स्पीकर पद जाते ही एक्शन में CM Nitish, JDU को BJP से बड़ी पार्टी बनाने की शुरू की तैयारी!

सोचिए, 20 सालों से जिस मंत्रालय को नीतीश कुमार अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते थे… वो गृह मंत्रालय उन्होंने कभी किसी को नहीं दिया था…लेकिन इस बार बीजेपी ने वो डिपार्टमेंट CM नीतीश से छीनकर अपनी पार्टी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को दे दिया...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों… बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों में जो बदलाव हुए हैं… वो सिर्फ पदों या विभागों का फेरबदल नहीं हैं… बल्कि सत्ता की असल लड़ाई अब शुरू हुई है… और इसके केंद्र में हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार… जिन्हें पहले गृह मंत्रालय से हाथ धोना पड़ा… और अब विधानसभा स्पीकर का पद भी उनके हाथ से निकल गया………..

सोचिए, 20 सालों से जिस मंत्रालय को नीतीश कुमार अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते थे… वो गृह मंत्रालय उन्होंने कभी किसी को नहीं दिया था…लेकिन इस बार बीजेपी ने वो डिपार्टमेंट CM नीतीश से छीनकर अपनी पार्टी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को दे दिया… सीएम नीतीश कुमार के लिए ये सिर्फ विभाग का जाना नहीं था… ये उनके प्रभाव… उनके प्रशासनिक नियंत्रण… और कानून-व्यवस्था जैसे सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर में पकड़ ढीली पड़ने का संकेत था…और यही वो प्वाइंट था जहां से सीएम नीतीश और बीजेपी के बीच तनाव की असली शुरुआत मानी गई…

बीजेपी ने उम्मीदों के उलट… स्पीकर पद भी JDU को नहीं दिया…प्रेम कुमार ने नामांकन भरा… और उनकी जीत लगभग तय है…इसका मतलब साफ है… विधानसभा की कार्यवाही पर BJP का पूरा नियंत्रण होगा…और सीएम नीतीश कुमार को ये संदेश दे दिया गया कि बीजेपी सिर्फ सहयोगी नहीं… बल्कि लीड पार्टी बनने के रास्ते पर है………..दो बड़े पदों का खोना… एक ऐसे नेता के लिए जिसने पिछले दो दशकों से बिहार की राजनीति को अपने हिसाब से चलाया… ये सीधा-सीधा चेतावनी थी…कि अब खेल बराबरी का नहीं… बल्कि नेतृत्व बदलने की लड़ाई में बदल गया है…….जैसे ही स्पीकर पद भी बीजेपी के हाथ गया…

सीएम नीतीश कुमार ने ये समझ लिया कि अगर उन्होंने अभी अपनी राजनीतिक ताकत नहीं बढ़ाई… तो आने वाले वक्त में BJP उन्हें पूरी तरह साइडलाइन कर देगी…और यहीं से शुरू होता है सीएम नीतीश का नया मिशन… और वो मिशन है ऑपरेशन तीर के तहत JDU को BJP से बड़ी पार्टी बनाना……यानी अब JDU vs BJP में नंबर गेम की लड़ाई शुरू हो गई है…बीजेपी के पास अभी नवासी विधायक है और JDU के पास 85 विधायक है….यानी दोनों दलों के बीच सिर्फ 4 विधायक का अंतर है….लेकिन राजनीति में ये 4 ही आगे चलकर सरकार गिराने… या सरकार चलाने… दोनों में सबसे बड़े फैक्टर बन जाते हैं…….सीएम नीतीश कुमार अब इस अंतर को न सिर्फ खत्म करना चाहते हैं… बल्कि BJP से आगे निकलना चाहते हैं…और इसी नंबर गेम को बदलने के लिए उन्होंने ताबड़तोड़ रणनीति शुरू कर दी है…

ऑपरेश तीर के तहत सीएम नीतीश की कोशिश है कि JDU की संख्या 90 के आसपास पहुंचे…और इसके लिए वो कदम दर कदम… बेहद सोची-समझी रणनीति पर काम कर रहे हैं………मिली जानकारी के अनुसार, रामगढ़ से BSP विधायक सतीश यादव की सीट पर सबसे पहले मूवमेंट शुरू हुआ…बीएसपी खुद चिंता में दिखाई दी और बयान दिया कि उनके विधायक को तोड़ने की कोशिश हो रही है…दरअसल…

ये वही सीट है जहां पहले भी विधानसभा में क्रॉसओवर हो चुके हैं…अगर सतीश यादव…सीएम नीतीश के साथ आते हैं… तो JDU की संख्या 85 से बढ़कर 86 हो जाएगी……सीएम नीतीश को एक-एक विधायक की वैल्यू का अंदाजा है…और इसलिए कहा जा रहा है कि ये ऑपरेशन चुपचाप आगे बढ़ रहा है…

बसपा के अलावा….सहरसा के विधायक IP गुप्ता भी सीएम नीतीश के टारगेट पर हैं…आईपी गुप्ता महागठबंधन के साथ चुनाव जीते…लेकिन उनकी अपनी छोटी पार्टी है…उनकी सबसे बड़ी मांग पान व्यवसाय से जुड़े समाज को आरक्षण… विकास… और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर है….सीएम नीतीश कुमार इन मांगों को पूरा कर सकते हैं…और अगर IP गुप्ता जेडीयू में आते हैं… तो संख्या पहुंच जाएगी 87… दोस्तों, सीएम नीतीश की खासियत यही है कि वो हर समुदाय… हर वर्ग में एक ऐसा मुद्दा तलाश लेते हैं… जो सामने वाले को जोड़ने में मदद कर दे…

