कांग्रेस ने भाजपा पर किया तीखा हमला
- चंदे में धंधा करने का लगाया आरोप
- सत्ता पक्ष का खेल खतरनाक : खरगे
- कांग्रेस को कमजोर करने की हो रही कोशिश
- राहुल बोले- भारत से खत्म हो रहा लोकतंत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने काउंट्स फ्रीज करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। इसी के साथ मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं है। दुनिया सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने की बात झूठी है। भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का बैंक अकाउंट फ्र ीज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के पास 2 रुपये नहीं है कि वह नेताओं की मदद कर सके यहां तक कि टिकट खरीदने के पैसे भी नहीं हैं।
देश में हर कोई जानता है कि जब उसका बैंक अकाउंट, एटीएम कार्ड या उसकी फाइनेंशियल आइडेंटिटी मिटा दी जाए, तो कितनी मुश्किलें आती हैं। अगर ऐसा किसी परिवार के साथ किया जाए तो वो भुखमरी से मर जाएगा। किसी बिजनेस के साथ किया जाए तो वह बर्बाद हो जाए, ऐसा ही कांग्रेस के साथ किया गया है, हम अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं को पैसा नहीं दे पा रहे हैं।
जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा : सोनिया
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस दौरान ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ कांग्रेस को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र को भी बुनियादी तौर पर प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय राष्टï्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास चल रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। एक तरफ इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है। चुनावी बांड से भाजपा को भारी फायदा हुआ। दूसरी ओर, प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस – की वित्तीय स्थिति पर निर्णायक हमला हो रहा है। हम सभी का मानना है कि यह अभूतपूर्व और अलोकतांत्रिक है।
चुनावी बॉन्ड से देश की छवि को पहुंची ठेस : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि ईडी, आईटी और अन्य स्वायत्त संस्थाओं पर नियंत्रण हो। पिछले कुछ दिनों में स्ष्ट के हस्तक्षेप के बाद चुनावी बॉन्ड को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, उससे देश की छवि को ठेस पहुंची है। खडग़े ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को अवैध और असंवैधानिक बताया। उस योजना के तहत वर्तमान सत्ताधारी दल ने अपने खाते हजारों-करोड़ों रुपये से भर दिये। वहीं दूसरी ओर एक साजिश के तहत मुख्य विपक्षी दल का बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है। ताकि, धन के अभाव में चुनाव लडऩे में समान अवसर न मिले। उन्होंने कहा कि यह सत्ता पक्ष का खतरनाक खेल है जिसका दूरगामी असर होगा। अगर इस देश में लोकतंत्र को बचाना है तो बराबरी का मौका बनाना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं यह नहीं बताना चाहता कि भाजपा ने कुछ कंपनियों से कैसे पैसा लिया। चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है, मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही हमारे सामने होगी। उन्होंने कहा कि मैं संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों तक स्वतंत्र रूप से पहुंचने की अनुमति देनी चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता है।
हम देश के 20 फीसद लोगों की बुलंद आवाज : राहुल
कांग्रेस नेता ने कहा, हमारे नेता हवाई सफर नहीं कर पा रहे हैं। यहां तक कि वे ट्रेन सफर भी नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए अपने नेताओं को एक शहर से दूसरे शहर भेजना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा,आज हम विज्ञापन नहीं दे पा रहे हैं, देश के 20 फीसदी लोग हमें वोट देते हैं, लेकिन आज हम 2 रुपये की पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा हमें चुनाव में अपंग बनाने के लिए किया गया है। राहुल ने संवैधानिक संस्थाओं पर भी सवाल उठाए और कहा, देश में संवैधानिक संस्थाएं मौजूद हैं। कोर्ट, चुनाव आयोग और अन्य संस्थाओं ने ये सब होते हुए देखने के बाद भी कुछ नहीं कहा है, चुनाव आयोग ने भी कुछ नहीं कहा है, ये आपराधिक काम है।
2 चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर नहीं लगेगी रोक
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अफरातफरी मच जाएगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह इस स्तर पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर कानून पर रोक नहीं लगा सकता क्योंकि इससे चुनाव से पहले अराजकता पैदा हो सकती है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 के कानून के तहत नए चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन पैनल से बाहर रखा गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे इस तथ्य को इंगित करते हुए एक अलग आवेदन दायर करें, जिन्होंने बताया कि ईसी के चयन के लिए एक बैठक पहले से आयोजित की गई थी। पीठ ने 2023 के कानून के अनुसार की गई नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि आम तौर पर और आम तौर पर हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं। इसने 2023 कानून के तहत दो ईसी की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टाल दी थी।
सीजेआई को पैनल से बाहर करने को दी थी चुनौती
वकील प्रशांत भूषण एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) की ओर से अदालत में पेश हुए, जिसने सीजेआई को पैनल से बाहर करने को चुनौती दी है और कहा है कि स्वस्थ लोकतंत्र बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग को राजनीतिक और कार्यकारी हस्तक्षेप से अलग रखा जाना चाहिए। यह सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को गुरुवार को ईसी के रूप में नियुक्त किया गया था। इनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा किया गया।
ईडी के खिलाफ फिर कोर्ट की शरण में केजरीवाल
- कोर्ट बोली- सीएम के खिलाफ सबूत दे ईडी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी से कहा कि उसके पास अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबूत हो तो वह उसे पेश करे। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर कर अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग की है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली खंडपीठ आज सुबह मामले की सुनवाई करेगी। कल दिल्ली हाईकोर्ट में उनके मामले की सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने कहा कि उन्हें आशंका है कि ईडी उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और अगर उन्हें सुरक्षा दी जाती है तो वे पेश होने के लिए तैयार हैं। केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर कर अपने खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग की है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली खंडपीठ आज सुबह मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।