कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला, कहा- 29 श्रम कानूनों को 4 कोड में बदलकर सरकार पेशकर रही क्रांतिकारी सुधार
कांग्रेस का कहना है कि, मौजूदा 29 श्रम-संबंधी कानूनों (Labour Law) को फिर से पैक करके 4 कोड में बदल दिया गया है. केंद्र सरकार द्वारा इसे एक क्रांतिकारी सुधार की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के वोट बैंक को लुभाने की कोशिश तेज कर दी है. कांग्रेस ने श्रम-संबंधी कानूनों को लेकर सरकार पर 5 सवाल दागे हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या ये कोड भारत के मजदूरों की श्रमिक न्याय की इन 5 बुनियादी मांगों को हकीकत बना पाएंगे?
कांग्रेस ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के वोट बैंक को लुभाने की कोशिश तेज कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि, मौजूदा 29 श्रम-संबंधी कानूनों (Labour Law) को फिर से पैक करके 4 कोड में बदल दिया गया है. केंद्र सरकार द्वारा इसे एक क्रांतिकारी सुधार की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि इनके नियम अभी तक नोटिफाइड भी नहीं हुए हैं.
कांग्रेस ने श्रम-संबंधी कानूनों को लेकर सरकार पर 5 सवाल दागे हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या ये कोड भारत के मजदूरों की श्रमिक न्याय की इन 5 बुनियादी मांगों को हकीकत बना पाएंगे? पार्टी के मुताबिक, मोदी सरकार को कर्नाटक और राजस्थान में कांग्रेस सरकारों से सीखना चाहिए, जिन्होंने 21वीं सदी श्रम सुधारों की दिशा में अग्रणी कदम उठाते हुए गिग वर्करों के लिए ऐतिहासिक कानून बनाए – और ये कानून नए लेबर कोड लागू होने से पहले ही बन चुके थे।
कांग्रेस की सरकार से 5 बुनियादी मांग
1. राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए प्रतिदिन, जिसमें मनरेगा भी शामिल हो.
2. स्वास्थ्य का अधिकार कानून, जिसके तहत 25 लाख रुपये का यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज मिले.
3. शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून.
4. सभी असंगठित श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा- जिसमें जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा भी शामिल हो.
5. सरकारी विभागों के कोर कार्यों में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था को बंद करने की प्रतिबद्धता हो.
संसद सत्र में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरेगी
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार मौजूदा 29 श्रम-संबंधी कानूनों को इस तरह पेश किया है कि लोगों को ये नया लगे जबकि ऐसा नहीं है. सरकार ने कुल मिलाकर भ्रम फैलाने की कोशिश की है. श्रम-संबंधी कानूनों को नौकरी पेशा लोगों में भ्रम फैल भी रहा है. लोग अभी तक इसे समझ नहीं पा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे को आने वाले के संसद के शीतकालीन सत्र में जोर-शोर से उठाकर सरकार को घेरा जाएगा.
जयराम रमेश बोले- 4 कोड में री-पैकेज किया
कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘मजदूरी से जुड़े 29 मौजूदा कानूनों को 4 कोड में री-पैकेज किया गया है. इसे किसी क्रांतिकारी सुधार के तौर पर पेश किया जा रहा है, जबकि नियम अभी तक नोटिफाई भी नहीं हुए हैं. लेकिन सरकार से सवाल है कि क्या ये कोड भारत के मजदूरों की श्रमिक न्याय के लिए इन 5 जरूरी मांगों को हकीकत बना पाएंगे?’



