ऐन मौके पर कांग्रेस ने बदला फैसला, राहुल की जगह गोगोई लाए अविश्वास प्रस्ताव, भाजपा बोली- नींद नहीं खुली होगी

नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करने वाले थे। कांग्रेस पार्टी ने इस बाबत यूट्यूब लिंक भी जारी कर दिया था। हालांकि ऐन मौके पर कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला बदल दिया और सांसद गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की। गोगोई ने जैसे ही चर्चा की शुरुआत की वैसे ही सत्ता पक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गोगोई को बोलने पर सवाल उठाया।
जोशी ने कहा कि सुबह स्पीकर ऑफिस में जो लैटर आया था उसके मुताबिक चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करने वाले थे, लेकिन गौरव गोगोई बोलने जा रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वो राहुल गांधी को सुनना चाहते हैं। इसी दौरान सत्तापक्ष के सांसदों ने सवाल उठाया कि ऐसा क्या हुआ कि ऐन मौके पर कांग्रेस ने ये फैसला बदल लिया। इन्हीं सवालों के बीच गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की।
हालांकि बीजेपी का हमला जारी रहा। गौरव गोगोई ने जब प्रस्ताव पेश कर दिया उसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी राहुल की जगह गोगोई के प्रस्ताव पेश करने पर सवाल उठाया है। दुबे ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है राहुल, आज देर से उठे होंगे इसलिए नहीं बोल पाए। राहुल गांधी की आज की तैयारी नहीं थी।
सदन में नोकं-झोंक के बीच गौरव गोगोई ने प्रस्वात पेश किया। चर्चा शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि वो अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि ये प्रस्ताव संख्या बल को लेकर नहीं है बल्कि मणिपुर के लिए न्याय को लेकर है। गौरव गोगोई ने इसी कथन के साथ सदन में प्रस्ताव पेश किया और कहा कि वो सरकार में अविश्वास व्यक्त करते है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र मणिपुर के लिए ये प्रस्ताव लाया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर न्याय मांग रहा है।
प्रस्ताव पर बोलते हुए गौरव गोगोई ने जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया वैसे ही केंद्रीय गृह मंत्री समेत सत्ता पक्ष के सांसद भडक़ उठे। गृह मंत्री शाह ने कहा कि वो मुद्दे से भटक रहे हैं। स्पीकर के दखल के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई।
गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वो वाकया याद दिलाया जब अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म का पालन करने की बात कही थी। कांग्रेस पार्टी के सांसद ने इसी दौरान सरकार से सवाल किया कि मणिपुर दो महीनों से जल रहा है, उसके बाद भी मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया गया।

 

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