कोर्ट ने सरकार को दी हार्दिक पटेल के केस को वापस लेने की अनुमति

गुजरात बीजेपी नेता और विधायक हार्दिक पटेल को अब तक की सबसे बड़ी राहत मिली है... हार्दिक पटेल अब राजद्रोही नहीं गिने जाएंगे....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अहमदाबाद शहर की एक सत्र अदालत ने शनिवार को राज्य सरकार को 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान भाजपा विधायक हार्दिक पटेल…. और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ 10 साल पहले दर्ज राजद्रोह का मामला वापस लेने की अनुमति दे दी….. बता दें कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के तत्कालीन संयोजक हार्दिक पटेल, दिनेश बंभानिया, चिराग पटेल, केतन पटेल और अल्पेश कठेरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी….. उन पर आईपीसी की धारा 124 (देशद्रोह) और 121 (राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ना) के तहत मामला दर्ज किया गया था….. लेकिन हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 121 को खारिज कर दिया….. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 2018 में आरोप तय किए थे….. हालांकि, इससे पहले केतन पटेल ने इस मामले में दोषी करार दिया….. और सरकारी गवाह बन गया….. कोर्ट ने उसे माफी दे दी थी…..

वहीं राज्य सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह पाटीदार युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना चाहती है….. तदनुसार, जिला कलेक्टर ने 18 फरवरी को विशेष सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट को सीआरपीसी की धारा 321 के प्रावधानों के तहत मामला वापस लेने के लिए पत्र लिखा….. इस मामले में अब तक केवल एक गवाह की जांच की गई है….. और उसकी जिरह अभी भी होनी है….. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में राजद्रोह के सभी मामलों में कार्यवाही पर रोक लगा दी….. बता दें कि अधिवक्ता ब्रह्मभट्ट द्वारा दायर आवेदन पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमपी पुरोहित ने दो आदेश पारित कर राज्य सरकार को देशद्रोह के आरोपी पांच व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की अनुमति दे दी…..

आपको बता दें कि अभियोजन पक्ष का कहना था कि आरोपी व्यक्तियों को इस तथ्य की जानकारी होने के बावजूद कि पाटीदार/पटेल जाति को ओबीसी की सूची में शामिल करना कानूनी…. और सामाजिक रूप से संभव नहीं है….. और उन्होंने पाटीदार समुदाय के सदस्यों को इसके लिए आंदोलन करने के लिए उकसाने की साजिश रची….. सरकार ने आरोप लगाया कि यह साजिश पहले से ही रची गई थी….. और नफरत और अवमानना फैलाने तथा गुजरात सरकार के प्रति असंतोष भड़काने के उद्देश्य से इसे अंजाम दिया गया था….. हार्दिक पर सूरत में देशद्रोह का एक और मामला भी चल रहा है….. इसके अलावा कई अन्य मामले भी चल रहे हैं….. जिनमें मुख्य रूप से स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा जारी अधिसूचनाओं के उल्लंघन का मामला शामिल है…..

आपको बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार की तरफ से राजद्रोह का केस वापस लेने का ऐलान किया गया था….. वहीं अब अहमदाबाद की सेशंस कोर्ट ने सरकार को केस वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी है….. ऐसे में अब हार्दिक पटेल राजद्रोही नहीं रहेंगे….. जल्द ही केस वापस लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी….. हार्दिक पटेल के साथ उनके तमाम सहयोगियों को भी इस फैसले से राहत मिली है….. वहीं पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और उनके साथियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था….. आंदोलन के बाद हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए थे….. 2022 गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले हार्दिक पटेल अहमदाबाद की वीरमगाम सीट से लड़े…. और बीजेपी के विधायक बन गए थे….. वे मौजूदा गुजरात विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक हैं….. बीजेपी में आने के बाद से हार्दिक पटेल वीरमगाम में सक्रिय हैं….. और उन्होंने हाल ही में विरमगाम में नशामुक्ति अभियान का शुभारंभ किया था…..

वहीं हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह का वापस लिए जाने से उनके सहयोगियों को राहत मिलेगी….. इनमें दिनेश बांभणिया, अल्पेश कथीरिया…. और चिराग पटेल का नाम शामिल है….. पाटीदार नेता दिनेश बांभणिया ने बड़ा दावा किया है कि उन्हें देशद्रोह समेत कई मामलों से बरी कर दिया गया है….. और उन्होंने दावा किया कि हार्दिक पटेल, अल्पेश कथीरिया और चिराग पटेल को रिहा कर दिया गया है….. आनंदीबेन पटेल सरकार द्वारा दर्ज मामले भूपेंद्र पटेल सरकार द्वारा वापस ले लिए गए….. भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल को अदालती कार्यवाही से पहले ही बरी कर दिया गया….. जब सरकार ने यह निर्णय लिया था तब हार्दिक पटेल ने एक्स पर धन्यवाद दिया था….

 

Related Articles

Back to top button