कांग्रेस महासचिव का दावा- मोदी से पहले भी कई नेता ले चुके तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ

नई दिल्ली। शनिवार को कांग्रेस ने दावा किया कि यह लोकसभा चुनाव का जनादेश पीएम नरेंद्र मोदी की नैतिक, राजनैतिक और व्यक्तिगत हार है। वे अब अपने दयनीय चुनाव प्रदर्शन को सही ठहराने की कवायद जारी है।
देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हुए, जिसका परिणाम मंगलवार 4 जून को चुनाव आयोग ने जारी किया। लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर हुआ। इसमें भाजपा ने इस चुनाव में 240 सीटें जीतीं। भाजपा का यह आंकड़ा कुल सीटों के मुकाबले काफी कम है। लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सीटें मिलकर 293 हुई हैं।
इस लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल काफी मजबूती के साथ उभर कर सामने आया है। विपक्षी नेताओं ने चुनावी रैलियो में पूरा जोर लगा दिया। इस चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर अपना कब्जा किया। वहीं इंडी गठबंधन 230 सीट जीत सका। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि यह चुनाव पीएम मोदी की नैतिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत हार है, वे इसमें सकारात्मक पहलू तलाशने का ढोल बजाना शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इसका प्रचार किया जा रहा है कि जवाहरलाल नेहरू के बाद पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार जनादेश पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि किसी पार्टी को 240 सीटों पर जीतना और ‘एक तिहाई’ सीट पर प्रधानमंत्री बनना, यह जनादेश कैसे हैं, यह तो नहीं बताया गया?
जयराम रमेश ने कहा कि दूसरी ओर जवाहर लाल नेहरू को 1952 में 364 सीटें, 1957 में 371 सीटें और 1962 में 361 सीटें मिलीं। मतलब हर बार 2/3 बहुमत मिला था। फिर भी वे एक पूर्ण लोकतांत्रिक बने रहे। उन्होंने अपनी निरंतर उपस्थिति के साथ संसद को बहुत सावधानी से पोषित करते रहे। उन्होंने कहा कि मोदी नेहरू के बाद से तीन बार शपथ लेने वाले एकमात्र व्यक्ति नहीं हैं – चाहे लगातार हो या नहीं।
कांग्रेस महासचिव ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1996, वर्ष 1998 और वर्ष 1999 में तीन बार शपथ ली थी। यही नहीं इंदिरा गांधी ने भी वर्ष 1966, वर्ष 1967, वर्ष 1971 और वर्ष 1980 में 4 बार शपथ ली थी।उन्होंने कहा कि 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी के दयनीय चुनावी प्रदर्शन को सही ठहराने के लिए ढोल पीटने वाले कुछ भी करने की कोशिश करेंगे।

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