BAP के समर्थन में उतरी कांग्रेस, अशोक गहलोत ने कर दिया बड़ा ऐलान !

4PM न्यूज़ नेटवर्क: जैसे-जैसे लोकसभा की तारीखें नजदीक आ रही हैं सभी पार्टियां सियासी मैदान में उतर में चुकी है। वोटरों को साधने के लिए हर तरह की कोशिश की जा रही यही अब भले ही चुनाव में कम दिन बचे हों लेकिन सियासी गलियारों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है एक तरफ जहां भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर अबकी बार 400 पार का नारा दे रही है वहीं कांग्रेस पार्टी भी काफी सक्रिय नजर आ रही है। भले ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार न हो लेकिन इस बार के चुनाव को लेकर इस बार कांग्रेस अपना पूरा दम झोंक रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में लोकसभा की राजस्थान की 25 सीटों पर कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ जुटी हुई है। इसे लेरक कांग्रेस ने खास रणनीति भी तैयार कर ली है। एक तरफ जहां लड़ाई NDA बनाम INDIA है वहीं कांग्रेस ने राजस्थान में BAP से गठबंधन करके भाजपा को टेंशन में डाल दिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बीजेपी का नाम न लेते हुए पार्ट पर निशाना साधा है. उन्होंने राजस्थान में दो सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी को समर्थन देने का एलान किया है. कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ”आगामी चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र और बागीदौरा विधानसभा के उप चुनाव में करेगी. भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है.”

हालांकि इससे पहले भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत ने कांग्रेस को गठबंधन के लिए न्यौता भी दे दिया है और 8 अप्रैल तक दोनों दलों के बीच फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही थी, उससे पहले 7 अप्रैल को ही कांग्रेस नेता का इस बाबत बयान सामने आया है। आपको बता दें कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा काफी सक्रिय रहते हैं और भाजपा को लगातार घेरते रहते हैं अभी हाल ही का उनका एक बयान जमकर चर्चा में बना हुआ था जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को जमकर घेरा और कई गंभीर आरोप भी लगाए। वहीं BAP से कांग्रेस के समर्थन की अगर हम बात करें तो भारत आदिवासी पार्टी उम्मीदवार राजकुमार रोत ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने की केंद्र स्तर पर बात कह रही है. राहुल गांधी भी लोकतंत्र को बचाने की बात कह रहे हैं. अगर बांसवाड़ा के नेता राहुल गांधी को मानते हैं और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं तो कांग्रेस भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दे. वहीं, लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, उसे सबक सिखाना है तो हमें कांग्रेस समर्थन दे. अब यह कांग्रेस का बड़ा कदम माना जा रहा है कांग्रेस पार्टी का इस तरह से आदिवासी के साथ आना कहीं न कहीं भाजपा को चुनावी मुश्किल में डाल सकता है।

अब ऐसा नहीं है कि राजस्थान में चुनावी लड़ाई सिर्फ इन्ही सीटों पर है बल्कि कई ऐसी सीट हैं इनपर यह लड़ाई काफी अहम मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव की लड़ाई कहीं न कहीं पिछले वर्षों में किये गए कामों को लेकर भी बताई जा रही है। इन दिनों राजस्थान की एक और सीट लगातार चर्चा में बनी हुई है। दरअसल हम बात कर रहे हैं। राजस्थान के जोधपुर लोकसभा सीट की। जोधपुर लोकसभा सीट पर आम चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां अपने उफान पर है. कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी लोगों से उनके पक्ष में अलग-अलग ढग से मतदान करने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं. जोधपुर सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं. वह यहां से तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस ने जोधपुर सीट पर लगातार तीसरी बार प्रत्याशी को बदला है. कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से राजपूत प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा मैदान में है. गजेंद्र सिंह शेखावत इस चुनाव में अपने 10 साल के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों के साथ राम मंदिर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने के लिए लोगों से अपील करते नजर आ रहे हैं. क्योंकि जोधपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा, गजेंद्र सिंह शेखावत को बाहरी बता कर उन्हें घेरने का प्रयास कर रहे हैं. प्रचार के दौरान करण सिंह उचियारणा बीजेपी सरकार की नीतियों और विकास कार्य नहीं कराने को लेकर उनकी मुखालिफत करते हुए, कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं.