इसी बीच ओवैसी का चौंकाने वाले ऑफर की भी अगर बात करें….तो सीमांचल की राजनीति अचानक तब गर्मा गई….जब AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा कि…अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र के साथ इंसाफ करें और सांप्रदायिक माहौल दूर रखें….तो उनकी पार्टी सरकार को पूरा सहयोग देगी…जिसके बाद कहा गया कि ये बयान बिना इशारे के नहीं आया…..इस बयान का मतलब ये भी है कि AIMIM के विधायक भी टारगेट हो सकते हैं…या फिर उन्हें NDA के बाहर से सपोर्ट दे दिया जाए…अगर सीएम नीतीश AIMIM के कुछ विधायकों को अपने पाले में ले आए…..तो JDU की संख्या 88-89 तक भी पहुंच सकती है…

वहीं, कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है…उसके विधायक भी सत्ता की राजनीति से कटे हुए हैं…ऐसे में आयोगों… बोर्डों… या मंत्री पद का लालच उन्हें खींच सकता है…कांग्रेस के 6 में से अगर 3 भी टूटकर JDU के पास आते हैं…तो खेल पूरी तरह बदल जाएगा……..कुल मिलाकर सीएम नीतीश की कोशिश साफ है……कैसे भी करके BJP के बढ़ते प्रभाव को रोकना है…सम्राट चौधरी के फैसलों को बैलेंस करना है…और प्रशासनिक छवि को मजबूत करके अपना क्रेडिट बचाए रखना है……अब आप सोच रहे होंगे कि स्पीकर और गृह विभाग छिनने के बाद…

सीएम नीतीश एक्शन में क्यों आए?…….तो आपको बता दें कि इसके पीछे कई बड़े कारण हैं….सीएम नीतीश को समझ आ गया कि BJP अपनी जमीन बढ़ा रही है…डिप्टी सीएम के पास गृह विभाग…स्पीकर भी बीजेपी का…यानी सत्ता के सबसे बड़े दो संस्थान बीजेपी के कंट्रोल में आ चुके हैं…सम्राट चौधरी लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं…जो प्रशासन की चमक उनके खाते में जा रही है…और नीतीश को डर है कि जनता ये न समझ ले कि काम BJP कर रही है…

ऐसे में नीतीश कुमार अपनी लेगेसी को बचाना चाहते हैं…10वीं बार मुख्यमंत्री बनना उनका सबसे बड़ा राजनीतिक रिकॉर्ड है…लेकिन अगर ये कार्यकाल BJP-प्रधान हो गया…तो नीतीश की लीडरशिप कमजोर मानी जाएगी और उन्हें डमी मुख्यमंत्री माना जाएगा…..BJP कभी नहीं चाहेगी कि 2029 तक नीतीश बहुत मजबूत हों…क्योंकि मजबूत नीतीश का मतलब है…..Unpredictable नीतीश…और बीजेपी खुद कई बार देख चुकी है कि राजनीतिक संकटों में नीतीश अचानक पाला बदल देते हैं……..इसी बीच बिहार की राजनीति में 16 जनवरी वो तारीख है….

जहां खेल बदल सकता है….इस दिन बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है…बता दें बिहार में मुख्यमंत्री को मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 36 मंत्री बन सकते हैं…सीएम नीतीश मंत्रिपरिषद में अभी 9 पद खाली हैं….इनमें जेडीयू के 6 और बीजेपी के 3 पद खाली हैं…JDU के पास ये 6 पद… वही हथियार हैं….जिनसे सीएम नीतीश टूट रहे विधायकों को अपने पाले में ला सकते हैं और यही वो ‘एडजस्टमेंट’ है….जिसे लेकर पूरा पटना सतर्क है…

बीते दिनों आपने देखा होगा…CM अचानक सचिवालय पहुंचते हैं…अधिकारियों से पूछते हैं कि समय पर क्यों नहीं आते…काम क्यों नहीं करते…ये सिर्फ प्रशासनिक बैठकें नहीं…ये सत्ता में अपनी मौजूदगी दिखाने की कोशिश है…ताकि सम्राट चौधरी या BJP काम का पूरा क्रेडिट न ले जाए…JDU को फिर से बड़ी पार्टी बनाना… यही अब सीएम नीतीश का मेन टारगेट है…सीएम नीतीश चाहते हैं कि अगले कुछ महीनों में JDU 90+ का आंकड़ा छू ले…और जैसे ही ये हो गया…BJP को झटका लगेगा…और गठबंधन में फिर बड़े भाई की भूमिका JDU के पास आ जाएगी…

ऐसे में सवाल उठता है कि अब आगे क्या?….बीएसपी विधायक…IP गुप्ता…कांग्रेस के 6 विधायक…AIMIM का साइलेंट सपोर्ट…इन सभी पर सीएम नीतीश कुमार की पूरी नजर है…और बीजेपी भी इन मूवमेंट्स को समझ रही है…इसलिए आने वाले हफ्ते बिहार की राजनीति में बेहद अहम रहने वाले हैं…..जहां पहले गृह विभाग गया और अब स्पीकर भी हाथ से निकल गया…

लेकिन इसके बाद भी सीएम नीतीश कुमार ने दिखा दिया है कि वो अभी भी बिहार के सबसे समझदार और चतुर राजनीतिक खिलाड़ी हैं….BJP चाहे जितना कंट्रोल ले…..लेकिन सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी को मजबूत करके…वापस से बड़े भाई की कुर्सी लेने के मिशन पर निकल चुके हैं……

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