सरकार व कांग्रेस में बढ़ा टकराव
विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधि मंडल को लेकर बवाल

- सीधे सांसदों को सरकार के फोन पर बरसी कांग्रेस बोली- पारदर्शिता नहीं
- पाकिस्तान के पोल खोल अभियान पर केंद्र्र को घेरा
- सरकार ने कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए भारत सरकार द्वारा पूरी दुनिया में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। इस दल में कांग्रेस समेत विपक्ष के सांसदों के साथ सत्ता दल के सांसद भी शामिल होंगे। उधर जहां सांसद पाक की कारस्तानी को दुनिया के सामने खोलने के लिए सासंद तैयार हैं वहीं कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल में सरकार द्वारा मनमानी करने पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस सांसद ने उदित राज प्रतिनिधि मंडल भेजे जाने को बकवास बताया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार द्वारा सांसदों को डायरेक्ट संपर्क किए जाने पर आपत्ति जताई है। इन सबके बीच सांसद शशी थरूर ने सरकार द्वारा चुने जाने पर स्वागत किया। उधर जयराम रमेश थरूर पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है। प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर का चयन कांग्रेस के लिए एक नाजुक समय पर हुआ है। हाल ही में उन्होंने सरकार के सैन्य कदमों की तारीफ की थी। सरकार की तारीफ करने पर बीजेपी के नेताओं ने उनकी सराहना की। लेकिन, कांग्रेस पार्टी में ही कुछ लोग उनसे नाराज हैं। थरूर ने कहा था कि सरकार ने संयम से काम लिया।
कांग्रेस ने चार नाम दिए थे
कांग्रेस के कम से कम चार सांसदों को भी सरकार ने इस काम के लिए चुना है। इनमें थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कम से कम तीन नेताओं ने सरकार से कहा कि वह नामों के लिए उनकी पार्टी के नेतृत्व से संपर्क करे।
इस निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं : थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पूरी दुनिया को देने वाले प्रतिनिधिमंडल का मेंबर बनाए जाने पर केंद्र सरकार को शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा कि वे इस निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब देश के हित की बात आएगी, तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए : सरकार
सरकार ने कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई। एक सूत्र ने कहा, प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए, न कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के रूप में। वे वहां भारतीय बनकर जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, हमेशा से यही तरीका रहा है कि सरकार सदस्यों को चुनती है। अब तक किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की है। एक पार्टी के नेता ने बताया कि उन्हें 22-23 मई तक रवाना होने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। यह दौरा 10 दिनों का होगा। विदेश मंत्रालय उन्हें यात्रा कार्यक्रम सहित पूरी जानकारी देगा। सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, समिक भट्टाचार्य और बृज लाल भाजपा के उन सदस्यों में शामिल हैं जो इन टीमों का हिस्सा होंगे।
सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा
सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर विभिन्न देशों को जानकारी देने के लिए सर्वदलीय टीम भेजेगी। सरकार ऑपरेशन सिंदूर के तहत यह कदम उठा रही है। सरकार अलग-अलग देशों में सांसदों के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बारे में दुनिया को बताएगा। हर टीम में सात या आठ सदस्य होंगे। भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी (एसपी), जेडीयू, बीजेडी, शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम और कुछ अन्य दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ है। सूत्रों के अनुसार, कुछ पूर्व मंत्री इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। यह दौरा लगभग 10 दिनों का होगा। विदेश मंत्रालय रवाना होने से पहले सांसदों को जानकारी देगा।
थरूर का बयान पार्टी की राय नहीं होती : जयराम
थरूर के विचार कांग्रेस पार्टी की सोच से अलग हैं। कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगा रही है। कांग्रेस पार्टी ने अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। हाल ही में, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने थरूर के बयानों से किनारा कर लिया। उन्होंने कहा, उनकी राय है। जब थरूर साहब बोलते हैं, तो यह पार्टी की राय नहीं होती।
कौन जाएगा, यह तय करना नेतृत्व का काम : कांग्रेस
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सीधे सांसदों से संपर्क किया, जो उन्हें पसंद नहीं आया। वे चाहते थे कि सरकार पहले पार्टी नेतृत्व से बात करे। सूत्रों ने कहा कि पार्टी सदस्य देशहित में प्रतिनिधिमंडलों में शामिल होंगे, लेकिन कौन जाएगा, यह तय करना नेतृत्व का काम है। शशि थरूर को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना पर उन्हें खास तौर पर आपत्ति थी। शायद उन्हें अमेरिका जाने वाले दल का नेतृत्व करने के लिए चुना जा सकता है। एक सूत्र ने कहा, वे विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्हें चुना जाना चाहिए था, लेकिन हाल ही में उनके बयान पार्टी के रुख से अलग थे। कांग्रेस के सूत्रों ने यह भी कहा कि वे लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई को भी किसी एक टीम में शामिल करने के लिए कहेंगे।
सबक तो सिखा ही नहीं पाए, अब 40 सांसदों को भेजने से क्या हासिल होगा : उदित राज
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव पर विभिन्न देशों को जानकारी देने के लिए विश्व की राजधानियों का दौरा करने जा रहा है। इसको लेकर उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ है। कई अन्य देश भी पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि यह कितना सच है, लेकिन पाकिस्तान के पास जो परमाणु शक्ति है, वह भी अमेरिका की है। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ की बातों का कोई खास मतलब नहीं है। आईएसआई पाकिस्तान में सब कुछ नियंत्रित कर रही है। उदित राज ने आगे कहा कि मान लीजिए कि हमने पाकिस्तान में दो-चार जगहों पर बमबारी की, एक जगह से आतंकवादियों का सफाया कर दिया, लेकिन वहां अभी भी कई जगहों पर आतंकवादी मौजूद हैं। सबक तो सिखा ही नहीं पाए हम। दुनिया में कोई भी हमारा समर्थन नहीं कर रहा था। तो 40 सांसदों को भेजने से क्या हासिल होगा? उदित राज ने सपा सांसद राम गोपाल यादव की जातिगत भेदभाव पर की गई टिप्पणी का पुरजोर समर्थन किया है और कहा है कि उन्होंने खुद जाति-आधारित दुर्व्यवहार का अनुभव किया है।