बात करें इनकी तो करण सिंह उचियारणा को गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जातिगत समीकरणों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. जोधपुर सीट से दो बार सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म 1967 में एक राजपूत परिवार में हुआ था. वह छात्र राजनीति से राष्ट्रीय राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने वाले नेता माने जाते हैं. गजेंद्र सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत जोधपुर के जय नारायणव्यास विश्वविद्यालय से हुई. इस दौरान वह एबीवीपी में काफी सक्रिय रहे. उन्होंने 1992 में विश्वविद्यालय स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा, जिसमें रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की. इसके बाद वह बीजेपी के किसान मोर्चा के महासचिव बने. राजनीति में कदम रखने से पहले वह आरएसएस के सीमांत लोक संगठन में काफी सक्रिय रहे. लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी कटोच को रिकॉर्ड तोड़ मतों के अंतर से हराकर वह पहली बार सांसद बने। फिर इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने कांग्रेस के वैभव गहलोत को हराया. पिछले चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 लाख 74 हजार वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था. पिछले लोकसभा चुनाव में जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने लड़ा था और उनकी करारी हार हुई थी।. यही वजह है कि पार्टी ने तीसरी बार फिर से शेखावत पर विश्वास जताया है. कांग्रेस को उम्मीद है कि करण सिंह उचियारड़ा बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त करके देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी का परचम लहराएंगे. करण सिंह उचियारड़ा को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट करीबी माना जाता हैं. पिछले कई साल से कांग्रेस में सक्रिय भूमिका में हैं. ऐसे में जोधपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

खैर बात करें चुनावी माहौल की तो जब से कांग्रेस ने अपना न्याय पत्र जारी किया है तब से ही लोगों का रुख कांग्रेस की तरफ झुकता हुआ दिख रहा है, अब भले ही अशोक गहलोत की सरकार न हो लेकिन इस चुनाव को लेकर वो भी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव जैसी गलती न हो इसका खासा ख्याल रखा जा रहा है। इसी कवायद अशोक गहलोत में पार्टी को बड़ी जीत दिलाने के लिए चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। और कांग्रेस के घोषणा पत्र की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लोकसभा चुनाव घोषणापत्र एक खूबसूरत दस्तावेज है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को भ्रमित करने के मकसद से इसकी आलोचना के लिए एक “जुमला” उछाला है. प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को बिहार के नवादा में एक चुनावी रैली में कहा कि आम चुनाव के लिए हाल में जारी कांग्रेस के घोषणापत्र से ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ की बू आ रही है. उन्होंने कहा कि इस पर मुस्लिम लीग की छाप है और ‘हर पन्ने से भारत को तोड़ने की गंध आ रही है.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “यह इतना सुंदर घोषणापत्र है कि प्रधानमंत्री इसकी आलोचना के लिए एक शब्द भी नहीं ढूंढ पाए. इसलिए उन्होंने एक रास्ता निकाला और लोगों को भ्रमित करने के लिए मुस्लिम लीग का ‘जुमला’ उछालने की सोची.” गहलोत ने कहा, “हम खुद भी हैरान हैं. मुस्लिम लीग कहां से बीच में आ गई?” पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने सोसल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा है कि “मैंने वैभव को अब आपको सौंप दिया है.” उन्होंने यह भी लिखा है कि, “वैभव आप सबका अपना है. मेरा अनुरोध है कि आप क्षेत्र की तरक्की के लिए उसे अपना आशीर्वाद दें. नामांकन में आप सभी के इस उत्साहजनक व गर्मजोशी भरे समर्थन का दिल से आभार.” खैर अब देखना ये होगा कि कांग्रेस और बीजेपी में से कौन राजस्थान में ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब हो पाता है और बड़ी जीत हासिल करता है अब देखना यह भी होगा कि इस बार के चुनाव में राजस्थान की जनता क्या भूमिका निभाती है।

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