मौत

मिर्जापुर में हुआ भयानक हादसा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में कछवा सीमा के पास शुक्रवार को एक ट्रक और ट्रैक्टर के बीच हुई टक्कर में दस मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, यह घटना जीटी रोड पर मिर्जामुराद कछवा सीमा पर उस समय हुई जब एक अनियंत्रित ट्रक ने एक ट्रैक्टर को पीछे से टक्कर मार दी, जो 13 लोगों को लेकर भदोही जिले से बनारस की ओर जा रहा था।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीन घायलों को इलाज के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल भेजा। पुलिस ने बताया कि 13 लोग भदोही में मजदूरी करते थे और अपने गांव लौट रहे थे। दुर्घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है।
मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया, रात करीब एक बजे सूचना मिली कि मिर्जामुराद कछवा बॉर्डर पर जीटी रोड पर एक्सीडेंट हो गया है, जिसमें भदोही जिले से बनारस की ओर जा रहे 13 लोगों से भरे ट्रैक्टर को पीछे से अनियंत्रित ट्रक ने टक्कर मार दी है।
सूचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया गया। उन 13 लोगों में से 10 की मौत हो गई और 3 घायल हो गए, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए बीएचयू भेजा गया। ये सभी 13 लोग भदोही में मजदूरी करते थे और अपने गांव लौट रहे थे। एफआईआर दर्ज की जा रही है। आगे की आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पीएम मोदी व बसपा प्रमुख मायावती ने व्यक्त की संवेदना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बसपा प्रमुख मायावती समेंत कई नेताओं ने ने के मिर्जापुर में सडक़ दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में हुई सडक़ दुर्घटना बेहद दर्दनाक है। इसमें जान गंवाने वालों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दे।

भाजपा कांग्रेस शासन में रॉबर्ट वाड्रा को दी गई जमीन का ब्यौरा दे: हुड्डा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डïा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर वह यह साबित कर दे कि कांग्रेस शासन के दौरान रॉबर्ट वाद्रा को एक इंच भी सरकारी जमीन दी गई तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस ने हरियाणा में शासनकाल के दौरान किसानों की जमीन औने-पौने दामों में अपने ‘दामादों’ को दे दी थी। पार्टी ने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी के पति और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा पर निशाना साधते हुए कही थी। हुड्डा ने करनाल में कहा, मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे जमीन का ब्योरा दें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा रॉबर्ट वाद्रा के बारे में झूठी बातें फैला रही है कि उन्हें जमीन दी गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने रॉबर्ट वाड्रा को एक इंच भी सरकारी जमीन नहीं दी। मैं चुनौती देता हूं कि अगर भाजपा वाद्रा को जमीन देने का सबूत दिखाए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। भाजपा 2014 में पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई थी। पार्टी ने पिछली हुड्डा सरकार के दौरान भी भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं को चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाया था।
यहां तक कि 2024 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा नेताओं ने प्रचार के दौरान इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, कांग्रेस के शासन में दलाल और दामाद की तूती बोलती थी।

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